चंडीगढ़, 4 मई। प्रवासियों की आमद और राज्य में टैस्टों की सीमित क्षमता को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य और चंडीगढ़ में स्थित छह प्रमुख शोध संस्थाओं में तुरंत टेस्ट क्षमता बढ़ाकर रोजाना 2000 तक करने की मांग की।
यह प्रमुख संस्थाएं पी. जी. आई. चंडीगढ़ ( केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय), इमटैक-सी. एस. आई. आर. चंडीगढ़ ( डी. एस. टी.) आई. आई. एस. ई. आर. मोहाली ( केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय), एन. आई. पी. ई. आर. मोहाली ( डीओ. पीएच)., नेशनल एग्रीकल्चरल बायोटैक्नॉलोजी इंस्टीट्यूट मोहाली ( डीओ. बी.टी.) और सेंट्रल यूनिवर्सिटी बठिंडा ( केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय) हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आज पत्र लिखकर कोविड-19 संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया में राज्य सरकार की मदद के लिए टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए इन संस्थाओं को तुरंत हिदायतें जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा की भारत सरकार के समय-समय पर जारी हुए दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य सरकार कोविड-19 की महामारी की रोकथाम के लिए हर संभव यत्न कर रही है।
अपने पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा की राज्य सरकार पंजाब और चंडीगढ़ स्थित भारत सरकार की इन संस्थाओं को रोजाना 2000 टैस्टों की क्षमता मुहैया करवाने की अपील पहले ही कर चुकी है।
यह जिक्रयोग्य है की राज्य द्वारा कोविड के लिए अब तक 24,908 टेस्ट किये जा चुके हैं जिनमें से 1000 टेस्ट पॉजिटिव आए हैं। इन टैस्टों में से 20,729 टेस्ट पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किये गए हैं जिनकी रोजाना 1050 टेस्ट करने की क्षमता है जबकि बाकी टेस्ट प्राईवेट लैब के साथ-साथ केंद्र सरकार की लैबोरेटरियों में किये गए हैं। पंजाब की लैबोरेटरियों में पहले से ही एक दिन में तीन शिफ्टों में काम हो रहा है जो बहुत ज्यादा हैं जिस कारण टैस्टों की संख्या सीमित है।