चंडीगढ़, 4 मई। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छोटे, सूक्ष्म ,घरेलु और लघु उद्योगों की हालात पर चिंता जाहिर करते हुए सोमवार को केंद्र से अपील की कि वह इन उद्योगों को परिवार सदस्यों और पड़ोस में रहने वाले मजदूरों को लेकर काम करने की आज्ञा दें।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि सीमित जोनों से बाहर शहरी क्षेत्र मेंं पडऩे वाले ऐसे उद्योगों को काम करने की अनुमति दी जाए बशर्ते वे कोविड रोकथाम उपायों और इससे संबंधित जारी दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रयास लघु, छोटे, मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के क्षेत्र को कायम रखने के साथ-साथ श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए फायदेमंद होगा।
इस बात पर जोर देते हुूये कि इस मुख्य तौर पर अन्य राज्यों से आये हुये लोगों के कारण पंजाब के बहुत से औघोगिक शहर हाल ही मेें रेड जोन में आए हैं, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि इन पाबंधियों के कारण उद्योगों का पुन: चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में अधिकांश लघु, सूक्ष्म और छोटे उद्योग 2 से 5 व्यक्तियों के साथ काम कर रहे थे जो वहां आसपास ही रहते हैं और ज्यादातर मामलों में बिना किसी बाहरी श्रमिकों के केवल परिवारिक सदस्य ही इन उद्योगों को चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर ये छोटी इकाइयाँ, बड़ी इकाइयों की विक्रेता होती हैं और इनको कुछ जरूरी साजो सामान की आपूर्ति करते हैं। यदि इस सामान की आपूर्ति नहीं होती तो बड़ी इकाईयों को इजाजत दिये जाने पर भी वे चल नहीं सकतीं । उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 10 (2) (9) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों / हिदायतों में संशोधन करने की मांग की जिससे सीमित क्षेत्रों को छोडक़र शहरी क्षेत्रों में विभिन्न उद्योगों को काम करने की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने अमित शाह को पैरा नं. 7 (2) (बी) के तहत इन दिशा-निर्देशों में संशोधन करने के लिए अपने मंत्रालय को हिदायत करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने के लिए अपील की, क्योंकि इस धारा के तहत ही पंजाब में उक्त उद्योगों को चलाने की अनुमति देने की छूट पर प्रतिबंध लगाया हुया है।
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