संविधान को अपनाए जाने की 70वीं वर्षगाँठ पर पंजाब सरकार संविधान के महत्वपूर्ण ढांचे ‘मौलिक कर्तव्यों ’ सम्बन्धी जागरूकता पैदा करने के लिए एक राज्य स्तरीय मुहिम चलाएगी। इस सम्बन्धी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि का पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया है। यह जागरूकता मुहिम आज से शुरू होकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर की जन्म वर्षगाँठ के मौके पर 14 अप्रैल 2020 को ‘समरसता दिवस’ के मौके पर शिखर पर पहुँच कर समाप्त होगी।
इस सम्बन्धी प्रस्ताव संसदीय मामलों संबंधी मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने पेश किया जो कि सर्वसम्मति से पास हो गया। इस प्रस्ताव सम्बन्धी हुई बहस को समेटते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने कहा कि डॉ. अम्बेदकर की जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अम्बेदकर ने सभी देशों के संविधान पढक़र उनकी अच्छी बातें भारतीय संविधान में शामिल की। उन्होंने अधिकारों के साथ-साथ लोगों को जि़म्मेदारियों का एहसास करने की वकालत भी की। उन्होंने वातावरण को बचाने और भाईचारक सांझ को बचाकर रखने का मुद्दा उठाया। देश के विभिन्न हिस्सों में असंवैधानिक कार्यवाहियों की निंदा की। उन्होंने कहा कि 85वें संशोधन को लागू करने का मुद्दा जल्द ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ विचारा जायेगा।
इससे पहले ‘संविधान दिवस’ के मौके पर हुए विशेष समागम के दौरान अपने विचार प्रकट करते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने संविधान की कॉपी सभी सदस्यों में बाँटने की माँग की। तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने संविधान के विलक्षण गुणों की बात करते हुए कहा कि धर्म निरपेक्षता राज का विशेष गुण है और संविधान ने प्रत्येक को बराबर का दर्जा दिया है। विधायक डॉ. राज कुमार वेरका ने कहा कि संविधान में महिलाओं को सशक्त किया गया है जिसमें प्रत्येक को बराबर के मौके प्रदान होते हैं।
इसके अलावा सरवजीत कौर माणूके, परमिन्दर सिंह ढींडसा, कुलतार सिंह संधवां, पवन कुमार टीनू, कँवर संधू, डॉ. सुखविन्दर कुमार, परमिन्दर सिंह, सिमरजीत सिंह बैंस, हरिन्दर सिंह चन्दूमाजरा, प्रिं. बुद्ध राम, सुशील कुमार रिंकू, बिक्रम सिंह मजीठिया, जय किशन रोड़ी और विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने भी अपने विचार पेश किये। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने ‘संविधान दिवस’ की बधाई दी।