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यूके कंट्री सेशन के दौरान पंजाब में विकास को बढ़ावा देने हेतु नवाचार की महत्ता पर दिया गया ज़ोर

यूके कंट्री सेशन के दौरान पंजाब में विकास को बढ़ावा देने हेतु नवाचार की महत्ता पर दिया गया ज़ोर
  • PublishedDecember 5, 2019

एस.ए.एस. नगर, 5 दिसंबर:नवाचार पंजाब के विकास की कुंजी है और राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए निवेश में कोई कमी नहीं है। यह विचार प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन के पहले दिन यूके कंट्री सेशन के दौरान मुख्य वक्ताओं ने व्यक्त किए।चर्चा के दौरान कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और परिधान क्षेत्र, मशीन और हस्त उपकरण, कृषि-उपकरण निर्माण, ऑटोमोबाइल, साइकिल के कल-पुर्जे, खेल के सामान, लाईट इंजीनियरिंग क्षेत्र, धातु विज्ञान क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग के संभावित अवसरों पर विचार-विमर्श हुआ।अपने शुरूआती संबोधन में पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव-सहयोग, कल्पना मित्तल बरुआ ने राज्य की औद्योगिक नीति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल पंजाब में उद्योग स्थापित करने के लिए सुगम वातावरण प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है बल्कि इससे राज्य के विकास को भी सहायता मिल रही है।
बरुआ ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण माहौल, कुशल कार्यबल की प्रचूर उपलब्धता और 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली पंजाब में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाई है।’’ उन्होंने दोनों देशों के बीच औद्योगिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए पंजाब और यूके के बीच ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक संबंधों के बारे में भी बात की।पंजाब और यूके के बीच संबंधों के बारे में बोलते हुए यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट-इंडिया के महानिदेशक, क्रिस्पिन साइमन ने औद्योगिक निवेश के लिए पंजाब को सबसे अच्छी जगह बताया। उन्होंने पंजाब में बायोटैक्नोलॉजी, कौशल विकास और चावल के भंडार स्थापित करने संबंधी बात की। साथ ही उन्होंने पराली जलाने की समस्या के समाधान में पंजाब सरकार की भूमिका की भी सराहना की।यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के निदेशक दिव्या द्विवेदी ने संघीय संरचना, पंजाब के आकर्षक बाजार तथा पंजाब के यूके के साथ सामाजिक-आर्थिक संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि यूके दुनिया का सबसे बड़ा पंजाबी प्रवासी वाला देश है। उन्होंने एयरोस्पेस, रक्षा, डेटा प्रबंधन, नवाचार केंद्र और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में यूके और पंजाब के बीच सहयोग के बारे में भी बात की।भारतीय बाजार के लिए दैनिक जरूरतों के सामान बनाने के नए अवसरों संबंधी अपने विचार साझा करते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर के सीएफओ श्रीनिवास फाटक ने कहा कि ‘इनवेस्टमेंट इन पंजाब’ द्वारा उत्तर भारत के बाजार की जरूरत को पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब में निवेश करने का हमारा पिछला और हालिया अनुभव हमारी कंपनी के समग्र विकास में मददगार साबित हुआ है,’’।
सीएसआईआर-एमटैक के निदेशक डॉ. मनोज राजे ने पंजाब में अधिक औद्योगिक इकाइयों को लाने के लिए मिट्टी, पानी और प्रदूषण में माइक्रोबियल आधारित अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया। टाइनर ओर्थोटिक्स-पी के सीईओ और सीएमडी जे सिंह ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवाचार के बारे में बात की और अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पहने जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने विदेशी कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम शुरू करने के अपने पिछले अनुभवों को भी साझा किया और कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नवाचार के लिए पर्याप्त संभावना है।शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों संबंधी बात करते हुए बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रोफेसर फिलिप प्लोडेन ने पंजाब और यूके के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इस सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकेगा’’।
 कोऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार, विकास गर्ग आईएएस ने अपने समापन भाषण में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।

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The Punjab Wire