बायो-मैडीकल अवशेष को नियमों अनुसार सुरक्षित और वैज्ञानिक ढंग से ही निपटाया जाए- सिद्धू
चंडीगढ़, 3 दिसंबर-बायो मैडीकल वेस्ट (बी.एम.डब्ल्यु) मैनेजमेंट रूल्ज 2016 के उल्लंघन के सम्बन्ध में आई रिपोर्टों का गंभीर नोटिस लेते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने उक्त नियमों के पालन के लिए सरकारी और प्राईवेट स्वास्थ्य सहूलतें देने वाली संस्थाओं को कड़े निर्देश जारी किये हैं।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि बायो मैडीकल अवशेष मानवता और वातावरण के लिए एक संभावित ख़तरा है जिस तरह पराली जलाने, औद्योगिक अवशेष, सिवरेज और अन्य प्रदूषण हैं। जिसके लिए बायो -मैडीकल अवशेष को नियमों के मुताबिक सुरक्षित और वैज्ञानिक ढंग से ही निपटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि स्वास्थ्य सहूलतें प्रदान करने वाली कई संस्थाएं अपने बायो मैडीकल अवशेष का वैज्ञानिक ढंग से निपटारा नहीं कर रही हैं जिससे बड़े स्तर पर संक्रामक बीमारियाँ विशेषकर एच.आई.वी, हैपेटाईटस बी और सी और टैटनस में विस्तार होता है।
उन्होंने आगे कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य में सुरक्षित और बीमारी मुक्त वातावरण मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है और इस सम्बन्धी कई अलग-अलग कदम उठाए गए हैं।
बलबीर सिंह सिद्धू ने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जि़ला और ब्लॉक स्तर पर बायो वेस्ट मैनेजमेंट सम्बन्धी निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिवल सर्जनों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वह पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सहयोग से मापदंडों के यथावत पालन को यकीनी बनाएं।मंत्री ने कहा कि वाटर (प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल ऑफ पल्यूशन) एक्ट, 1974 और एयर (प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल ऑफ पल्यूशन) एक्ट, 1981 के अंतर्गत आते सभी अस्पतालों को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से काम करने सम्बन्धी सहमति लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि निर्धारित नियमों का पालन करते हुए बायो मैडीकल अवशेष का रिकार्ड हरेक स्वास्थ्य संस्था द्वारा उचित प्रबंधों के अनुसार रखा जाना ज़रूरी है जिसका ऑडिट राज्य और जि़ला स्तरीय जांच टीमों द्वारा किसी भी समय किया जा सकता है। उन्होंनेे यह भी कहा है कि उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जायेगा और गलत काम करने वाले अधिकारियों और जि़म्मेदार व्यक्तियों के खि़लाफ़ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बलबीर सिंह सिद्धू ने स्पष्ट किया कि बायो -मैडीकल कूड़े या अवशेष का अर्थ है कोई ठोस और/या तरल अवशेष जिसमें इसके डिब्बे और कोई भी बीच का उत्पाद शामिल होता है, जो मानव या जानवर की जांच, इलाज या टीकाकरण के दौरान पैदा होता है या इससे सम्बन्धित या खोज कार्य जैविक या स्वास्थ्य कैंप के उत्पादन या टेस्टिंग जैसे कि मानवीय शरीर वैज्ञानिक अवशेष जैसे टिशूओं, ऑर्गन और शरीर के अंग, हाईपोडर्मिक सूइयां, सिरिंजें, टूटे हुए कांच, फेंकी हुई दवा, खून की थैली, रबड़ के दस्ताने, सभी उपयोग की गई चिकित्सा वस्तुएंं, और साइटोटोक्सिक दवा आदि का बी.एम.डब्ल्यू नियम के अनुसार वैज्ञानिक तौर पर निपटारा किया जाना चाहिए।