मध्य प्रदेश के राजनैतिक घटनाक्रम को ‘आया राम गया राम बताया’ कहा, इसमें ज़रूर पैसा शामिल
चंडीगढ़, 19 मार्च: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को यह स्पष्ट कर दिया कि वह राष्ट्रीय राजनीति के लिए पंजाब को छोडऩे में कोई रुचि नहीं रखते। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करें और इसकी शान को पुनर्जीवित करने के लिए पूरी तरह समर्थ हैं।
अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर करवाए गए समारोह को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली लीडरशिप का चुनाव कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) पर टिकी हुई है और हर कोई चाहता है कि 130 साल पुरानी पार्टी फिर सत्ता में आए और खोई हुई शान को फिर से हासिल करे।
नई लीडरशिप के उभार की ज़रूरत को समझते हुए कैप्टन अंमरिन्दर ने कहा कि सोनिया गांधी को आगे आने के लिए कहना उचित नहीं है, क्यांकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उन्होंने कहा कि कई सालों से सोनिया गांधी के साथ काम करने के बाद उन्होंने देखा कि वह एक योग्य नेता हैं जो एक व्यक्ति को नौकरी देने और उसे सहारा देने में सहायता प्रदान करने के आधुनिक संकल्प में विश्वास रखते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के पास पार्टी के नेता के तौर पर नेतृत्व करने का सामथ्र्य है परन्तु ऐसा लगता है कि उन्होंने पार्टी की वागडोर न संभालने की जि़द कर पकड़ी हुई है। भारत में नौजवानों की 70 प्रतिशत आबादी होने के कारण नौजवान लीडरशिप की ज़रूरत को नजऱअंदाज़ नहीं किया जा सकता और राहुल यह भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जीत और हार राजनीति का हिस्सा है और एक हार (2019 के लोकसभा चुनाव) राहुल गांधी को रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने पहले दो चुनावों में हारा था, परन्तु अगर मैं इस हार से निराश होकर घर बैठ जाता तो मैं आज इस जगह पर न होता।’’
प्रियंका गांधी को अपनी माँ और दादी दोनों के गुणों वाली एक समझदार और दृढ़ इरादों वाली महिला बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल और प्रियंका दोनों सख्त हैं परन्तु हमसे बहुत नम्रता रखते हैं।
कांग्रेस के नए प्रधान के तौर पर उनको पद संभालने के लिए कहने की संभावना संबंधी बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह पंजाब छोडऩा नहीं चाहते और वह अपने राज्य के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह दो बार संसद मैंबर रह चुके हैं परन्तु वह इसको पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग स्थानीय नीतियों से ज्य़ादा प्रभावित हैं और राष्ट्रीय नीतियों की परवाह नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के राजनैतिक घटनाक्रम को ‘आया राम गया राम ’ बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि सभी मामलों में पैसा शामिल था। उन्होंने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के काम करने की विधि नहीं है। उन्होंने कहा कि इसको दो बार चुनी हुई सरकार को सत्ता से बाहर निकालने के लिए निदंनीय ढंग कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी चीज़ लोकतांत्रिक प्रणाली को कमज़ोर करती है।