कहा, परन्तु पुलिस इससे सफलतापूर्वक निपट रही है
लैफ्टीनैंट जनरल सतीश दुआ ने पाकिस्तान से हथियारों और नशों को ला रहे ड्रोनों को रोकने के लिए ख़ुफिय़ा सूचना की ज़रूरत संबंधी बताया
चंडीगढ़, 19 मार्च: पंजाब के डीजीपी श्री दिनकर गुप्ता ने सोशल मीडिया के द्वारा नौजवानों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिशों को एक बड़ी चुनौती बताया है परन्तु साथ ही यह भी कहा कि पंजाब पुलिस ने इसका मुकाबला करने के लिए मिसाली काम किया है जबकि सरहद पार से आतंकवाद को रोकने के लिए पूरी तरह चौकस भी रहा है।
सरहद पार से आतंकवाद को रोकने पर बातचीत के दौरान डीजीपी ने कहा कि 1980 से 1993 के आतंकवाद कीअवधि के दौरान पंजाब में लक्षित कर कत्ल हुए और आतंकवाद बहुत ज़्यादा क्रियाशील था। तकरीबन 28000 लोग अपनी जानें गवा बैठे परन्तु पंजाब पुलिस ने राज्य के लोगों के सहयोग और मज़बूत राजनैतिक इच्छा के साथ इस दहशत पर काबू पाया था।
उन्होंने याद किया कि ‘‘जब मैं 1992 में होशियारपुर में एसएसपी तैनात था तो तब आतंकवाद एक बड़ी समस्या थी, परन्तु उस समय डीजीपी केपीएस गिल थे, जिनको सबसे बेहतर पुलिस नेता माना जाता था। उन्होंने पंजाब के आतंकवाद की जड़ें हिला दीं। उस समय नेताओं ने भी पंजाब पुलिस में ऊर्जा भर दी और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में मज़बूत रहने के लिए प्रेरित किया।’’
डीजीपी ने कहा कि एक सरहदी राज्य होने के कारण पंजाब में पाकिस्तान अपने खालिस्तानी एजंडे के साथ नौजवानों को भडक़ाने के लिए नशे की तस्करी और आंकतवाद को फिर से पैदा करने के लिए ड्रोनों का प्रयोग कर रहा है। डीजीपी ने कहा कि अति आधुनिक हथियार, हथगोले और नशीले पदार्थ ड्रोनों के द्वारा भारत भेजे गए। उन्होंने कहा, ‘‘हालाँकि, उच्च स्तरीय निगरानी और ख़ुफिय़ा सूचना के साथ, हम इस नयी चुनौती को काबू करने में काफ़ी सफल हुए हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि पंजाब पुलिस ने अब तक 32 आतंकवादी गुटों का भी पर्दाफाश किया है।
डी.जी.पी ने कहा कि पाकिस्तान की लम्बी सरहद हमारे लिए हमेशा चुनौती बनी रहेगी। इसके अलावा पाकिस्तान नशों की स्पलाई के नए ढंगों का प्रयोग कर रहा है, परन्तु हमारी सेना इस समस्या को हल करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नौजवानों को नशों से बचाने के लिए पुलिस की तरफ से सभी यत्न किये जा रहे हैं।
बी.एस.एफ के पूर्व डी.आई.जी आर.के. भार्गव ने कहा कि 1980 के बाद पाकिस्तान पंजाब राज्य के समुदायों को बाँटने के लिए पंजाब में आतंकवाद को शह दे रहा है, परन्तु भारतीय सुरक्षा बलों और पंजाब पुलिस ने उसके घिनौने मंसूबों को नाकाम किया है।
पूर्व चीफ़ इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ और कश्मीर के कोर्पस कमांडर लैफ्टिनैंट जनरल सतीश दुआ ने कहा कि राज्य पुलिस के अलावा कई एजेंसियों ने पंजाब में से आतंकवाद को ख़त्म करने में अहम भूमिका निभाई है। पड़ोसी देश द्वारा ड्रोन के प्रयोग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इन मशीनों को रोक पाने के लिए बहुत ही सटीक ख़ुफिय़ा जानकारी समय की ज़रूरत हैं।
पंजाब को सुरक्षित रखने के मुद्दे पर विचार करते ए.डी.जी.पी कम्युनिटी अफेयर्ज़ गुरप्रीत कौर देयो ने कहा कि पंजाब में औरतों की सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है क्योंकि पंजाब में औरतों के विरुद्ध जुर्म, बलात्कार, शरीरिक शोषण और घरेलू हिंसा जैसी समस्याएँ खड़ी होती रही हैं। इसलिए पंजाब सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं और इसके हिस्से के तौर पर शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर पर अब तक 50000 कॉल आ चुकी हैं। इनमें से 21000 कॉल घरेलू हिंसा से सम्बन्धित थीं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बलात्कार पीडि़तों को सलाह देने के लिए 114 सांझ केंद्र भी खोले गए हैं।