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केंद्रीय बजट में कोई ठोस नहीं बल्कि शोशेबाज़ी की घोषणाएं ही हैं: कैप्टन अमरिन्दर सिंह

केंद्रीय बजट में कोई ठोस नहीं बल्कि शोशेबाज़ी की घोषणाएं ही हैं: कैप्टन अमरिन्दर सिंह
  • PublishedFebruary 1, 2020

कहा, ‘‘बजट ने साफ़ किया कि सरकार के लिए आर्थिकता कोई पहल नहीं है बल्कि उसका एजेंडा सिफऱ् नकारात्मक और विभाजनकारी है’’

चंडीगढ़, 1 फरवरी:केंद्रीय बजट पर बरसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं है बल्कि शोशेबाज़ी की घोषणाएं ही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस बजट के द्वारा साफ़ कर दिया है कि आर्थिकता उनकी पहल नहीं है बल्कि उनका एजेंडा नकारात्मकता और विभाजनकारी है।

उन्होंने कहा कि बजट में कुछ नहीं है जो आर्थिक सुधारों का रास्ता साफ करे या सार्वजनिक खपत को बढ़ा सके ताकि आर्थिकता एक बार फिर से मज़बूत हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में बयानबाज़ी के अलावा कुछ भी नहीं है जो समाज के किसी भी वर्ग की समस्याओं का हल कर सकता हो, चाहे वह किसान, नौजवान, व्यापारी या मध्यम वर्गीय और गरीब लोग हों।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह बजट व्यापारियों की भावनाओं को पुनर्जीवति करने की बजाय दिशा और सोच रहित है जिससे स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार को लोगों की इच्छाओं और ज़रूरतों की कोई परवाह नहीं है जिस कारण यह अर्थव्यवस्था को और नीचे की ओर लेकर जायेगा।वित्त मंत्री की 2019-20 की आर्थिक मंदी का जि़क्र करने में असफलता की तरफ इशारा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिद्ध करता है कि केंद्र का अर्थव्यवस्था को पेश समस्याओं से निपटने का कोई इरादा नहीं है। बजट ने सबकी उम्मीदों को चकना चूर किया है। जो किसान कजऱ्े और पराली जलाने की चुनौती के मुकाबले के लिए कोई हल का इन्तज़ार कर रहे थे, उनको निराशा ही हाथ लगी। उद्योगों की अनेदखी की गई, नौजवान भी अंधेरे में से आशा की किरण देखता रहा जिसको सरकार ने और भी अंधेरे में धकेल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के लिए 16 सूत्री एक्शन प्लान में कहीं भी फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा देने के लिए स्कीम शुरू करने या प्रोत्साहन देने का जि़क्र नहीं है। उन्होंने कहा कि अनाज के सुरक्षित भंडार पंजाब समेत दूसरे राज्यों में पहले ही किसानों पर दबाव डाल रहे हैं। किसानों के लिए यह बजट पूरी तरह निराशा वाला है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में असफल रही है जोकि आज के समय की बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने पूछा, ‘‘बजट में सिंचाई और बिजली क्षेत्र को मज़बूत और नवीनीकरण के लिए क्या किया गया है? यह बताया जाये कि इस तरह भारत बिना बुनियादी ढांचे के विकास कैसे कर सकेगा।’’

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यहाँ तक कि रक्षा क्षेत्र को भी बनता हक नहीं मिला जोकि इस ख़तरनाक समय में किसी भी सरकार के लिए प्रमुख पहल का क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि 10,340 करोड़ रुपए से रक्षा बलों के नवीनीकरण और नये हथियारों की खरीद के बजट को भद्दा मज़ाक बताया। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि हास्यप्रद है क्योंकि इससे अधिक तो साल के अंत तक एक आम मुलाज़ीम को भी मिल जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र राज्यों की माँगों को भी पूरा करने में असफल रहा जिनमें पंजाब को जी.एस.टी. का मुआवज़ा मिलने में देरी का मसला हल नहीं किया गया। उन्होंने माँग करते हुए पूछा, ‘‘राज्यों को विकास के लिए कहाँ से पैसा मिलेगा?’’कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बजट उद्योगों को प्रोत्साहन देने में भी असफल रहा। उन्होंने कहा कि उद्योग और वाणिज्य के प्रोत्साहन के लिए जारी किये 27,300 करोड़ रुपए केवल अल्प रकम है। हर जिले में एक्सपोर्ट हब स्थापित करने के लिए कुछ लोक-दिखावे वाली योजनाओं की भी घोषणा की गई है परन्तु उनको लागू करने सम्बन्धी किसी किस्म की रूप-रेखा का भी कोई जि़क्र नहीं किया गया जो दर्शाता है कि सरकार राष्ट्र के आर्थिक विकास और प्रगति से पूरी तरह अनजान है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि स्पष्ट तौर पर बजट में हर घोषणा में दूरदर्शीता की कमी झलकती है। बैंकों में ग़ैर-गज़टिड पद भरने के लिए ऑनलाइन भर्ती का फ़ैसला सिद्ध करता है कि सरकार देश में गरीब विद्यार्थियों में डिजिटल साक्षरता की कमी से अनजान है।मुख्यमंत्री ने बजट में पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि सिख कल्चर और विरासत को प्रोत्साहन देने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही क्योंकि न श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के लिए बजट में कुछ रखा गया है और न ही आने वाले समय में मनाए जाने वाले श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वेंं प्रकाश पर्व के लिए कुछ रखा गया है।

पानी की भारी किल्लत के बावजूद पंजाब को केंद्र द्वारा पानी के संरक्षण के लिए रखे गए जि़लों में से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि विशेष पर्यटन प्रोजेक्टों की घोषणा में सिफऱ् भाजपा साशित राज्यों को शामिल किया गया है। ऐसा व्यवहार संघीय देश के लिए असहनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अन्य क्षेत्र जो सचमुच पंजाब और अन्य सभी राज्यों के लिए गंभीर चिंता का विषय है, वह जी.एस.टी. मुआवज़ा फंड को जी.एस.टी. सैस अधीन एकत्रित करने तक सीमित करने का केंद्र का फ़ैसला है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह राज्यों के लिए मुश्किलों को और बढ़ा देगा जो जी.एस.टी. राजस्व में अपना हिस्सा डालने के लिए पहले से ही लम्बे समय से देरी के साथ बहुत जूझ रहे हैं।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह के अनुसार स्वास्थ्य के लिए भी पिछले साल के स्वास्थ्य बजट की अपेक्षा सिफऱ् 10 प्रतिशत वृद्धि की गई है जो कि देश के लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि टीबी को 2025 तक ख़त्म करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुरू किया ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ प्रोग्राम के लिए भी कोई अतिरिक्त राशि की घोषणा नहीं की गई और केवल शब्दों के साथ किसी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता।एन.डी.ए सरकार न सिफऱ् अपने पिछले किये वायदों को पूरा करने में असफल रही है, बल्कि इस बजट ने भी देश के लिए किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं जगाई है जो जनविरोधी नीतियों और एकतरफ़ा रवैए के कारण लगातार बुरे नतीजों को भुगत रहा है।

Written By
The Punjab Wire