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पर्यटकों को आखिर कैसे रिझाएगा मेहमान परिंदों का डेरा !

पर्यटकों को आखिर कैसे रिझाएगा मेहमान परिंदों का डेरा !
  • PublishedFebruary 3, 2020

फंड का आभाव तथा सरकारों की अनदेखी का शिकार केशोपुर छंब  

मनन सैनी

सरकार के लाख दावों के बावजूद आज केशोपुर छंब उपेक्षा का शिकार है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि विदेशी मेहमानों के आगमन के बावजूद मेजबान उस नैसर्गिक सौंदर्य में विदेशी प्रयटकों को आक्रषित क्यों नही कर पा रहा। ठंड के दिनों में विदेशी पक्षियों के प्रवास के दौरान आकर्षण का केंद्र बने इस छंब की सुंदरता में चार चांद क्यों नही लग पा रहा। लगभग 850 एकड में फैला पंजाब का यह पहले ​कम्यूनिटी रिजर्व क्यों विकसित नही हो पा रहा। कहा जाता है कि यहां कभी महाराजा रणजीत सिंह भी शिकार के लिए आते थे। ठंड के दिनों में आज भी यह स्थान विभिन्न प्रजातियों के साइबेरियन या अन्य विदेशी पक्षियों का डेरा बन जाता है। परन्तु वह अपनी संदुरता के बावजूद विदेशी या भारतीय प्रयटकों को अपनी तरफ आकृषित नही कर पा रहे।

हालाकि सरकारों की ओर से इस इलाको के विकसित करने की कई बार योजना तैयार करने की बात की जाती है। इस रिजर्व को विकसित करने के लिए ऐशियन डिवेल्पमेंट बैंक की ओर पैसे सैंशन हुए। हाल ही में पंजाब के गर्वनर वी पी सिंह बदनौर ने इस छंब का दौरा किया और खुद फोटोग्राफी भी की तथा राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस की परेड़ में भी छंब का नाम लेना नही भूले।

पूर्व कैबिनैट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इस कम्यूनिटी रिजर्व को विकसित करने संबंधी कई सपनों स्थानीय लोगो को दिखाए जो सिद्धू के मंत्री पद छोड़ने के उपरांत ही टूट कर बिखर गए। पूर्व प्रयटन मंत्री ने सैलानियों की सहायता के लिए 5 करोड़ रुपए से बने पर्यटक केंद्र का उद्घाटन किया। जो अभी तक महज सफेद हाथी साबित हो रहा है।

 न हो पाया विश्व फोटोग्राफी मुकाबला, ना ही बना वैटलैंड सर्किट

पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू यह ऐलान कर गए थे कि इस वैटलैंड पर विश्व फोटोग्राफी मुकाबला करवाया जाएगा। जिसके लिए डिस्कवरी चैनल, नेशनल ज्योग्राफिक चैनल, एनिमल प्लेनेट आदि प्रमुख चैनल के चोटी के जंगली जीव फोटोग्राफरों को निमंत्रण दिया जाएगा। नेचर और वाइल्ड लाइफ प्रेमियों को पंजाब लाने के लिए वैटलैंड सर्किट बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्किट के साथ टूर ऑपरेटरों और सैलानियों को जोड़ा जाएगा। यहां सैलानियों के लिए हर प्रकार की सुविधाएं स्थापित की जाएगी। छंब में जंगली जीव फोटोग्राफरों और पंछी प्रेमी सैलानियों के लिए इको फ्रेंडली टावर लगाए जाएंगे। अगले साल तक सैलानियों के ठहरने के लिए अस्थाई टेंटों का प्रबंध किया जाएगा। जिसके लिए उन्होने तीन करोड़ रुपए सड़क को देने का ऐलान भी किया। परन्तु न तो फोटोग्राफी का कोई मुकाबला हुआ और न ही वैटलैंड सर्किट बना और न ही तीन करोड़ रुपए सड़क पर लगे।

साईबेरिया, तिब्बत, चाईना, मंगोलिया से आते है विदेशी मेहमान

गौर रहे कि केशोपुर छंब पंजाब का पहला ​कम्यूनिटी रिजर्व है ​जहां साईबेरिया, तिब्बत, चाईना, मंगोलिया, पाकिस्तान इत्यादि से विदेशी ​पक्षी मेहमान के रुप में यहां आते है। जिनमें विजन, गडवाल, कामन टील, पिनटेल, उत्तरी शोवलर, ग्रे लेग गूस, कामन पोच्ड, स्पाट बिल्ड डक, सफेद वैगटेल, येलो वैगटेल, ग्रे वैगटेल, ब्राहम्णी शैलडक (रडी) तथा सारस समेत कई प्रजातियां यहा आती है। जिसमें कामन क्रेन भी शामिल है। यहां जल्द नई प्रजातियों की खोज संबंधी वर्ल्ड वाईल्ड लाईफ फंड (डब्लयू डब्लयू एफ) वालों की टीम भी आएगी।

क्या कहते है डीएफओ राजेश कुमार

इस संबंधी डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि ​पूर्व मंत्री की ओर से ऐलान किया गया था परन्तु वह ऐलान अमली जामा नही पहन सके। फंडों के आभाव के चलते इसे विकसित करने में काफी दिक्कत पेश आ रही है। राज्यपाल के आगमन पर किसी प्रकार की कोई उम्मीद जगने संबंधी उन्होने कहा कि राज्यपाल ने वहां दौरा किया था। तथा उन्होने भी कहा कि यह एक अच्छा प्रयटल स्थल बनाया जा सकता है। कुमार ने बताया कि फिल्हाल प्रयटन केंद्र बना है। परन्तु जहां सिर्फ आने वाले समय में छंब की जानकारी ही उपलब्ध करवाई जाएगी। अस्थाई टैंटों, विश्व फोटोग्राफी मुकाबले तथा वेटलैंट सर्किट संबंधी उन्होने कहा कि विभाग के पास नाम मात्र ही फंड उपलब्ध होते है। उन्हे फिल्हाल जितने पैसे आते है उससे तो महज चौंकीदारों के वेतन की ही अदायगी होती है।

स्थानीय निवासियों की मांग

इस संबंधी गांव केशोपुर के करनैल सिंह, तरसेम सिंह, गांव बरनाला के ​बलबीर सैनी, बचन इत्यादि ने सरकार से मांग की है कि इस केशोपुर छंब को टूरिज्म के तहत विकसित​ किया जाए। उन्होने सांसद सनी देओल से भी अपील की कि छंब को विकलित करें ताकि स्थानीय लोगो को रोजगार के अवसर पैदा हो सके।

डिप्टी कमिशनर विपुल उज्जवल का कहना

वही गुरदासपुर के डिप्टी कमिशनर विपुल उज्जवल ने बताया कि इस संबंधी अभी कोई प्लान नही है। परन्तु गर्वनर यह कह कर गए थे कि वह एक इसकी डाक्यूमेंटरी के लिए कहेगें तथा इसका प्रचार करेगें। जिसके चलते लोगो को पता चल सके।

Written By
The Punjab Wire