भाजपा के प्यार में अंधा हुआ अकाली प्रमुख किसानों और गरीबों की समस्याएँ देखने में असमर्थ
चंडीगढ़, 2 फरवरी:केंद्रीय बजट 2020-21 को किसानी समर्थकीय और गरीब समर्थकीय करार देने वाले सुखबीर बादल की टिप्पणी का खंडन करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को अकाली दल के प्रधान के बड़े दावों को निरी चापलूसी और बेशर्मी का दिखावा बताया।मुख्यमंत्री ने हैरानी जताई कि खेती माहिरों और किसान संगठनों द्वारा ठुकराए गए केंद्रीय बजट में सुखबीर को किसानी के लिए कौन सा सकारात्मक पक्ष दिखा है।
उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा को किसानों को पेश मुश्किलें क्या दिखाई देनी थीं परन्तु शिरोमणि अकाली दल के प्रधान भी सत्ताधारी पक्ष के प्यार में इतना खोया हुआ है कि उसको भी इस आडम्बरपूर्ण बजट में कुछ गलत नहीं दिखा।मुख्यमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्य के तीन मंत्री होने के बावजूद भाजपा -अकाली गठजोड़ न सिफऱ् पंजाब बल्कि देशभर में बड़े स्तर पर कर्ज के बोझ तले दबे किसानों के लिए कजऱ् राहत स्कीम सुरक्षित करने में असफल रहा है।
कृषि सैक्टर के लिए 15 लाख करोड़ रुपए के बजट अलॉटमैंट की प्रशंसा करने वाले सुखबीर की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने पूछा कि अकाली नेता यह स्पष्ट करे कि वह कृषि और इसके साथ जुड़े क्षेत्रों के लिए पिछले साल की अपेक्षा केवल 10 प्रतिशत की वृद्धि से किसानों को पेश कजऱ्े के गंभीर संकट से मुक्त करने के लिए पर्याप्त कैसे समझते हैं? उन्होंने कहा कि इतनी कम रकम का अवांटन जो किसानों की ज़रूरतों को पूरा करने में पर्याप्त नहीं दिखाई देता, के साथ सुखबीर अगले दो सालों में किसानी की आमदनी को दोगुना होते हुए देखने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि किसानों की प्रगति के बिना ग्रामीण खपत बढऩे की कोई संभावना नहीं है जिससे आर्थिक विकास भी घटेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखबीर द्वारा इस बात को मानने से इन्कार करना और मानना कि कृषि क्षेत्र में एक गंभीर संकट पैदा हो रहा है, अकालियों के ज़मीनी स्तर से पूरी तरह अपरिचित व्यवहार को दर्शाता है। अपने राजनैतिक और निजी हितों के मद्देनजऱ पंजाब के लोगों के साथ ऐसे व्यवहारों ने ही अकालियों के राजनैतिक कद को छोटा कर दिया है। उन्होंने पूछा कि ‘‘कोई और कैसे बता सकता है कि सुखबीर यह स्वीकार करने में पूरी तरह असफल रहा है कि उसके अपने राज्य के किसान मदद के लिए पुकार रहे हैं, जो सिफऱ् केंद्र सरकार मुहैया करवा सकती है?’’कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब में बेहतर कार्य कर रही है जबकि सभी समस्याओं के लिए लम्बे समय का एक ही हल है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक समूची राष्ट्रीय नीति बनाई जाये जिसमें कजऱ् माफी, सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और फ़सलीय विभिन्नता आदि शामिल हो।
दुख की बात है कि बजट में फ़सलीय विभिन्नता को प्रफुल्लित करने के लिए कुछ नहीं किया गया जबकि सच्चाई यह है कि अनाज के बफर स्टॉक के साथ पहले ही राज्य और किसानों पर तनाव है।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बजट में एम.एस.पी. के बिना वाली फसलों की खरीद यकीनी बनाने के लिए कुछ नहीं है जोकि फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा देने के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट है और इससे गेहूँ-धान का फ़सलीय चक्र नहीं टूटेगा। किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहाँ तक कि बजट में भूमि रहित किसानों को भी पूरी तरह अनदेखा किया गया है। इसी तरह पहले ही कमीयों वाली फ़सलीय बीमा स्कीम को भी सुधारने की कोई कोशिश नहीं की गई जिसका सीधा नुक्सान पंजाब को हुआ है। इसके अलावा रासायनिक खादों के लिए उत्साहपूर्वक स्कीम में तबदीलियों की आड़ में भारत सरकार डी.बी.टी, लाने की तैयारी कर रही है जिसका कि पंजाब पहले ही विरोध कर चुका है क्योंकि इससे किसानों पर 25 लाख टन यूरिया के सालाना प्रयोग के लिए कागज़ी कार्यवाही का अनावश्यक भार बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि उत्पादक कंपनियों को अदायगी करने हेतु खाद के लिए और ज्यादा नगद उधार की ज़रूरत को पूरा करने और सेवाएं देने के वित्तीय तनाव में भी वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक कि ए.पी.एम.सी. और कंट्रैक्ट एक्ट में बदलाव की बात है तो पंजाब ने यह पहले ही लागू किया हुआ है जहाँ पंजाब में सभी किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है। उन्होंने कहा कि अकाली दल का प्रधान अपने ही राज्य में हुई इस प्रगति से पूरी तरह अनजान है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अपने राजसी आकाओं (भाजपा) की ख़ुशामद में सुखबीर बादल इतना व्यस्त हो गया कि उसे यह नहीं पता कि उसके राज्य में उसकी नाक के नीचे क्या चल रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि फि़लहाल यह किसी को भी नहीं पता कि क्या किसान रेल और कृषि उड़ान जैसी योजनाएँ पंजाब को भी जोड़तीं हैं या नहीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल अकाली मंत्री कम-से-कम इसको यकीनी बनाने के लिए काम करेंगे और पंजाब के साथ केंद्र द्वारा फिर से सौतेला व्यवहार नहीं होगा।पानी के संरक्षण वाली स्कीम में भी केंद्र सरकार द्वारा पहचान किये गए पानी की किल्लत वाले स्थानों में पंजाब को बाहर रखने पर बोलते हुए
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अब समय आ गया कि सुखबीर और उसके साथी इन समस्याओं संबंधी अपनी आँखें खोल लेें और अपनी राजसी हितों की पूर्ति को छोडक़र पंजाब द्वारा दी जा रही कुर्बानी को रोकने के लिए काम करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट से गरीबों को क्या मिला? इसके बारे में कुछ न ही कहें तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र समाज के सीमांत और आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों के लिए कोई भी सार्थक स्कीम लाने में असफल रहा। शिक्षा से स्वास्थ्य तक बजट अलॉटमैंट में कोई भी प्रभावशाली वृद्धि नहीं की गई और न ही लोगों की बेहतरी के लिए दूरदर्शी योजनाएँ बनाई गईं।