10 साल बाद अश्वनी शर्मा फिर बने पंजाब भाजपा अध्यक्ष, कैप्टन सरकार पर बोला हमला
कहा पार्टी फेसबुक, व्हाट्सएप या ट्विटर पर नहीं चलेगी, यह जमीन पर उतरकर कार्य करेगी
अश्वनी शर्मा शुक्रवार को पंजाब भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं। नाम की घोषणा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद विनय प्रभाकर सहस्रबुद्धे ने की। इस दौरान प्रदेश भाजपा के तमाम पूर्व प्रधानों सहित सूबे के कई हिस्सों से भाजपा के नेता आए हुए थे।
अश्वनी शर्मा पहले ऐसे नेता हैं, जिन्हें हाईकमान ने 10 साल बाद दोबारा अध्यक्ष पद की कुर्सी दी है। सहस्रबुद्धे ने कहा कि अश्वनी शर्मा के आगे दोहरी चुनौती है, एक सूबा सरकार की कारगुजारी की पोल खोलना की और दूसरा केंद्र सरकार की नीतियों को जन-जन पहुंचाने की।
अश्वनी शर्मा ने अपने भाषण में साफ कहा कि कोई नेता किसी नाम की सिफारिश लेकर उनके दरवाजे तक न आए, क्योंकि वह काम पर विश्वास रखते हैं। खुद वह एक मंडल प्रधान से उठकर पंजाब के प्रधान व विधायक बन चुके हैं। इसलिए वह जमीनी स्तर पर वर्क करने पर विश्वास रखते हैं और ऐसे नेताओं को चलता भी कर दिया जाएगा, जो सिर्फ नाम के लिए पद हासिल करते हैं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि पार्टी फेसबुक, व्हाट्सएप या ट्विटर पर नहीं चलेगी, यह जमीन पर उतरकर कार्य करेगी। अश्वनी शर्मा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने पर कैप्टन सरकार की निंदा की। उन्होंने कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस के नेता ही कह रहे हैं कि पंजाब में सरकार नाम की चीज नहीं है।
इस दौरान पूर्व प्रधान विजय सांपला, मनोरंजन कालिया, मदनमोहन मित्तल, बृज लाल रिणवा, प्रोफेसर राजिंदर भंडारी, पूर्व विधायक केडी भंडारी, भाजपा नेता राजेश बाघा, युवा मोर्चा के प्रधान सन्नी शर्मा, प्रदेश भाजपा महासचिव राकेश राठौर, पूर्व प्रधान श्वेत मलिक, भाजपा महिला की प्रधान रीना जेतली, पूर्व प्रधान मोना जयसवाल भी मौजूद थी।
पीछे बैठे रहे खालसा, किसी ने नाम तक नहीं लिया
आम आदमी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व लोकसभा सांसद हरिंदर सिंह खालसा भी स्टेज पर रहे लेकिन उनका नाम किसी ने नहीं बोला और उन्हें बोलने का समय भी नहीं दिया गया। खालसा अलग थलग चुपचाप एक तरफ पिछली कतार में बैठे रहे।