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नागरिकता संशोधन कानून के ज़रिये देश में फूट डालने की कोशिश के लिए कांग्रेसी नेताओं और विधायकों द्वारा मोदी सरकार और अकालियों की कड़ी आलोचना

नागरिकता संशोधन कानून के ज़रिये देश में फूट डालने की कोशिश के लिए कांग्रेसी नेताओं और विधायकों द्वारा मोदी सरकार और अकालियों की कड़ी आलोचना
  • PublishedJanuary 17, 2020

कैप्टन सरकार द्वारा किये सी.ए.ए. के विरोध का आम आदमी पार्टी द्वारा विधानसभा में ठोस समर्थन

चंडीगढ़, 17 जनवरी: कांग्रेस और ‘आप’ के सदस्यों ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में असंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) के ज़रिये देश को विभाजित करने की निराधार और विनाशकारी कोशिश को लेकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और उनके सहयोगी अकालियों को लताड़ा। कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा द्वारा विधानसभा में सी.ए.ए. को रद्द करने के लिए प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद इस विषय पर विचार-विमर्श के दौरान बोलते हुए कांग्रेसी विधायकों ने इस विभाजनकारी कानून के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का धन्यवाद किया।

कैबिनेट मंत्री रजि़या सुल्ताना ने कहा कि संविधान के संस्थापकों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि उनके द्वारा दिखाए गए इन विचारों को एक दिन इस ढंग से कुचला जायेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक भाईचारों को मिलकर देश की तरक्की को यकीनी बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार लोगों को धर्म के नाम पर बाँटने की कोशिश कर रही है।इस कानून को लोगों का ध्यान देश के प्रमुख मुद्दों से हटाने की एक चाल बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि नजऱबंदी केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है और सभी अल्पसंख्यक भाईचारों में डर पैदा हो गया है जो कि काफ़ी चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि मोदी ने संविधान का सत्कार करने के अपने झूठे दावों के साथ लोगों को मूर्ख बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि इस कानून के विरोध में हर वर्ग के लोगों को सडक़ों पर उतरते देखना तसल्ली देता है।लोगों को धार्मिक आधार पर फूट डालकर आग से खेलने वाली मोदी हुकूमत की निंदा करते हुए रजि़या सुल्ताना ने कहा कि सच्चाई यह है कि आर.एस.एस. और भाजपा की फासीवादी मानसिकता है और इन पार्टियों ने कभी भी राष्ट्रीय झंडे और संविधान को स्वीकार नहीं किया।

केंद्र की नीयत पर सवाल उठाते हुए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि सी.ए.ए. एक विशेष धर्म बनाने के लिए पेश किया गया है और इससे सांप्रदायिक रुझान कायम होगा। उन्होंने कहा कि यह उन सभी की आवाज़ बुलंद करने की कोशिश है, जिनको केंद्र सरकार ग़ैर-कानूनी ढंग से धार्मिक आधार पर निशाना बनाने का यत्न कर रही है। देश के 1947 के विभाजन का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब ने उस समय भी विभाजन की माँग नहीं की थी और इस दुखदाई दौर में 10 लाख से अधिक जानें गई थीं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस कानून को रद्द न किया गया तो भारत की नैतिकता को चोट पहुँचेगी।

कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सी.ए.ए. भाजपा द्वारा धर्म को नागरिकता के आधार पर पेश करने की एक भद्दी कोशिश है। उन्होंने पूरे देश में इस ख़तरनाक कानून के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने में नेतृत्व करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) को देश की अखंडता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताते हुए चन्नी ने कहा कि इस कानून के ज़रिये मोदी हुकूमत ने भारत के लोगों के प्रति बनती जि़म्मेदारी को आँखों से ओझल करके दूसरे देशों में रहते लोगों के लिए चिंता ज़ाहिर करने को ढकोसला करार दिया था। इसीलिए उनकी दमनकारी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा लाए गए प्रस्ताव की हिमायत करते हुए सुनाम के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा सी.ए.ए हर क्षेत्र में नाकाम रहने वाली मोदी सरकार द्वारा अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश थी, चाहे वह नौकरी देने का वायदा हो या आर्थिक ख़ुशहाली का। यह काला कानून हर पक्ष से हमारे संविधान की भावना के विरुद्ध है।

सी.ए.ए के विरुद्ध मुख्यमंत्री द्वारा साहसिक पहल का डटकर समर्थन करते हुए गिद्दड़बाहा के विधायक अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग ने इस कानून को नफऱत, ज़ुल्म और फिऱकाप्रस्ती को उत्साहित करने के साथ-साथ सांप्रदायिक राजनीति को उत्साहित करने के उद्देश्य से इसको एक घृणायोग्य कानून बताया। उन्होंने भाजपा पर लोगों खासकर अल्पसंख्यकों, जो आज़ादी के बाद भारत में शान्ति के साथ रह रहे हैं, पर इस कानून के द्वारा दबाव डालने का दोष लगाया। जे.एन.यू., जामिया मिलिया और देश के अन्य शैक्षिक संस्थाओं में विद्यार्थी हिंसा भडक़ाने, घटिया उद्देश्यों के लिए देश को अस्थिर करने वाली भाजपा के घिनौने मंसूबों के विरुद्ध लोगों के प्रतीकर्म को दिखाता है।

नाभा के विधायक काका रणदीप ने केंद्र सरकार द्वारा देश को सांप्रदायिक भावना के आधार पर बाँटने की कोशिश को भारत के धर्म निरपेक्ष ढांचे के लिए अत्याचारी और ख़तरनाक बताया। उन्होंने कहा कि रोजग़ार और घट रहे जीडीपी के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भाजपा ने अल्पसंख्यायकों में डर की भावना को उभारा है।

विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने नागरिकता संशोधन कानून को अल्पसंख्यकों और दलितों में दहशतवाद पैदा करने का आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा बताया। उन्होंने कहा कि देश का धर्मके आधार पर ध्रुवीकरण करना ही इस कानून का एकमात्र उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने संकुचित लाभों के लिए संविधान के मूलभूत सिद्धांतों में तोड़-मरोड़ करने की लगातार कोशिश कर रही है। उन्होंने सी.ए.ए. के द्वारा बेरोजग़ारी, गरीबी, अशिक्षा, आर्थिक असमानता, क्षेत्रीय असंतुलन जैसे मूलभूत मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा की निंदा की।

सी.ए.ए. के विरुद्ध प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कोटकपूरा से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यह कानून संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन है और इसका उद्देश्य भारत में शांतिपूर्वक रहने वाले भाईचारों के दरमियान विभाजन पैदा करना है।

Written By
The Punjab Wire