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कोविड मामलों के बढऩे से पंजाब कैबिनेट द्वारा स्थिति की समीक्षा, मुख्यमंत्री ने कहा सख़्त कदम उठाने से गुरेज़ नहीं करूंगा

कोविड मामलों के बढऩे से पंजाब कैबिनेट द्वारा स्थिति की समीक्षा, मुख्यमंत्री ने कहा सख़्त कदम उठाने से गुरेज़ नहीं करूंगा
  • PublishedAugust 17, 2020

कुछ क्षेत्रों में लॉकडाऊन लगाया जा सकता परन्तु आर्थिक गतिविधियां बंद नहीं होंगी

मोंटेक सिंह आहलूवालीया ने कैबिनेट को सिफारिशों से अवगत करवाया, किसानों से मुफ़्त बिजली वापस लेने के सुझाव का फिर खंडन किया

चंडीगढ़, 17 अगस्त: राज्य में कोविड के बढ़ते मामलों और प्रति मिलियन के पीछे मौतों की संख्या बढऩे पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कहा कि महामारी को आगे फैलने से रोकने के लिए वह सख़्त कदम उठाने से गुरेज़ नहीं करेंगे।
अपने कैबिनेट साथियों के साथ वीडियो कान्फ्ऱेंस के द्वारा मीटिंग के दौरान कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुये माहिरों की स्वास्थ्य सलाहकारी कमेटी के चेयरमैन डा के.के. तलवाड़ द्वारा दिए सुझावों पर प्रतिक्रिया देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो राज्य सरकार कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए सख़्त उपाय करने पर विचार करेगी।

चाहे कि उन्होंने लॉकडाऊन से इन्कार नहीं किया, ख़ास कर अधिक मामलों वाले इलाकों में परन्तु कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट किया कि आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। इससे पहले मोंटेक सिंह आहलूवालीया जो राज्य की अर्थव्यवस्था की फिर सुरजीती के लिए बनाऐ गए माहिरों के ग्रुप के प्रमुख हैं, ने भी कहा कि कोविड को आगे फैलने से रोकने के लिए उठाये जाने वाले कदमों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होनी चाहिएं।
ग्रुप की प्राथमिक सिफारिशों संबंधी मंत्रालय को अवगत करवाते हुये मोंटेक सिंह आहलूवालीया ने दोहराया कि किसानों को मिलती मुफ़्त बिजली वापस लिए जाएँ संबंधी कोई भी सिफ़ारिश नहीं की गई जैसे मीडिया के एक हिस्से की तरफ से पेश किया गया है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी कि इस को लेकर बहुत सारी गलत जानकारी फैलायी जा रही है, पर मोंटेक सिंह आहलूवालीया की तरफ से यह स्पष्ट किया गया। उन्होंने कहा कि ग्रुप धान पर निर्भरता घटाने के लिए फ़सलीय विभिन्नता के हक में है और इसने चाहा है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आगामी पाँच सालों के लिए हर साल पंजाब को 20 प्रतिशत ज़्यादा ख़र्च करना चाहिए। यह चेतावनी देते हुये कि राज्य को महामारी के दूसरे उभार के लिए भी तैयार रहना चाहिए, अर्थशास्त्री ने कहा कि यदि कुछ क्षेत्रों में लॉकडाऊन लागू करना पड़ा तो यह यकीनी बनाने के लिए कि इसका प्रभाव औद्योगिक क्षेत्र और आय पैदा वाले स्रोतों पर न पड़े, सख़्त सुरक्षा उपाय लागू करने चाहिएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोंटेक ग्रुप की सिफारिशें सभी मंत्रियों को मुहैया करवाई जाएंगी और इसके उपरांत इस मुद्दे पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जायेगा।

कोविड संकट संबंधी डा. तलवाड़ ने कहा कि लुधियाना, मोहाली, जालंधर और पटियाला चार जिलोंं में सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं और स्थिति पर काबू पाने के लिए और सख़्त सुरक्षा उपायों की ज़रूरत है। जानें बचाने के लिए जल्द टेस्टिंग और समय पर इलाज की महत्ता को दर्शाते हुये उन्होंने कहा कि मामलों की संख्या 31000 से और ज्यादा पहुँचने और 800 मौतें होने से राज्य की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय प्रति मिलियत मौतों की दर 27.2 तक पहुंच चुकी है और 265 मरीज़ आक्सीजन की सहायता पर हैं और 20 वैंटीलेटरों पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य का सामथ्र्य रैपिड एंटीजन टेस्टिंग समेत प्रति दिन 20000 टैस्ट तक पहुँच चुका है।

डा. तलवाड़ ने अनुसंधानकर्ताओं का हवाला देते हुये कहा कि अगले चार हफ़्तों के लिए मास्क पहनने को सख्ती से अमल में लाए जाने से महामारी को काबू में लाने में सहायता मिल सकती है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जिला और पुलिस अधिकारियों को मास्क पहनने और अन्य कोविड सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए सख़्त हिदायतें दी जा चुकी हैं।
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Written By
The Punjab Wire