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तीन दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल सफलतापूर्वक समाप्त

तीन दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल सफलतापूर्वक समाप्त
  • PublishedDecember 15, 2019

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा बर्मा मुहिम की यूनिटों और विक्टोरिया क्रॅास विजेताओं के वारिसों का सम्मान

चंडीगढ़, 15 दिसंबर:तीन दिवसीय मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल (एम.एल.एफ.) के समाप्ति अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बर्मा मुहिम के विक्टोरिया क्रॅास से सम्मानित सैनिकों के वारिसों और यूनिटों का आज सम्मान करते हुये बर्तानवी साम्राज्य के अधीन 1944 तक लड़ी गई लड़ाई में उनके द्वारा दिखाई बहादुरी को याद किया।बर्मा मुहिम की 75वीं वर्षगांठ को स्मरणीय मनाने वाले एम.एल.एफ. के समाप्ति समागम की अध्यक्षता करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत सिंह की सुपुत्री सुखजिन्दर कौर को भी सम्मानित किया। लेफ्टिनेंट कर्नल अनंत सिंह ने साल 1965 के ऑपरेशन में 4 सिख बटालियन की कमांड बहादुरी से की जिस कारण बरकी पर कब्ज़ा हुआ।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं पूर्व फ़ौजी होने के कारण उनको यूनिटों और बेधडक़ सैनिकों के वारिसों को सम्मानित किये जाने पर मान है जिन्होंने बर्मा मुहिम के दौरान दलेराना लड़ाई लड़ी और उनकी यादें आज भी भारतीय सैनिकों को प्रेरित करती हैं। उन्होंने इन योद्धों के बलिदानों के प्रति दिखाऐ गये सत्कार के लिए एम.एल.एफ. की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि एम.एल.एफ. जिस के अभी तीन सालाना समागम हुए हैं, नौजवानों को रक्षा सेनाओं में शामिल होने के साथ-साथ देशभक्ति के जज़्बे के प्रति प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत मान और संतोषजनक बात है कि पंजाब के अनेकों नौजवानों ने एन.डी.ए. की परीक्षा पास कर ली है और अब वह वर्दी में सजा कर देश की सेवा के लिए तैयार हैं।2/5 गोरखा राइफल से मेजर जैकब और सूबेदार मेजर हर्षा बहादुर राणा ने नायक अगन सिंह राय (1944), सूबेदार नेतरा बहादुर थापा (1944) और हवलदार गजे घाले (1943) के लिए सम्मान हासिल किया। 2 सिख  के मेजर भटेंडू ठाकुर ने 28 पंजाबीज़ के विक्टोरिया क्रास विजेता सिपाही ईशर सिंह (1921) जो बाद में 2 सिख के साथ जुड़ गया, के लिए सम्मान हासिल किया। 4 मैक के कर्नल नवदीप हरनल ने 1/11 सिख जो अब 4 मैक हो गई, के विक्टोरिया क्रास विजेता नायक नन्द सिंह (1944) के लिए सम्मान हासिल किया जबकि आर्टिलरी रेजीमेंट के मेजर मुकैश ने रॉयल इंडियन आर्टिलरी के 30 माउंटेन रेजीमेंट के हवलदार उमराओ सिंह (1944) जो अब 22 फील्ड रेजीमेंट है, के लिए सम्मान हासिल किया।

मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किये अन्य सैनिकों में 3/2 जी.आर. (1945) के राईफलमैन तुल बहादुर पुन और राईफलमैन भानभगता गुरुंग, 1/7 जी.आर. (1944) के राईफलमैन गंजू लामा, 4/8 जी.आर. (1945) के राईफलमैन लक्ष्मण घाले, 7/16 पंजाब (1945) के लांस नायक शेर शाह, 2/1 पंजाब (1944) के सूबेदार राम सरूप सिंह, 7/10 बलूच (1945) के नायक फज़़ल दीन, 14 /13 एफ.एफ. राईफलज़ (1945) के प्रकाश सिंह चिब्ब, 5/8 (1943) के हवलदार प्रकाश सिंह, 4/15 पंजाब (1944) के नायक गियान सिंह, 16 /10 बलूच (1944) के सिपाही भंडारी राम, 3 जट (1944) के अब्दुल हाफिज और पंजाब (1945) के लैफ्टिनैंट करमजीत सिंह जज शामिल हैं।इससे पहले मुख्यमंत्री ने एम.एल.एफ. की सफलता के लिए शानदार भूमिका अदा करने वाली विभिन्न यूनिटों की टुकडिय़ों और वालंटीयर ग्रुपों, संस्थाओं और स्कूलों को प्रशंसा पत्रों से सम्मानित किया।अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के सीनियर सलाहकार और एम.एल.एफ. के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल टी.एस. शेरगिल्ल ने कहा कि एम.एल.एफ. का अगला समागम विश्व जंग -2 का 75 वर्ष, बर्मा मुहिम और फ्रांस में डनकिरक में जर्मन ऑपरेशन के हवाले के साथ विश्व जंग -2 के 80वें वर्ष पर केंद्रित रख कर मनाया जायेगा। उन्होंने पश्चिमी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ़ लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी. सिंह द्वारा इस फेस्टिवल को यादगारी बनाने के लिए दिए पूर्ण सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं और चंडीगढ़ प्रशासन के अलग-अलग विंगों द्वारा एम.एल.एफ. की सफलता के लिए डाले योगदान की भी सराहना की।मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल भी उपस्थित थे। 

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The Punjab Wire