कुलदीप सिंह सेंगर अपहरण और बलात्कार मामले में दोषी करार
नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव बलात्कार तथा अपहरण के मामले में दोषी करार दे दिया है। इस मामले में सहआरोपी शशि को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने सजा ऐलान नहीं किया है। बलात्कार मामला सामने आने के बाद भाजपा ने कुलदीप सेंगर को निष्कासित कर दिया था।
भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले में मुख्य आरोपी है। पुलिस के अनुसार सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
घटना के करीब ढाई साल बाद तीस हजारी कोर्ट में
10 दिसंबर को सुनवाई पूरी हुई। इस दौरान हुए घटनाक्रमों के चलते पीड़ित एम्स
में भर्ती है। उसके पिता-चाची-मौसी की मौत हो चुकी है, जबकि चाचा जेल में
है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले को लखनऊ से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर हुआ
था। 5 अगस्त से रोजाना बंद कमरे में सुनवाई हो रही थी। इस दौरान अभियोजन
पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के 9 गवाहों से जिरह हुई। पीड़ित का बयान
दर्ज करने के लिए एम्स में स्पेशल कोर्ट बनाया गया था।
शशि सिंह नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता को कुलदीप सेंगर के पास लेकर
गई थी, जिसके बाद सेंगर ने पीड़िता का बलात्कार किया। सजा पर बहस 17 दिसंबर
को होगी।
तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी फटकारा लगाया। कोर्ट
ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से
रजिस्टर कराया गया। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते
हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया?