राज्य के गाँवों में 750 पार्क बनाए जाएंगे, जिनमें से 578 पार्क निर्माणाधीन, 750 खेल मैदान बनाए जाएंगे, जिनमें से 165 निर्माणाधीन
पिछले दो साल के दौरान अब तक गाँवों में 913 पार्क और 921 खेल मैदान बनाए
चंडीगढ़, 9 अगस्त: पंजाब के गाँवों में शहरों की तरह अधिक से अधिक सुविधाएं देने के प्रयासों के अंतर्गत पंजाब सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गाँवों में पार्क और खेल मैदान बनाए जा रहे हैं। इस सम्बन्धी आज यहाँ से जारी बयान में जानकारी देते हुए राज्य के ग्रामीण विकास पर पंचायत मंत्री श्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि इस साल सरकार द्वारा 1500 खेल मैदान और पार्क बनाए जाएंगे। इसके साथ ही पंचायत मंत्री ने बताया कि इस मुहिम के चलते इस गुजऱे समय के दौरान कोरोना महामारी के बावजूद भी वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य के अंदर कुल 750 पार्क बनाए जाएंगे, जिनमें से 578 पार्क निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने गाँवों में 750 खेल मैदान बनाने का लक्ष्य निश्चित किया है, जिनमें से कुल 165 खेल के मैदान निर्माणाधीन हैं।
बाजवा ने कि गाँवों की पंचायतों के सहयोग के साथ जहाँ गाँवों के रूप बढिय़ा बन सकी है, वहीं गाँव हरे-भरे बनने के साथ-साथ गाँवों के नौजवानों और बच्चों को खेल की ओर प्रेरित करने का भी एक बहुत बढिय़ा प्रयास हुआ है। उन्होंने साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनते ही सबसे पहले उन्होंने विभाग के अधिकारियों को गाँवों में बेकार पड़ी ज़मीनों पर पार्क और खेल मैदान बनाने के लिए निशानदेही करने के लिए आदेश जारी किए थे। इस सरकार के पिछले दो सालों के दौरान अब तक वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान कुल 913 पार्कों का निर्माण किया गया है और अन्य सिर्फ एक वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान ही 921 खेल मैदान बनाए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग की वित्तीय आयुक्त श्रीमती सीमा जैन ने बताया कि गाँवों में खेल मैदान और पार्कों के निर्माण में मनरेगा स्कीम के अंतर्गत लाखों जरूरतमंद लोगों को रोजग़ार प्राप्त हुआ है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गाँवों के रूप बदलने के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्य को कोरोना महामारी के बवजूद समय पर पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही उन गाँवों की पंचायतों को भी अपील की कि जहाँ बेकार ज़मीनों पर पंचायतें खेल मैदान या पार्क बनवाना चाहती हैं, वह भी ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क करें।