देश की राजधानी में बड़ी मृत्यु दर का दिया हवाला,आज के दिल्ली मॉडल से हाईकोर्ट भी नहीं है संतुष्ट-बलबीर सिद्धू
दिल्ली में ‘आप’ के कोविड के विरुद्ध लड़ाई में अधूरे स्वास्थ्य प्रबंधों के कारण केंद्र द्वारा कोविड महामारी की लड़ाई अपने हाथों में लेने पर उठाए सवाल
चंडीगढ़, 9 अगस्त: अपने आप बना ‘दिल्ली मॉडल’ को केवल अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने और लोगों का ध्यान भटकाने की एक सोची-समझी कोशिश बताते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने रविवार को कहा कि देश की राजधानी में सही कोविड प्रबंधों के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी पीठ थपथपाना बड़ा हास्यप्रद लगता है।
मंत्री ने विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा के कैप्टन अमरिन्द सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कोविड महामारी से निपटने के लिए किए गए प्रबंधों को ग़ैर-तसल्लीबख़्श कहने वाले बयान को हास्यप्रद और बेतुका बताया है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ विधायक इस पक्ष से अवगत नहीं हैं कि अन्य राज्यों के मुकाबले पंजाब, कोविड से निपटने के लिए सबसे सही और बढिय़ा काम कर रहा और दिल्ली सरकार के अधूरे स्वास्थ्य प्रबंधों की तस्वीर अब पूरी तरह जग ज़ाहिर हो चुकी है। सिद्धू ने कहा कि कोविड के विरुद्ध पंजाब की लड़ाई में केंद्र सरकार की कोई मदद शामिल नहीं है, परन्तु इसके उलट दिल्ली में कोविड महामारी से निपटने के लिए केंद्र को कोरोना के विरुद्ध इस जंग की कमान अपने हाथों में लेनी पड़ी। ‘आप’ सरकार ने तो लोगों को कोरोना की अनिर्धारित समस्या में धकेल दिया था, परन्तु केंद्र की मदद के साथ ही शहर को इस बड़ी समस्या से निजात दिलाना संभव हो सका।
मंत्री ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली में कोविड प्रबंधन संबंधी जितना कम बोला जाए उतना ही अच्छा है। उन्होंने कहा कि अब तो दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा भी केजरीवाल सरकार को महामारी की रणनीति संबंधी लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले हफ्ते ही अदालत ने टेस्टिंग को बढ़ाने में हुई प्रगति की निगरानी में दिल्ली सरकार द्वारा दिखाई विरोधता को ‘समझ से बाहर’ करार दिया था। उन्होंने कहा कि यह कैसा दिल्ली मॉडल है, जिससे हाईकोर्ट भी संतुष्ट नहीं है? उन्होंने कहा कोविड प्रबंधन को प्रभावी और कारगर बनाने के मामले में पंजाब, दिल्ली की अपेक्षा कहीं आगे है। सिद्धू ने कहा कि दिल्ली सरकार की पूरी जांच रणनीति अदालत में सवालों के घेरे अधीन है और ऐसे मौके पर चीमा का पंजाब को दिल्ली वाली रणनीति अपनाने पर ज़ोर देना न सिफऱ् हास्यप्रद है, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है कि ‘आप’ को पंजाब के लोगों की सुरक्षा में कोई रूचि नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि वह (आप) हमसे अपने हितों को सिद्ध करने के यत्न करती रही है, जिसको पंजाब के लोगों ने साल 2017 में भलीभांत देख लिया था, जब पार्टी का राज्य में सरकार बनाने सपना चकनाचूर हो गया था।
सिद्धू ने कहा कि दिल्ली में केंद्र को मैडीकल सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए दख़ल देना पड़ा, परन्तु इसके बिल्कुल उलट पंजाब द्वारा अपने अस्पतालों, कोविड केन्द्रों और बिस्तरों की संख्या के साथ-साथ अन्य सुविधाओं / उपकरणों में निरंतर विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा दिल्ली से उलट जहाँ आर.टी-पीसीआर टेस्टिंग को कम दिखा कर और बड़े स्तर पर अनिच्छित रैपिड एंटीजेन टैस्टों (बड़ी संख्या में फर्जी नैगेटिव केस) पर केन्द्रित करके मामलों की संख्या में हेरा-फेरी की जा रही है, वहीं कैप्टन अमरिन्दर के नेतृत्व में पंजाब सरकार नियमित रूप में गोल्ड स्टैंडर्ड आरटी-पीसीआर टेस्टिंग में विस्तार कर रही है। चीमा को कोई भी बात कहने से पहले तथ्यों की पुष्टि करने सलाह देते हुए मंत्री ने आगे कहा कि केजरीवाल सरकार के प्रबंधों के कारण देश में हुई कुल मौतों में से 10 फीसदी दिल्ली से सम्बन्धित हैं। दूसरी ओर पंजाब में अब तक हुई कुल मौतों का 1 फीसद हिस्सा बनता है और उनमें से भी ज़्यादातर मौतें सह-रोग से सम्बन्धित हैं।
सिद्धू ने कहा कि वह नहीं सोचते कि एक भी पंजाबी अपने राज्य में इस तरह के दिल्ली जैसा कोई मॉडल चाहेगें। पंजाब में सरकार द्वारा फंडों का अनुचित प्रयोग करने वाले चीमा के दोषों का जवाब देते हुए सिद्धू ने चीमा को चुनौती दी कि वह अपने बेतुके और खोखले दावों का सुबूत पेश करें। उन्होंने कहा कि इस मामले की सच्चाई यह थी कि केंद्र सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी गई। राज्य सरकार यह यकीनी बना रही है कि कोई भी वित्तीय रुकावट कोरोनावायरस से पंजाबियों की जान बचाने में रास्ते का रोड़ा न बने। मंत्री ने कहा कि असली बात यह है कि ‘आप’ का पंजाब में कोई आधार नहीं है। इसलिए केवल 18 महीनों में होने वाली विधान सभा मतदान के मद्देनजऱ झूठ, फऱेब के द्वारा लोगों को गुमराह करने का यत्न किया जा रहा है। ‘आप’ की पंजाब इकाई के पुनर्गठन की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस कदम ने साबित कर दिया है कि राज्य में पार्टी की स्थिति कितनी दयनीय है।
अस्पताल के फर्श पर 12 घंटों तक पड़ी रही दो लाशों संबंधी मीडिया रिपोर्ट के सम्बन्ध में चीमा की टिप्पणी संबंधी सिद्धू ने कहा कि यह रिपोर्ट पहले ही झूठी साबित हो चुकी है और अखबार ने भी बाद में इस सम्बन्धी स्पष्टीकरण प्रकाशित कर दिया है। चीमा के बेतुके और भर्मपूर्ण रिपोर्टों की हिमायत करने पर हैरानी जताते हुए मंत्री ने कहा कि ‘आप’ विधायक इस मुश्किल घड़ी में अपने ग़ैर-जिम्मेदाराना बयानों के द्वारा दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता को कहा कि यदि वह वास्तविकता में पंजाब के लोगों के लिए फिक़्रमंद हैं तो सोशल मीडिया की फज़ऱ्ी और सुविधाजनक दुनिया से बाहर आएं और पंजाब के हित में राज्य सरकार के यत्नों में अपना सहयोग दें।