ਪੰਜਾਬ

कोविड-19 के कारण चीन से उद्योग बाहर निकालने के लिए रास्ता देख रही कंपनियों से बड़ी उम्मीदें -कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उद्योगपतियों को बताया

कोविड-19 के कारण चीन से उद्योग बाहर निकालने के लिए रास्ता देख रही कंपनियों से बड़ी उम्मीदें -कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उद्योगपतियों को बताया
  • PublishedMay 29, 2020

78 प्रतिशत उद्योग के फिर से चालू होने और 68 प्रतिशत मजदूरों के वापस रुकने को राज्य की अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए अच्छा संकेत बताया

चंडीगढ़, 29 मई: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज उद्योगपतियों को अगले कुछ दिनों में उद्योगों के 100 प्रतिशत कार्यशील होने को यकीनी बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चीन से उद्योग बाहर लेजाने संबंधी रास्ता देख रही कंपनियों की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर उनके पास आगे बढऩे के बड़े मौके हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब में औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित करने और निवेश करने के लिए न्योता देने के लिए उनकी सरकार पहले से ही कई मुल्कों के संपर्क में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको भरोसा है कि राज्य चीन से बहुत से उद्योगों को आकर्षित करने के योग्य होगा। कोविड के लॉकडाउन उपरांत राज्य की अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए उद्योगपतियों के सुझावों को ध्यान में रखने का वादा करते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब के विकास में उद्योगों द्वारा निभाई जा रही भूमिका और इस कठिन समय में भी आम कारोबार को बहाल करने के लिए उनके निरंतर यत्नों का भी जिक्र किया। ‘कोविड लॉकडाउन के उपरांत पंजाब की अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए कार्य योजना’ संबंधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान औद्योगिक दिग्गजों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने महामारी के बीच और कोरोनावायरस के फैलाव की रोकथाम के लिए विभिन्न बन्दिशों की मुश्किलों के बावजूद औद्योगिक गतिविधियां फिर से शुरू करने के लिए उनका धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 78 प्रतिशत औद्योगिक गतिविधियां बहाल हो चुकी हैं और 68 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों ने यहीं रुकने का फैसला लिया है। उन्होंने उद्योग विभाग को कारोबार को आसान बनाने और जरूरी स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी लाने के हुक्म दिए ताकि लॉकडाउन की बन्दिशों के बीच उद्योग को फिर से पटरी पर लाया जा सके। अगले कुछ दिनों में बाकी औद्योगिक गतिविधियां भी जल्द शुरू होने के लिए भरोसा जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि आज राज्य से प्रवासी मजदूरों को वापस लेजाने के लिए कोई भी रेल गाड़ी नहीं गई जो अच्छा संकेत है और यह तथ्य यह भी दर्शाता है कि कफ्र्यू/लॉकडाउन के दौरान कामगारों के लिए किये गए प्रबंधों से वह संतुष्ट हैं।

उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने बताया कि बड़ी संख्या में कामगारों ने पंजाब में ही रुकने का फैसला लिया है और इसके अलावा कार्यशील होने वाले उद्योगिक ईकाईयों की संख्या बढऩे के कारण और भी बहुत से मजदूर वापस आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए रेल गाड़ीयों का प्रबंध करने के लिए राज्य सरकार ने पत्र लिखकर केंद्र सरकार के पास पहुँच करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री की हिदायतों के मुताबिक राज्य में प्रवासी मजदूरों को किसी किस्म की मुश्किल पेश न आने देने के लिए राज्य सरकार का सहयोग करने स्वरूप उद्योग का धन्यवाद करते हुए श्री अरोड़ा ने उद्योगों को खोलने को यकीनी बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने का वादा किया। इससे पहले औद्योगिक हस्तियों ने राज्य की अर्थव्यवस्था की बहाली हेतु मदद के लिए अल्पकालिक कदम उठाने और तत्काल दखल देने का सुझाव दिया।

मैनुफेक्चरिंग, आई.टी. स्टार्ट-अप, कृषि, स्वास्थ्य सुरक्षा और फार्मा, शिक्षा और कौशल विकास, मीडिया, रियल एस्टेट और पर्यटन जैसे सैक्टरों के नुमायंदों ने पंजाब में औद्योगिक विकास को पटरी पर लाने के लिए आम और सैक्टर के मुताबिक सिफारिशें की। रैड जोनों के अंदर औद्योगिक गतिविधियों के चालू रहने को यकीनी बनाने के लिए उद्योगों की तकनीकी उन्नती के लिए मंजूरी की माँग करते हुए आरती ग्रुप, जिसके द्वारा पहले ही इस साल के अंत तक सक्रैपेज प्लांट शुरू करने के लिए टाटा स्टील के साथ समझौता किया गया है, के डायरैक्टर सुशेन मित्तल द्वारा औपचारिक सक्रैपेज (कबाड़ प्रबंधन) नीति की जरूरत पर जोर दिया गया।

मोंटी कार्लो फैशंस लिमिटड के प्रशासनिक डायरैक्टर ऋषभ ओसवाल द्वारा निश्चित बिजली चार्जिज़ को खत्म किये जाने के साथ-साथ स्थानीय निकायों के क्षेत्रों में औद्योगिक पार्क बनाऐ जाने की नीति तैयार करने के हक में कहा। हीरो ईकोटैक लिमिटेड के प्रशासनिक डायरैक्टर गौरव मुंजाल द्वारा साइकिलों पर जी.एस.टी 12 फीसदी से घटा कर 5 फीसदी करने की सलाह देते हुए पंजाब सरकार को जी.एस.टी कौंसिल के पास यह मुद्दा उठाने के लिए अपील की गई। टी.टी. कंसलटैंट का प्रतिनिधित्व करते हुए महिला उद्यमी कोमल शर्मा तलवार द्वारा संपत्ति बेचने के अधिकारों, मलकीयत तबादला और संपत्ति नीलामी आदि के नियमों में सरलता मुहैया करवाने के लिए आई.टी पार्क नीति में संशोधन करने के लिए कहा गया।

नैट्समार्टज ग्रुप के संस्थापक और सी.ई.ओ मनीपाल धारीवाल द्वारा जहाँ रोबोटिक्स केंद्रित तकनीकी उद्योगों को उत्साहित किये जाने पर जोर दिया गया वहीं मूफार्म सोशल स्टार्ट अप (MoooFarm social start-up) के संस्थापक परम सिंह द्वारा स्टार्टअप क्षेत्र में निवेशकों के तौर पर प्रवासी भारतीयों के साथ संबंध कायम किये जाने की सलाह दी गई। ऐगनैक्स्ट के संस्थापक और सी.ई.ओ तरनजीत सिंह द्वारा पंजाब को विश्व स्तर पर स्टार्ट अप उद्योगों के लिए विकसित करने के लिए रियायतों पर जोर दिया गया। राईसेला औद्योगिक समूह के चेयरमैन डॉ. ए.आर.शर्मा द्वारा गुजरात की तर्ज पर पंजाब में एग्रो उद्योग के लिए नीति बनाने के लिए कहा गया। इसी तरह आई.ओ.एल कैमीकल्स और फार्मास्यूटीकल्स एग्जिक्युटिव डायरैक्टर विकास गुप्ता द्वारा फार्मा मशीनरी के निर्माण के उत्थान, कौशल विकास केन्द्रों को स्थापित करने और उद्योगों के लिए जमीनी पानी की उपलब्धता की जरूरत पर जोर दिया गया।

डी.सी.एम संस्थान समूह के सी.ई.ओ अनिरुद्ध गुप्ता द्वारा तकनीती उद्योगों में विशेषज्ञता और इसको उद्योगों के साथ जोडऩे, स्कूल स्तर पर कौशल विकास और संस्थानों में नये युग की तकनीकों को अपनाए जाने के लिए सलाह दी गई। उनके द्वारा कॉलेजों के पास विद्यार्थियों को सरकारी विभागों में प्रशिक्षुओं के तौर पर 3/6 महीनों के लिए काम करने का मौका दिए जाने के लिए सलाह दी गई।

9 एक्स टशन और पिटारा टी.वी चैनलों के प्रशासनिक डायरैक्टर सन्दीप बांसल द्वारा पंजाब सैंसर बोर्ड स्थापन करने का समर्थन किया गया जबकि होमलैंड राईट्स के मुख्य प्रशासनिक अफसर उमंग जिन्दल द्वारा दूसरे उद्योगों की तरह रियल एस्टेट को इन्वेस्ट पंजाब में शामिल किये जाने की बात कही गई और जून 2020 के बाद होने वाली खरीद के लिए कम से कम एक साल के लिए स्टैंप ड्यूटी घटाए जाने की माँग की गई। उनके द्वारा डिवैल्परों को रियायतों और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एन.ओ.सीज की सैल्फ -सर्टीफिकेशन के लिए भी सलाह दी गई। पी.एच.डी.सी.सी.आई के पंजाब चैप्टर द्वारा आर.एस. सचदेवा द्वारा औद्योगिक फोकल पुआइंटों के लिए एस.पी.वी, वैट और सी-फॉम्स सम्बन्धी और अन्य मसलों के समयबद्ध हल और स्वीकृतियों को समय पर जारी किये जाने पर जोर दिया गया।

Written By
The Punjab Wire