हरसिमरत बादल ने कहा कि बीज घोटाले ने पंजाब तथा पड़ोसी राज्य के किसानों की रोजी रोटी को ठेस पहुंचाई है
कहा कि किसान महसूस कर सकते हैं कि इस केस में इसीलिए कोई कार्रवाई नही की जा रही है, क्योंकि घोटालेबाजों को सरकारी तथा पंजाब के एक ताकतवर मंत्री का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है
चंडीगढ़/29मईः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज केंद्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अपील की है कि वह अंतरराज्यीय बीज घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए एक केंद्रीय टीम को पंजाब भेजें। इसके अलावा उन्होने केंद्रीय मंत्री से यह भी कहा कि उन किसानों को बचाने के लिए उचित कार्रवाई की सिफारिश करें, जिन्हे धान के नकली ब्रीडर बीज असली कीमत से तीन गुणा ज्यादा दाम पर बेचकर ठगा गया है।
कृषि मंत्री को इस मुद्दे पर लिखे एक पत्र में बादल ने कहा कि पंजाब में यह एक बहुत बडा बीज घोटाला बेनकाब हुआ है, जो पड़ोसी राज्यों के किसानों की आजीविका को ठेस मारने के अलावा पूरे भारत के किसानों का भारी नुकसान कर सकता है। उन्होने कहा कि किसानों की जिंदगियों के साथ खेल रहे बेईमान लोगों को तत्काल रोका जाना चाहिए। श्रीमती बादल ने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माने जाते किसानों के हितों की रक्षा करने की वकालत की, जोकि कोविड-19 महामारी के समय में देश के लिए भोजन सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस घोटाले का संबध पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी, लुधियाना के धान के बीजों पीआर-128 तथा पीआर-129 की प्राईवेट बिक्री से है, निजी कंपनियों को जिसकी बिक्री के लिए अभी मंजूरी दी जानी बाकी है। उन्होने कहा कि पीएयू ने मई 2020 में 70 रूपए किलो के दाम पर किसानों को बहुत थोड़ी मात्रा में यह बीज बेचे थे। पर बेईमान कारोबारियों ने इन बीजों का अक्टूबर 2019 में अवैध उत्पादन कर लिया था तथा इन नकली बीजों के ट्रकों के ट्रक मासूम किसानों को 200 रूपए प्रति किलो के दाम से बेच दिए थे।
श्रीमती बादल ने कृषि मंत्री को यह जानकारी दी कि इससे पहले यह बीज किसी भी बीज उत्पादक को सप्लाई नही किए गए हैं तथा पंजाब बीज प्रमाणन प्राधिकरण ने पीआर-128 तथा पीआर-129 के प्रमाणित बीजों के लिए किसी बीज उत्पादक को पंजीकृत नही किया है। उन्होने कहा कि इसी तरह इन बीजोें के पेशावर उपयोग के लिए केंद्र सरकार से कोई मंजूरी नही ली गई है। उन्होने कहा कि यह बीज 2021-22 के धान के सीजन के दौरान प्रचार के लिए बीज उत्पादक के पास होने की संभावना है। उसके बाद ही यह बिक्री के लिए प्राईवेट बीज विक्रेताओं के पास पहुंचेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा किसानों द्वारा दी शिकायत के बाद कृषि विभाग द्वारा 11 मई को बराड़ सीड स्टोर से इन दोनो किस्मों के नकली बीज बरामद करने तथा इस संबधी एफआईआर दर्ज करवाने के बावजूद अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नही हुई है। उन्होने कहा कि बराड़ सीडज ने बयान दिया था कि उसे नकली बीज गुरदासपुर की फर्म करनाल एग्री सीडज द्वारा सप्लाई किए गए थे। उन्होने कहा कि किसान कह रहे हैं कि इन घोटालेबाजों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इस कारण पुलिस न तो नकली बीजों के अन्य भंडार जब्त कर रही है तथा न ही किसी की गिरफ्तारी कर रही है।
श्रीमती बादल ने कृषि मंत्री को यह भी बताया कि किसान महसूस करते हैं कि पुलिस इस मामले में इसीलिए कार्रवाई नही कर रही है, क्योंकि घोटालेबाजों को सरकारी तथा पंजाब के एक ताकतवर मंत्री का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। उन्होने कहा कि इस बात का खतरा है कि इस करोड़ों रूपए के घोटाले के असली सरगनों तक पहंुचाने वाला बड़ा सबूत नष्ट किया जा सकता है। उन्होने कहा कि तुम्हारे विभाग द्वारा की केंद्रीय जांच यां सीबीआई जांच ही एक ऐसे समय किसानों को ठगने वाली इस साजिश का पर्दाफाश कर सकती है, जब वह एक भयानक महामारी के दौरान पूरे देश का पेट भरने का काम कर रहे हैं।