मधुमेह और हाईपरटैंशन जैसी सह-रूग्ण सम्बन्धी स्थितियों के दौरान बढ़ जाता है कोविड-19 संक्रमण का ख़तरा
चंडीगढ़, 17 मई: वर्ष 2019-20 के दौरान करीब 12,64,713 व्यक्तियों की ग़ैर-संचारी रोगों सम्बन्धी स्क्रीनिंग प्रोग्राम के अंतर्गत जांच की गई है, जिनमें से लगभग 1,94,528 व्यक्ति हाईपरटैंशन के मरीज़ थे और सभी मरीज़ों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। विश्व हाईपरटैंशन दिवस के मौके पर जारी प्रैस बयान के दौरान यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि कोविड-19 के मद्देनजऱ सभी सिविल सर्जनों को हिदायत की गई है कि वह मरीज़ों के लिए दवाओं की सप्लाई को यकीनी बनाएं, क्योंकि हाईपरटैंशन और मधुमेह, कोविड-19 का संक्रमण फैलाने में और ज्य़ादा ख़तरनाक स्थितियां हैं।
उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों में उच्च मृत्यु दर देखी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एमओ और आरएमओज़ की सलाह के अनुसार हाईपरटैंशन और मधुमेह के उपचाराधीन मरीज़ों को मुफ़्त दवाएँ दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से सम्बन्धित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना ज़रूरी है, स्वास्थ्य की इन स्थितियों से बीमारी और मृत्यु दर को कम करने के लिए ज़रूरी दवाएँ प्रदान करना जारी रखना भी महत्वपूर्ण है। मंत्री ने कहा कि पाबन्दीशुदा स्थितियों के दौरान अगली कतार के वर्करों / वॉलंटियरों द्वारा ऐसे मरीज़ों के घर जाकर हाईपरटैंशन और मधुमेह की दवा बाँटीं जा रही हैं, जिससे सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सकेउन्होंने कहा कि कम्युनिटी स्वास्थ्य अधिकारी दवाओं की उपलब्धता के आधार पर एक समय में कम-से-कम 4 हफ़्तों के लिए और तीन महीने तक के लिए दवा जारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सभी दवाएँ मरीज़ों में इस ढंग से बाँटीं जा रही हैं कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की किसी किस्म की कोई कमी न आए। निर्देश जारी किए गए हैं कि स्वास्थ्य केन्द्रों समेत उप स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर प्राथमिक हैल्थकेयर टीम को हाईपरटैंशन और मधुमेह के मरीज़ों को इलाज करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलों के स्टाफ को सेहतमंद, कम वसा वाले और कम नमक वाली ख़ुराक और कसरत एवं योगा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संदेश देने के लिए कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन समर्थित आईएचसीआई (इंडिया हाईपरटैंशन कंट्रोल इनीशिएटिव) प्रोजैक्ट शामिल हैं, जो पाँच जिलों (बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, मानसा और पठानकोट) में बढिय़ा ढंग से काम कर रहा है और इसको सभी जिलों में शुरू किया जा रहा है।