प्रिंसीपल बुद्ध राम समेत ‘आप’ नेताओं ने घेरी सरकार,
लॉकडाउन के दौरान भेजे बिजली बिल माफ करने की मांग की
चण्डीगढ़, 12 मई । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने पी.एस.पी.सी.एल. (बिजली बोर्ड) की ओर से लॉकडाउन के दौरान भेजे गए बिजली बिलों का जोरदार विरोध करते इस को गैर जिम्मेवारना और अंधी ठग्गी वाला कदम करार दिया है।
‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी की कोर समिति के चेयरमैन और विधायक प्रिंसीपल बुद्ध राम, विपक्ष की उप नेता बीबी सरबजीत कौर माणूंके, विधायका रुपिन्दर कौर रूबी और व्यापार विंग की प्रधान मैडम नीना मित्तल ने पंजाब सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण पैदा हुए वित्तीय संकट के मद्देनजर सरकार आम लोगों पर रहम करे और नाजायज तरीके से भेजे बिजली के बिल तुरंत वापस ले कर 2 महीनों के बिलों की पूरी माफी का ऐलान करे।
प्रिंसीपल बुद्ध राम और सरबजीत कौर माणूंके ने कहा कि लॉकडाउन समय के दौरान बिना मीटर रीडिंग लिए जिस तरीके से बिजली के बिल आम लोगों, दुकानदारों और किराएदारों को भेजे गए हैं, वह पूरी तरह से नाजायज हैं। पिछले साल मार्च-अप्रैल के महीने के मौसम और तापमान समेत बिजली की खप्त की तुलना इस साल के मार्च-अप्रैल महीने के साथ नहीं की जा सकती। पिछले साल मार्च महीने ही भारी गर्मी पडऩे के कारण पंखे, कूलर और ए.सी. दबा कर इस्तेमाल किए जाने लगे थे, परंतु इस साल मई के दूसरे हफ्ते तक भी बिजली की खप्त पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। फिर पिछले साल की तुलना में बिल कैसे भेजे जा सकते हैं?
‘आप’ नेतागण रुपिन्दर कौर रूबी और नीना मित्तल ने सवाल उठाया कि 22 अप्रैल से शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान लाखों दुकानें, किराए के मकान आदि खुल ही नहीं सके। ताला लगे इन दुकानों और घरों को पिछले साल की तुलना में बिल भेजना कहां का इंसाफ है?
‘आप’ नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अगले महीने के लिए जब बिजली मीटरों की रीडिंग ली जाएगी तो स्लैब (यूनिट की सीमा) बढऩे से भी खप्तकारों को फालतू चूना नहीं लगेगा?