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मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन जारी रखने की पुष्टि, परन्तु लोगों के जीवन और रोज़ी-रोटी की सुरक्षा के लिए योजनाबद्ध रणनीति बनाने पर ज़ोर

मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन जारी रखने की पुष्टि, परन्तु लोगों के जीवन और रोज़ी-रोटी की सुरक्षा के लिए योजनाबद्ध रणनीति बनाने पर ज़ोर
  • PublishedMay 11, 2020

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ््रेंस के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य की आर्थिक सशक्तिकरण और कुछ योजनाबद्ध छूट देने के लिए कहा

ग्रीन /ऑरेंज / रैड ज़ोन का चयन करने का फ़ैसला राज्य पर छोडऩे का सुझाव, कोविड टेस्टिंग के लिए भी राष्ट्रीय रणनिती बनाने का न्योता

राज्यों को कम- से -कम 33 प्रतिशत प्रतिबद्ध देनदारियां निपटाने के लिए वित्तीय सहायता और तीन महीनों के लिए राजस्व ग्रांटें देने की मांग

चंडीगढ़, 11 मई: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज लॉकडाउन में वृद्धि करने की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसा करने के लिए मौके पर राज्यों के वित्तीय और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए सावधानी से रणनीति बनाई जाए, जिससे मानवीय जि़न्दगियां बचाने के साथ-साथ उनके जीवन-निर्वाह को भी सुरक्षित बनाया जा सके। राष्ट्रीय स्तर पर कोविड के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजऱ सख्ती से लॉकडाउन जारी करने का स्पष्ट तौर पर पक्ष लेते हुए, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के ज़रिये बातचीत के दौरान कहा कि सावधानी से बनाई जाने वाली रणनीति के हिस्से के तौर पर राज्यों को निचले स्तर पर योजनाबंदी के लिए और ज्य़ादा छूट देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड के फैलाव को रोकने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए स्पष्ट तरीकों को भी इस रणनीति का हिस्सा बनाया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति राज्यों को वित्तीय और आर्थिक तौर पर और ज्यादा शक्तियां देने के लिए विचारते हुए, इस पर केंद्रित किया जाये, क्योंकि आम आदमी की रोज़ी-रोटी और सामाजिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाली सीधी कार्यवाही के लिए राज्य ही जि़म्मेदार होते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों को सूक्ष्म योजनाबंदी में और ज्य़ादा लचकदार पहुँच अपनाने की इजाज़त दी जानी चाहिए और सूक्ष्म, छोटे और दर्मियाने उद्योगों को रैड ज़ोन में उचित सुरक्षा उपायों के साथ चलाने की भी आज्ञा दी जाये। उन्होंने कहा कि रैड, ऑरेंज और यैलो ज़ोनों का चयन करने का फ़ैसला भी राज्यों पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि राज्यों को ज़मीनी हकीकतों संबंधी ज्य़ादा जानकारी होती है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड -19 के कारण राजस्व घाटे की पूर्ति और ख़र्च किए गए फंडों के लिए राज्यों को तीन महीने के लिए राजस्व अनुदान देने के साथ-साथ उन (राज्यों) को अपने कम- से -कम 33 प्रतिशत प्रतिबद्ध देनदारियों के लिए तुरंत वित्तीय सहायता देने की माँग की। मुख्यमंत्री ने कोविड के विरुद्ध जंग को और कारगर ढंग से लडऩे के लिए टेस्टिंग सम्बन्धी राष्ट्रीय रणनीति बनाने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर पंजाब और चंडीगढ़ में केंद्र सरकार की संस्थाओं को टेस्टिंग सामथ्र्य बढ़ाने की हिदायत करने की माँग की है। उन्होंने बताया कि पंजाब ने अब तक 40962 टैस्ट किये हैं और इस समय पर टैस्टों की दर प्रति दिन 2500 है और राज्य सरकार ने महीने के अंत तक प्रति दिन टैस्ट 6000 तक बढ़ाने की योजना बनाई है।

पंजाब द्वारा साफ़ -सफ़ाई के नियमों और सामाजिक दूरी को मुकम्मल रूप में अपनाते हुए 115 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की की गई खऱीद का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों द्वारा धान की पराली न जलाने के लिए वित्तीय रियायत का अग्रिम एलान करने के लिए अपील की। मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को अवगत करवाया गया कि पंजाब को प्रति माह 3000 करोड़ का राजस्व घाटा सहन करना पड़ रहा है (अप्रैल महीने में आमदनी की अंदाजऩ कमी 88 फीसदी रही) और इसके साथ ही पंजाब पॉवर कोर्पोरेशन लिमिटड को रोज़ाना 30 करोड़ का घाटा पड़ रहा है (जो 30 फीसदी बनता है)। उन्होंने अपनी माँग को दोहराया कि केंद्र सरकार पंजाब के जी.एस.टी के बकाया 4365.37 करोड़ रुपए तुरंत जारी करे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोविड महामारी के कारण हालातों में आई बड़ी तबदीली की रौशनी में 15वें वित्त आयोग को चालू वर्ष के लिए अपनी रिपोर्ट की समीक्षा करने के साथ-साथ कोविड -19 के होने वाले प्रभावों को भाँपते हुए पाँच वर्षों के लिए फंडों के वितरण की शिफारश को 2020 की बजाय 1अप्रैल, 2021 से शुरू करना चाहिए, जिस ख़ातिर आयोग की समय सीमा एक और वर्ष के लिए बढ़ानी चाहिए।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को यह भी अपील की गई कि राज्यों को अपनी वित्तीय जि़म्मेदारियों को निभाने के योग्य बनाने के लिए वित्तीय जि़म्मेदारी और बजट प्रबंधन एक्ट 2005 (एफ.आर.बी.एम. एक्ट) के अंतर्गत कजऱ् सीमा राज्यों के कुल घरेलू उत्पादन को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया जाये। मुख्यमंत्री द्वारा मीटिंग के दौरान बताया गया कि पंजाब सरकार कोविड के खि़लाफ़ पूरी मुस्तैदी के साथ लड़ रही है, जिस स्वरूप मृत्यु दर 1.8 तक नीचे आ गई है और मामलों की संख्या दोगनी होने को रोकने के लिए यदि देश के अंदर 11 दिनों के समय की दर है, तो इसके उलट राज्य के अंदर यह समय लगभग 7 दिन का है। पिछले 10 दिनों के दौरान अन्य राज्यों से लौटे लोगों के कारण मामलों की संख्या में वृद्धि के बाद मामलों के बढऩे की दर घटने लगी है।

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि आने वाले हफ़्तों में हालातों में और रचनात्मक मोड़ आएगा। चार कंटेनमैंट ज़ोनों के साथ, पंजाब में मौजूदा समय में कोविड के 1823 पॉजि़टिव केस (भारत में कुल मामलों का 2.75 फीसदी) हैं और 31 व्यक्तियों की मौत हुई है (भारत के अंदर हुई मौतों का 1.40 फीसदी) और मृत्यु दर 1.70 बनती है। अन्य राज्यों में फंसे व्यक्तियों संबंधी मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब के अन्य राज्यों में फंसे 56000 व्यक्तियों द्वारा अब तक पंजाब सरकार के पास वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाई गई है और इसके अलावा राज्य से सम्बन्धित 20 हज़ार भारतीय नागरिक हैं, जो अन्य मुल्कों से वापस लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वापस लौट रहे लोगों के एकांतवास और टेस्टिंग के लिए उचित प्रबंध किये गए हैं। पंजाब से अपने जद्दी राज्यों को जाने वाले प्रवासी कामगारों संबंधी उन्होंने बताया कि अब तक 11.50 लाख प्रवासी कामगार (ख़ास तौर पर लुधियाना, जालंधर और अमृतसर से) ने रजिस्ट्रेशन करवाई है, जिनमें से ज़्यादातर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के साथ सम्बन्धित हैं।

उन्होंने बताया कि प्रवासी मज़दूरों के जद्दी राज्यों को वापसी के मकसद से 50 रेलें अब तक राज्य से सम्बन्धित राज्यों के लिए जा चुकी हैं और औसतन 13 -14 रेलों रोज़ाना इन प्रवासी कामगारों को लेकर रवाना हो रही हैं।

Written By
The Punjab Wire