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तालाबन्दी के दौरान 86371 नए मरीज़ ओट क्लिनिकों में इलाज के लिए रजिस्टर्ड हुए-हरप्रीत सिद्धू

तालाबन्दी के दौरान 86371 नए मरीज़ ओट क्लिनिकों में इलाज के लिए रजिस्टर्ड हुए-हरप्रीत सिद्धू
  • PublishedMay 11, 2020

कहा, सी.ए.डी.ए. रणनीति लागू करने से हुआ बढिय़ा सुधार

चंडीगढ़, 11 मई: तालाबन्दी/ लॉकडाउन के दौरान नशों के विरुद्ध जंग में बड़ी सफलता हासिल करते हुए राज्य भर में निजी क्लिनिकों समेत कुल 86371 नए मरीज़ 198 आऊटपेशैंट ओपीयोड असिस्टेंट ट्रीटमेंट (ओओएटी) क्लिनिकों में इलाज के लिए रजिस्टर किए गए। नशों के विरुद्ध जंग में 6 मई, 2020 तक ओट, नशा मुक्ति केन्द्रों और निजी केन्द्रों में 5,00,552 मरीज़ों का इलाज किया जा चुका है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के चीफ़-कम-एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिद्धू ने कहा कि विश्व भर में नशा मुक्ति के इलाज में ‘ओट’ क्लिनिक प्रोग्राम पूरी तरह सफल और सबसे प्रमुख कोशिश साबित हुई है। उन्होंने आगे कहा कि ओट क्लिनिकों में रजिस्ट्रेशन में वृद्धि होने के कारण मरीज़ों को घरों में ही दवा लेने की समय सीमा 21 दिनों तक बढ़ा दी गई है, जिससे मरीज़ों और स्टाफ को बड़ी राहत मिली। श्री सिद्धू ने कहा कि ओओएटी मॉडल आऊटपेशैंट क्लिनिक दवा-सलाह-पियर सहायता सेवाएं प्रदान करता है।

एसटीएफ के प्रमुख ने आगे बताया कि पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए इस प्रोग्राम के अंतर्गत नशा रोकथाम अधिकारी (डैपो) अपने पड़ोसी इलाकों में नशों की रोकथाम के लिए और नशा मुक्ति इलाज केन्द्रों के साथ जोडऩे के लिए कम्युनिटी गतिविधियों की निगरानी करते हैं। उन्होंने कहा कि तकरीबन 5.43 लाख डैपोज़ पहले ही रजिस्टर हो चुके हैं, जिनमें 88710 अधिकारी हैं और 4,54,332 नागरिक हैं। श्री सिद्धू ने कहा कि एसटीएफ ने ‘ड्रग प्रयोग के खि़लाफ़ व्यापक कार्यवाही’ (सी.ए.डी.ए.) रणनीति तैयार की है, जो एंफोर्समैंट-डीएडिक्शन-प्रिवैंशन (ईडीपी) पहुँच पर आधारित है। विस्तार में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य में नशाख़ोरी को काबू करने के लिए 360 डिग्री पहुँच है और नशाख़ोरी की रोकथाम के लिए सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी को यकीनी बनाती है।

उन्होंने आगे बताया कि 14,90,516 व्यक्तियों को नशों के बुरे प्रभावों संबंधी जागरूक किया गया है। इसके अलावा 2,05,619 नशा पीडि़तों के साथ संपर्क किया गया है, जिनमें से 98,278 पीडि़तों को नशा मुक्ति केंद्रों / ओ.ओ.ए.टी. सैंटरों में भेजा जा चुका है। एसटीएफ के प्रमुख ने आगे बताया कि फोर्स द्वारा शुरू किए ‘बड्डी प्रोग्राम’ का उद्देश्य स्कूल के बच्चों, कॉलेज /यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और नौजवानों को नशों से बचाना है। इस पहलकदमी के अंतर्गत अब तक लगभग 15,976 शैक्षिक संस्थाओं को कवर किया जा चुका है, जिसमें 37,36,718 विद्यार्थियों ने सक्रिय हिस्सा लिया। इसके अलावा 12,124 नोडल अधिकारियों, 1,27,146 सीनियर बड्डीज़ और 7,48,926 बड्डी ग्रुप भी गठित किए गए हैं। इसके अलावा 37,24,090 विद्यार्थियों ने बड्डी ग्रुप बनाए और अब तक 6,28,606 प्रोग्राम / गतिविधियां करवाई गई हैं।

Written By
The Punjab Wire