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प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोकने के लिए तुरंत अहम कदम उठाए पंजाब सरकार-अमन अरोड़ा

प्रवासी मजदूरों को राज्य में रोकने के लिए तुरंत अहम कदम उठाए पंजाब सरकार-अमन अरोड़ा
  • PublishedMay 7, 2020

अपने घरों को वापस जा रहे लाखों प्रवासी मजदूर अगर न रोके तो खेतीबाड़ी, इंडस्ट्री और अर्थ-व्यवस्था होगी प्रभावित

मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर ‘आप’ विधायक ने दिए सुझाव 

चंडीगड़, 7 मई ।आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर और सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि कोरोना-वायरस के कारण पैदा हुई मौजूदा स्थिति के मद्देनजर पंजाब से लाखों मजदूर अपने घरों को वापस जाने के लिए तैयार बैठे हैं, यदि समय रहते इन मजदूरों को न रोका गया तो पंजाब की खेतीबाड़ी, हर प्रकार के उद्योग और समूची अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचेगी। अमन अरोड़ा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिख कर सुझाव दिए हैं जिससे इन मजदूरों को पंजाब में ही रोका जा सके। 

‘आप’ हैडक्वाटर से प्रैस बयान के द्वारा पत्र जारी करते हुए अमन अरोड़ा ने बताया कि करीब 10 लाख प्रवासी मजदूर अब तक अपने राज्य को वापस जाने के लिए पंजाब सरकार के पास रजिस्ट्रेशन करवा चुका है, इस के साथ जहां इंडस्ट्री लम्बा समय चलने लायक नहीं रहेगी, वहीं किसानों को भी धान की बिजाई के लिए नए प्रवासी मजदूरों के पंजाब आने की गैरमौजूदगी में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। जिसका सीधा प्रभाव राज्य की आर्थिकता पर होगा। 

अमन अरोड़ा ने सुझाव दिया कि जहां इंडस्ट्री ने मार्च-अप्रैल के करीब 5 हफ्ते इन मजदूरों को संभाल लिया है, वहीं ही यदि पंजाब सरकार इन को मई माह के बाकी रहते दिनों तक राशन और कुछ माली मदद दे कर पलायन करने से रोक लेती है और मौजूदा हालातों के मद्देनजर इस बार धान की बिजाई की इजाजत 1 जून से दे देती है तो जून के महीने इसी प्रवासी लेबर से किसान धान की बिजाई का काम ले सकेंगे और उसके बाद जुलाई में यह वापस इंडस्ट्री में अपने काम संभाल सकेंगे।

 अमन अरोड़ा ने कहा कि इस के साथ किसानी, इंडस्ट्री के मसले हल और आसान होने के इलावा किसानी, इंडस्ट्री और सरकार पर कोई आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा और खेतों और इंडस्ट्री के बीच लेबर बांटी जाएगी, सोशल-डिस्टैंसिंग जैसी सावधानियों का ध्यान भी रखा जा सकेगा। इस बार इंडस्ट्री और व्यापारिक अदारों में बिजली की घटी खप्त के कारण बिजाई के दौरान खेती सैक्टर को बिजली देने में कोई समस्या पेश नहीं आएगी। 

अमन अरोड़ा ने यह भी कहा कि जिस शराब के कारोबार से राजस्व इक_ा कर सरकार पंजाब की अर्थ-व्यवस्था को चलाने की उम्मीद लगाई बैठी है और लुधियाना-जालंधर-अमृतसर जैसे औद्योगिक शहरों से लाखों मजदूरों के पलायन के साथ होने वाले राजस्व के भारी नुक्सान को भी बचाया जा सकेगा।

अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार को बिना सोचे-समझे आंखें बंद कर कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी के हुक्मों पर फूल चढ़ाने की बजाए राज्य में ही इन प्रवासी मजदूरों को रोक कर खेती और इंडस्ट्री क्षेत्र में रोजगार मुहैया करवाने के मकसद मुताबिक नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से प्रवासी मजदूरों के किराए अदा करने के पीछे श्रीमती सोनिया गांधी का मकसद राजनीति से प्रेरित लग रहा है, जिस के अंतर्गत कांग्रेस ऐसा कर यू.पी और बिहार में अपनी खो चुकी राजनैतिक जमीन ढूंढने की कोशिश कर रही है। 
   

Written By
The Punjab Wire