चंडीगढ़, 30 अप्रैल। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा बुधवार को शाहपुर कंडी डैम के प्रतिष्ठित प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य मौके पर मौजूद मजदूरों की उपलब्धता को देखते हुए और कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन के साथ फिर से शुरू कर दिया गया। निर्माण का कार्य जो राष्ट्रीय स्तर के लाॅकडाउन के चलते रोक दिया गया था, आज प्रमुख सचिव जल स्रोत ए. वेनू प्रसाद की हाजिरी में शुरू किया गया। प्रमुख सचिव ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दिशा निर्देशों पर निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने का नेतृत्व किया।
राष्ट्रीय स्तर के प्रोजैक्ट का यह डैम पंजाब सरकार द्वारा 2700 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से रावी नदी पर बनाया जा रहा है। इस डैम के मुकम्मल होने से जहाँ पाकिस्तान की तरफ जाता पानी का बहाव कम हो जायेगा वहीं इसका पंजाब तथा जम्मू और कश्मीर दोनों को फायदा होगा।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री और जल स्रोत मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा निर्देशों के बाद जिला प्रशासन पठानकोट को इस प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य फिर से शुरू करने की संभावना तलाशने के हुक्म किये थे। गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार म्युंसिपल हद से बाहर सिंचाई प्रोजेक्टों के निर्माण का कार्य शुरू करने की आज्ञा दी गई थी बशर्ते यह क्षेत्र सीमित जोन में न पड़ता हो।
जिला प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही करते हुए स्थिति का मुल्यांकन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बना दी। इस टीम ने मंगलवार को मौके का जायजा लिया और उनको जानकारी मिली कि डैम वाली जगह पर ही शेडों में मजदूर ठहरे हुए हैं। इसके अलावा प्रवेश का एक ही रास्ता है जिसको बैरीकेड किया हुआ है। टीम को आगे पता चला कि एजेंसी सोमा-बुरो जेवी कोविड-19 की रोकथाम के लिए पूरे एहतियाती कदम भी उठा रही है।
टीम की सूचना के आधार पर जिला प्रशासन ने एजेंसी से कोविड सम्बन्धी दिशा-निर्देशों के पालन को यकीनी बनाने के लिए करारनामा हासिल करने के बाद ही निर्माण शुरू करने के लिए हरी झंडी दी है।
प्रोजैक्ट बारे विस्तार में बताते हुए प्रवक्ता ने बताया कि साल 2014 की अनुमानित शेष लागत अनुसार 1408 करोड़ रुपए बिजली के हिस्से पर खर्च किए जाएंगे जिसमें पंजाब सरकर की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी तरह सिंचाई के हिस्से पर 685 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिसके लिए 485 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र सरकार द्वारा जबकि 179.28 करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा दिया जायेगा।
यह प्रोजैक्ट मुकम्मल होने पर 206 मेगावाॅट बिजली पैदा करेगा और पंजाब की 5000 हेक्टेयर जमीन जबकि जम्मू कश्मीर के सांबा और कठुआ जिलों में 32000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलने की उम्मीद है।
शाहपुर कंडी प्रोजैक्ट, माधोपुर हैड वर्कस से निकलने वाली नहरी प्रणाली को समान पानी की स्पलाई को यकीनी बनाने के लिए एक संतुलित जलाशय मुहैया करवाएगा। यह इसे एक पीकिंग स्टेशन के तौर पर उपयोग करके रणजीत सागर डैम से इष्टतम बिजली के लाभ को भी यकीनी बनाएगा।
जल स्रोत मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि शाहपुर कंडी तक की सरहदी बेल्ट सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा पंजाब और जम्मू कश्मीर के निवासियों की आय में विस्तार करने में भी सहायक सिद्ध होगा।