शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री और सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंस में दिया सुझाव
ऑनलाइन क्लासों और व्यापक पहुँच के लिए बी.बी.एन.एल. की तरफ से मुफ़्त इन्टरनेट सेवा मुहैया होनी चाहिए
मिड -डे-मिल वर्करों का मान भत्ता पूरे साल के लिए 3000 रुपए प्रति महीना बढ़ाने की अपील मिड-डे-मिल स्कीम का दायरा बारहवीं कक्षा तक बढ़ाया जाये और प्री-प्राईमरी के विद्यार्थी भी स्कीम में शामिल किये जाए
दसवीं के विद्यार्थियों को प्री बोर्ड परीक्षाएं और इंटरनल एसैस्समैंट के आधार पर अगली कक्षा में भेजने का दिया मश्वरा
चंडीगढ़, 29 अप्रैल:केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक और कम्यूनिकेशन, इलैक्ट्रॉनिकस और सूचना प्रौद्यौगिकी और कानून और न्याय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने सुझाव दिया कि आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 के अधीन सरकारी, प्राईवेट और न्यूज समेत सभी टैलिविजऩ चैनलों को निर्देश दिए जाएँ कि वह शिक्षा लैक्चरों के प्रसारण के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को रोज़ाना दो घंटे का मुफ़्त टाईम स्लाट मुहैया करवाऐं।
सिंगला ने कहा कि कोरोना वायरस को काबू पाने के लिए लागू किये गए लॉकडाऊन के दौरान पढ़ाई के हो रहे नुकसान की भरपाई समय की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि देश में डिज़ाजस्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 लागू होने के कारण केंद्र सरकार के पास सभी अधिकार आरक्षित हैं। इसलिए विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान के सम्मुख सभी टी.वी. चैनलों को लाजि़मी मुफ़्त टाईम स्लाट चलाने के लिए कहा जाये।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न कक्षाओं के लिए लैक्चर प्रसारित करने के लिए पंजाब को दूरदर्शन के कम से -कम चार समर्पित चैनल मिलने चाहिएं। इन चैनलों पर रोजाना के छह घंटों के समय के अलावा फिर प्रसारण के लिए इतना ही और समय मिलना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि विभिन्न कक्षाओं के लैक्चर प्रसारित करने के लिए शिक्षा विभाग ने टी.वी. चैनल मुहैया करवाने के लिए दूरदर्शन को लिखा था परन्तु अभी तक इसका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
यह मामला एन.सी.ई.आर.टी. के पास भी उठाया गया था और पंजाब के विद्यार्थियों के लिए सातवीं और आठवीं कक्षा के विभिन्न विषयों की प्रसारण सामग्री प्रसारित करने के लिए भेजी गई थी। एन.सी.ई.आर.टी. ने विश्वास दिलाया है कि वह रोज़ाना के दो घंटे का प्रसारण शुरू करेगी, जिसका इतने ही समय के लिए उसी दिन फिर प्रसारण होगा। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में विद्यार्थियों की पढ़ाई के हो रहे नुकसान को देखते हुये प्राईवेट टी.वी. चैनलों को भी निर्देश देने की ज़रूरत है कि वह लैक्चर प्रसारित करने के लिए राज्य सरकारों को मुफ़्त में समय देें।
ऑनलाइन क्लासों के लिए इन्टरनेट की माँग पूरी करने के मुद्दे पर श्री विजय इंदर सिंगला ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार के अधीन आते बी.बी.एन.एल. समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को भी निर्देश दिए जाएँ कि वह इन्टरनेट सेवा मुफ़्त मुहैया करवाएं जिससे ऑनलाइन क्लासों और गरीबों तक शिक्षा की व्यापक पहुँच का लक्ष्य हासिल किया जा सके। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि गाँवों में विद्यार्थियों को मुफ़्त इन्टरनेट कनैक्शन की इजाज़त होनी चाहिए और कम से कम मौजूदा साल के लिए बी.बी.एन.एल. और अन्य ऑपरेटरों को ज़रूरी हिदायतें जारी करने की ज़रूरत है।
एक अन्य मुख्य माँग में श्री सिंगला ने कहा कि मिड-डे-मिल वर्करों का मान भत्ता पूरे साल के लिए बढ़ा कर तीन हज़ार रुपए प्रति महीना किया जाना चाहिए और यह उनको मौजूदा 10 महीनों की जगह पूरे 12 महीने मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबों की मुश्किलें घटाने के लिए मिड डे मिल स्कीम के घेरे में 12वीं तक की क्लासों के विद्यार्थियों को भी शामिल किया जाये। इसके अलावा इस स्कीम के अधीन प्री-प्राइमरी क्लासों के विद्यार्थियों को भी ज़रूर शामिल किया जाये, जिनकी संख्या मौजूदा समय 2.73 लाख बनती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार मिड डे मिल के लिए पहले ही अपना सालाना प्लान तैयार कर चुकी है। इस प्लान को कार्यकारी कमेटी और राज्य सरकार की मंज़ूरी की ज़रूरत है, जो लॉकडाऊन के कारण लम्बित है।
बोर्ड की रहती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की चिंता और तनाव को कम करने के लिए श्री सिंगला ने सुझाव दिया कि दसवीं के विद्यार्थियों को उनके प्री बोर्ड नतीजों और इंटरनल एसैस्समैंट के आधार पर अगली कक्षाओं में भेजा जा सकता है, जबकि 12वीं के विद्यार्थियों की जल्दी से जल्दी परीक्षायें लेनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार को बताया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने किताबों की छपाई के लिए पहले ही ऑर्डर दे दिया है। कुल ज़रूरी 1.6 करोड़ पुस्तकों में से 70 लाख पहले ही छप चुकी हैं। इसमें से 60 लाख पुस्तकें जिला हैड्डक्वाटरों पर भेजी जा चुकी हैं। बाकी बचती 10 लाख पुस्तकें जालंधर, आगरा और मथुरा में प्रिंटिंग प्रैस्सों के पास पड़ी हैं। बाकी रहती पुस्तकों की छपाई स्थिति आम की तरह होने बाद में और प्रिंटिंग प्रैस्सों को लेबर रखने की इजाज़त मिलने से तुरंत बाद करवा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपनी वैबसाईट पर ई -पुस्तकें पहले ही अपलोड कर दीं हैं।
ऐस.सी.ई.आर.टी. ने आगे सभी विषयों के अध्याय को बाँट कर पी.डी.एफ. फाइलें बना ली हैं। यह पी.डी.एफ. फाइलें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और विभागीय वैबसाईट के द्वारा अकेले -अकेले स्कूल को मुहैया करवाई गई हैं। इसके अलावा विभाग ने विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए सभी लैक्चरों को एकत्रित किया है और यह विभाग के अधिकारित यू-ट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। सभी कक्षाओं का ई -कंटैंट पहले ही तैयार किया गया था। एक मोबाइल एप भी तैयार करके स्कूलों, अध्यापकों और विद्यार्थियों को मुहैया किया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एफ.एम. 100.2 रेडीयो चैनल को भी लैक्चरों को प्रसारित करने के लिए लगाया गया है। कई स्कूली अध्यापकों ने जहाँ भी संभव है, वहां ज़ूम एप के द्वारा ऑनलाइन क्लासें शुरू की हैं, जिसमें एक समय 100 के करीब विद्यार्थी भाग ले सकते हैं परन्तु इसके लिए सबसे अपेक्षित चीज़ इन्टरनेट है, जिसकी कई स्थानों पर बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गर्मियों की छुट्टियों को आगे करके 11 अप्रैल से 10 मई तक कर दिया था। अगर लॉकडाऊन 10 मई से आगे बढ़ेगा तो भी पढ़ाई का कोई नुक्सान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाऊन बढऩे की सूरत में कोर्स को उसी अनुपात में घटा कर विद्यार्थियों के पढ़ाई के नुकसान की पूर्ति की जा सकती है। इसके साथ विद्यार्थियों पर ज़्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। इस विकल्प को सिफऱ् चुनिन्दा कक्षाओं के लिए विचारा जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने पंजाब राज्य की तरफ से लॉकडाऊन के दौरान ज़रूरतमंदों के लिए चलाई जा रही टेली कंसलटैंसी सर्विसिज में रुचि दिखाई और कहा कि केंद्र सरकार देश के अन्य राज्यों को इसकी सिफ़ारिश करने की इच्छुक है क्योंकि यह कोरोना वायरस के खि़लाफ़ लड़ाई के लिए उचित है और इससे घरों में बंद लोगों के तनाव का स्तर कम किया जा सकता है। श्री विजय इंदर सिंगला ने जानकारी दी कि टोल फ्री नंबर 1800 -180 -4104 पर टेली कंसलटेशन एंड काउंसलिंग शुरू की गई है, जिस पर 2000 डाक्टर 24 घंटे उपलब्ध हैं। उन्होंने राज्य सरकार की अन्य पहलकदमियों के साथ-साथ कौवा मोबाइल एप पर गेहूँ खऱीद की प्रगति संबंधी भी जानकारी दी।