कहा, केंद्रीय मंत्री झूठ बोलना बंद करें और अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों की जांच कर लिया करें
चंडीगढ़, 18 अप्रैल: केंद्रीय मंत्री द्वारा लोगों को गुमराह करने वाले दिए बयान पर बरसते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को हरसिमरत कौर बादल द्वारा कोविड -19 से निपटने के लिए केंद्र द्वारा राज्य को राहत देने के दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया। हरसिमरत कौर बादल के ट्वीट, जिसमें दावा किया गया था कि पंजाब को कोविड -19 संकट से लडऩे के लिए केंद्र से फंड और अनुदान मिले हैं, के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘आपकी सूचना बिल्कुल गलत है।’’ मुख्यमंत्री ने हरसिमरत बादल की टिप्पणियों को उसकी आदतन झूठ बोलने और अपने ही राज्य के मूल तथ्यों संबंधी जानकारी न होने वाली करार देते हुए कहा, ‘‘राज्य को केंद्र सरकार से कोविड -19 के खि़लाफ़ निपटने के लिए कोई पैसा नहीं मिला।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों को जांच कर लिया करें। उन्होंने कहा कि अपने केंद्रीय मंत्री के पद को अपने राज्य की मदद के लिए बरतने की बजाय हरसिमरत शर्मनाक तरीके से ओछी राजनीति के लिए झूठ का कोलाहल मचा रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली नेताओं को कहा, ‘‘आपको ऐसे बड़े संकट वाले मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस समय पर जब पंजाब समेत देश भर में सभी पार्टियाँ अपने पार्टी हितों से ऊपर उठकर इस अनिर्धारित संकट से लडऩे के लिए हाथ मिला रही हैं, वहीं हरसिमरत अपने राजसी एजंडे को आगे बढ़ाने के लिए यह सब कुछ कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस संकट के समय हरसिमरत पर राज्य सरकार को सहयोग देने की बजाय सरकार की कोशिशों को कमज़ोर करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘‘आप वहां बैठे क्या कर रहे हो, अगर आप पंजाब और पंजाब के लोगों के लिए नहीं लड़ सकते?’’ हरसिमरत बादल के झूठ के राज़ खोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उनकी तरफ से 2366 करोड़ रुपए का जि़क्र किया गया है वह जी.एस.टी. के हिस्से के तौर पर राज्य का बकाया पैसा था। यहाँ तक कि अभी भी राज्य का 4400 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास बकाया पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘आप कोविड की जंग के लिए अपेक्षित राहत पैकेज लेना तो दूर बल्कि हमें हमारे बकाए भी नहीं दिला सके।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत बादल द्वारा अपने ट्वीट में जो बाकी राशि का जि़क्र किया गया है वह भी राज्य के आम बकाए हैं, जिनका कोविड -19 की जंग से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अकाली नेता द्वारा इस कठिन समय में पंजाब के लिए कोई हिमायत जुटाने की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए इस कद्र झूठ बोलने पर दुख ज़ाहिर किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि हरसिमरत द्वारा 10,000 टन दालें देने के किये दावों के उलट राज्य को अब तक सिफऱ् 42 टन दालें प्राप्त हुई हैं, जिसको राज्य की ज़रूरत के मुताबिक मज़ाक ही कहा जा सकता है। उन्होंने याद करवाते हुए कहा कि उन्होंने ख़ुद सुझाव दिया था कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों में गरीबों के लिए छह महीनों के राशन का बंदोबस्त करना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यहाँ तक कि रबी की फ़सल के भंडारण के लिए जगह खाली करने के लिए पंजाब से अतिरिक्त अनाज उठाने में तेज़ी लाने के दिए सुझाव पर भी केंद्र ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र अनाज को सड़ते रहने को प्राथमिकता देता है और मुल्क के गरीबों और जरूरतमंद लोगों का पेट भरने के लिए अनाज बरतने की बजाय अनाज सडऩे से होने वाले घाटे की भरपाई का बोझ भी राज्य सरकार के ऊपर डाल दिया जाता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड -19 के लिए राहत पैकेज तो एक तरफ़ रहा, केंद्र सरकार ने तो मुलाजि़मों के लिए बीमा और किसानों के लिए बकाए बोनस का निपटारा तक नहीं किया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हरसिमरत बादल द्वारा इस मुद्दे पर राजनीति खेलने और केंद्र में हिस्सेदार अकाली दल की नाकामी से लोगों का ध्यान हटाने की घटिया कोशिशें करने की निंदा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा संकट में लोगों को राहत मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार के यत्नों के प्रति कोई भी योगदान डालने में उनकी पार्टी असफल रही है।