17 लाख से अधिक किसानों को होगा फायदा
ओला द्वारा तैयार की गई एप मंडियों में खऱीद प्रक्रिया के दौरान ट्रॉलियों और अन्य वाहनों के ऑनलाइन प्रबंधन में करेगी मदद
चंडीगढ़, 15अप्रैल: पंजाब सरकार ने ओला के सहयोग से एक पृथक केंद्रीय स्वचालित, तर्क-आधारित प्रौद्यौगिकी प्लेटफॉर्म तैयार किया है जो राज्य के 17 लाख से अधिक किसानों को ई-पास जारी करने के साथ-साथ मंडियों में ट्रॉलियों और अन्य वाहनों की यातायात के ऑनलाइन प्रबंधन और नियंत्रण का काम करेगा।
पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा ई-पास प्रणाली की शुरुआत करने के लिए विलक्षण पहलकदमी के रूप में इस एप को प्रशासनिक सुधार और सार्वजनिक शिकायतों संबंधी विभाग की सहायता के साथ बनाया गया है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 के संकट के दौरान खरीद कार्यों को और सुचारू बनाना है। किसानों के मोबाइल फोनों पर ‘इंस्टाल’ की गई यह एप, भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए मंडी के फाटकों पर भीड़ वाले स्थानों सम्बन्धी किसानों को जागरूक करेगी, जिससे भीड़ को जमा होने से रोका जा सके। एप का डैशबोर्ड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सामाजिक दूरी से सम्बन्धित दिशा-निर्देशों के अनुसार पास जारी करने, समय सीमा पूरी होने और प्रामाणिकता सम्बन्धी भी जानकारी प्रदान करवाएगा।
यह विलक्षण प्रणाली राज्य भर की मार्केट कमेटियों के सचिवों को किसानों के लिए खरीद केन्द्रों और आढ़तियों के पास जाने के लिए यातायात संबंधी पास तैयार करने के योग्य बनाती है। यह सॉफ्टवेयर मंडी बोर्ड के पास मौजूद ऐतिहासिक आंकड़ों के आधार पर ज़रुरी पास अपने आप तैयार करता है। सभी आढ़तियों को गेहूँ की एक ट्रॉली के लिए एक पास दिया जाएगा। किसी ख़ास दिन के लिए के पास जारी करने से तीन दिन पहले वह पास आढ़तियों को मुहैया करवा दिए जाएंगे, जिससे किसी भी किस्म की भीड़ को जमा होने से रोका जा सके। यह स्वचालित प्रौद्यौगिकी एप अनावश्यक पक्षपात के सभी मौकों को घटाता है, जिससे खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आती हैे। यह यातायात संबंधी पास आढ़तीए अपने किसानों को बाँटेंगे, जिससे वह सम्बन्धित खरीद केंद्र में निर्धारित तारीख़ पर आने के योग्य हो सकें।
किसानों को फ़ोन पर पास नंबर और एप को डाऊनलोड करने के लिए एक लिंक एस.एम.एस. के द्वारा प्राप्त होगा। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वाजीत खन्ना ने बताया कि ई-पास सिस्टम के अलावा 2 मोबाइल एप्लीकेशन में एक सिस्टम भी विकसित किया गया है। पास जारी होने पर हर आढ़तिये को यूनिकोड संदेश भेजा जाता है। आढ़तिये इनबिल्ड सिस्टम के द्वारा ट्रॉली चालकों को पास अलॉट कर सकते हैं। चालक फिर उसके नंबर पर प्राप्त हुए एस.एम.एस. का प्रयोग करके को डाऊनलोड कर सकते हैं, और इसको अलग-अलग पुलिस नाकों से निकलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
खन्ना ने कहा कि ऑनलाइन वाहन प्रबंधन के साथ बोर्ड को कानून व्यवस्था के प्रोटोकोल समेत मंडियों में डीएचएस दिशा-निर्देशों को बनाए रखने में सहायता मिलेगी। पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव और विशेष सचिव प्रशासकीय सुधार रवि भगत ने कहा कि जीओटैगिंग, जीओहैशिंग, अलर्ट और एमरजैंसी सहायता जैसी विशेषताएं के साथ, यह विलक्षण टैक्नॉलॉजी एप सरकार को मंडी के कामकाज को बढिय़ा ढंग से चलाने में सहायता करेगा। यह देश में अनाज सप्लाई करने वाले नैटवर्क में आने वाली रुकावटों को भी कम करेगा, जबकि सरकारी अमले के साथ-साथ नागरिकों को भी सुरक्षित रखेगा।
इस साझेदारी संबंधी बोलते हुए ओला के सह-संस्थापक प्रणय जिवराजका ने कहा कि कोविड-19 के फैलने से पूरा विश्व इस महामारी के कारण पैदा हुए ख़तरे का मुकाबला करने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। उन्होंने बड़े स्तर पर किसानों और नागरिकों को सेवा प्रदान करने वाले इस मौके के लिए पंजाब सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रौद्यौगिकी इस्तेमाल करते हुए सरकार के माध्यम से किसानों की सहायता करके, हम अपने सामथ्र्य को उत्तम ढंग से प्रयोग में लाने के योग्य बनते हैं, जब राष्ट्र को इस राष्ट्रीय संकट में से जल्दी उभरने के लिए नवीनता और सहयोग की ज़रूरत है। उन्होंने आगे कहा कि एक प्रमुख घरेलू उत्पादन वाली प्रौद्यौगिकी कंपनी और हर रोज़ लाखों भारतियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते एक प्लेटफार्म होने के नाते ओला देश की हर संभव सहायता करने के लिए वचनबद्ध है।