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स्थानीय निकाय विभाग द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त 400 स्व-सहायता समूह बना रहे हैं मास्क और दस्ताने- ब्रह्म मोहिन्द्रा

स्थानीय निकाय विभाग द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त 400 स्व-सहायता समूह बना रहे हैं मास्क और दस्ताने- ब्रह्म मोहिन्द्रा
  • PublishedApril 14, 2020

सामुदायिक रसोई के द्वारा लोगों के लिए भोजन तैयार करने और खाने पीने की अन्य वस्तुएं तैयार करते हैं स्व-सहायता समूह

चंडीगढ़, 14 अप्रैलःस्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहरी गरीब महिलाओं के 400 से अधिक स्व-सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप) राज्य में कोरोनावायरस के फैलने के बाद से सक्रिय हैं। यह समूह सामुदायिक रसोई के संचालन के द्वारा लोगों के लिए भोजन तैयार करने, चिकित्सकीय रूप् से व्यावहारिक मास्क और दस्ताने मुहैया करवाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह जानकारी आज यहाँ से जारी प्रैस बयान में स्थानीय निकाय मंत्री श्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने दी।

मंत्री ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में इससे बड़ी उत्साहजनक खबर और क्या हो सकती है कि शहरों की गरीब महिलाओं के एसएचजीज़ मास्क, दस्ताने, पकाया हुआ भोजन, बिस्कुट, आचार आदि जरूरी वस्तुएँ तैयार करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के इस दौर में शहरी स्थानीय निकाय इन स्व-सहायता समूहों को सामाजिक कार्यों के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए प्रेरित करने में सफल रहे हैं, जिससे इन समूहों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को सरकार और निजी संस्थानों से 20 से 25 रुपए प्रति मास्क के हिसाब से मास्क बनाने के लिए एडवांस आॅर्डर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मास्क चिकित्सकीय रूप से व्यावहारिक हैं क्योंकि यह स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और सिफारिशों के अनुसार तैयार किये गए हैं।

उन्होंने बताया कि इस समय विभाग द्वारा बनाए गए कुल 6200 सेल्फ हेल्प ग्रुप में से सिर्फ 400 कार्यशील हैं और विभाग अन्य स्व-सहायता समूहों को भी अपना खाली समय और कौशल मानवता की सेवा हेतु बरतने के लिए उत्साहित कर रहा है। अन्य सेल्फ हेल्प ग्रुपों को सक्रिय करके विभाग उनकी सेवाओं को 15 लाख मास्क और 20 हजार दस्ताने तैयार करने के लिए इस्तेमाल करेगा जो सफाई सेवकों और गरीबों को बाँटे जाएंगे।

ब्रह्म मोहिन्द्रा ने आगे कहा कि स्थानीय निकाय विभाग द्वारा इन समूहों का गठन अर्बन लिवलीहुड्ड मिशन के अंतर्गत किया गया है। उन्होंने कहा कि समूह के बनने से 3 महीने बाद इनको रिवाॅलविंग फंड के तौर पर 10,000 रुपए प्रति एस.एच.जी. दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सेल्फ हेल्प ग्रुप पंजाब के अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं। संबंधित स्थानीय निकाय इन सेल्फ हेल्प ग्रुपों के सुचारू कामकाज के लिए समय-समय पर निगरानी करते हैं।  

Written By
The Punjab Wire