चंडीगढ़, 10 अप्रैल:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लॉकडाऊन के समय के दौरान औद्योगिक कामगारों को वेतन या एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ई.एस.आई.सी., मनरेगा के अधीन फंडों के साथ-साथ केंद्र की तरफ से जारी किये ऐसे अन्य फंड इस्तेमाल करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में श्रम और रोजग़ार (स्वतंत्र प्रभार) संबंधी केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है।कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 29 मार्च को जारी निर्देशों की सराहना करते हैं जिसमें यह कहा गया है कि काम देने वाले सभी मालिक चाहे वह उद्योग के मालिक हों या दुकानों और व्यापारिक अदारों के, उनको बिना किसी कटौती के निर्धारित तारीख़ को अपने मज़दूरों /कामगारों को वेतन देना चाहिए।
हालाँकि, पंजाब का औद्योगिक सैक्टर जिसमें बड़े स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमईज़) शामिल हैं, के लिए इन निर्देशों को लागू करना असंभव हुआ पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र पहले ही बहुत दबाव और स्रोतों की कमी के दौर में से गुजऱ रहा है। इस स्थिति में ऐसा कोई फ़ैसला न सिफऱ् मुश्किलों को और बढ़ा देगा बल्कि कई औद्योगिक इकाईयों को बंद करने का कारण भी बन सकता है जोकि इस तालाबन्दी का वास्तविक मनोरथ नहीं है।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार कामगारों सम्बन्धी आंकड़ों पर आधारित कोई भी जानकारी के सम्बन्ध में पूरा सहयोग देगी जो मंत्रालय को ज़रुरी होंगे और कामगारों को मुआवज़ा देने पर मदद करने के लिए कुछ अलग रास्ता अपनाएगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोविड -19 की महामारी ने न सिफऱ् व्यापक संकट पैदा किया है बल्कि यह हमारे सामने निरंतर नयी चुनौतियां उत्पन्न कर रहा है। भारत सरकार और राज्य सरकारों के सांझे यत्नों के कारण अब तक इस विश्वव्यापी संकट को सुलझाने और काबू करने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ़्तों के दौरान अलग-अलग चुनौतियों का सामना करते औद्योगिक कामगारों को राहत और सहायता कामों का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण दिशा है।