मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं कृषि विभागों को निर्धारित संचालन विधि लाने के लिए कहा, खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ा कर 4000 की
पंजाब द्वारा बारदाने के लिए किये ऑर्डर पूरे करने के लिए जुटी मिलों को तुरंत चलाने के लिए ममता बैनर्जी को लिखा पत्र
चंडीगढ़, 7 अप्रैल: पंजाब सरकार ने बेमिसाल सुरक्षा प्रबंधों और एहतियादी उपायों के अधीन 15 अप्रैल को शुरू हो रही गेहूँ की कटाई और इसके मंडीकरण के लिए तालमेल बनाने और अन्य अपेक्षित सहायता के लिए मंडी बोर्ड का 30-सदस्यीय कंट्रोल रूम स्थापित किया है जिससे कोविड -19 के कारण कफ्र्यू के मद्देनजऱ खरीद कार्यों में किसी किस्म का विघ्न न पड़े। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज खाद्य एवं सिविल सप्लाईज़, कृषि, पुलिस और अन्य अधिकारियों समेत अलग-अलग विभागों के सीनियर अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा रबी के मंडीकरण सीजन के लिए प्रबंधों का फिर जायज़ा लिया।
मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं सिविल सप्लाईज़ और कृषि विभागों को मंडियों और खरीद केन्द्रों के लिए निर्धारित संचालन विधि (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजऱ) तुरंत लाने के लिए कहा। उन्होंने विभाग को खरीद केन्द्रों की संख्या मौजूदा 3761 केंद्र जो पिछले साल की अपेक्षा दोगुने हैं, को बढ़ाकर 4000 करने के हुक्म दिए हैं। अब तक 1820 मंडियों को नोटीफायी किया जा चुका है जबकि बाकियों को आज नोटीफायी किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में अपने समकक्ष ममता बैनर्जी को आज पत्र लिखकर पंजाब सरकार के बारदाने के लिए बकाया पड़े ऑर्डर पूरे करने के लिए जुटी मिलों को फिर चलाने और लोडिंग करने के लिए उनके निजी दख़ल की माँग की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा संकटकालीन स्थिति के मद्देनजऱ केंद्र पूल के लिए गेहूँ की गई निर्विघ्न खरीद और इसको राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट और अन्य सार्वजनिक कल्याण स्कीमों के अंतर्गत लोगों को बाँटने को यकीनी बनाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 तक 3.40 लाख जूट का ऑर्डर कर दिया गया और जूट कमिश्नर ऑफ इंडिया, कोलकाता के खाते में 1000 करोड़ रुपए पहले ही ट्रांसफर कर दिए थे। जूट कमिश्नर के जूट स्मार्ट पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार पंजाब द्वारा ऑर्डर की गई 3.40 लाख गाँठों में से 2.46 गाँठों मुआइना करके पास कर दी गई और मौजूदा तारीख़ तक 2.30 लाख गाँठें भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि 10,000 ओर गाँठें मिलों के पास मुआइने के लिए तैयार हैं परन्तु राष्ट्रीय स्तर पर किये लॉकडाऊन के कारण इस सप्लाई में विघ्न पड़ सकता है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने पत्र में यह बात कही कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाऊन के चलते जारी पत्र में खाद्य वस्तुओं की पैकिंग वाले निर्माण ईकाइयों के साथ कृषि उत्पादों की खरीद समेत एम.एस.पी. कार्य के साथ जुड़ी एजेंसियों को छूटें दी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब में भी ऐसा काम करने वालों को चलाने की छूट दी गई है बशर्ते कि वह स्वास्थ्य सम्बन्धी दिशा-निर्देशों की पालना करें। मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग को भी आढ़तियों को 48 घंटों के अंदर खरीद की अदायगी करने और आगे किसानों को दो दिनों के अंदर करना यकीनी बनाने के निर्देश दिए। राज्य सरकार पहले ही 23,000 करोड़ रुपए की सी.सी.एल. हासिल कर चुकी है।इसी दौरान मुख्यमंत्री ने खरीद कार्य के दौरान किसी भी जगह भीड़ इक_ी होने से रोकने के लिए आड़तियों को निर्देश दिए हैं कि वह पानी और खाने वाले राशन का व्यक्तिगत प्रबंध करें और कोई भी वाटर कूलर लगाने की आज्ञा नहीं दी जायेगी।
इस मुहिम में शामिल किसानों और अन्यों की दिक्कतों को कम करने के लिए सभी सहूलतें मुहैया करवाई जाएँ।मुख्यमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि खरीद कार्य के लिए 14.2 लाख वर्कर उपलब्ध हैं और मजदूरों की कोई किल्लत नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि मनरेगा वर्करों के विवरण भी आड़तियों के साथ साझे किये जा रहे हैं।निर्विघ्न खरीद को यकीनी बनाने के लिए मंडी बोर्ड और राज्य की खरीद एजेंसियों के सेवा-मुक्त मुलाजिमों को वापस बुलाया जा रहा है और राज्य की चार खरीद एजेंसियों (कुल 1800 स्टाफ) के समर्पित स्टाफ को खरीद प्रक्रिर्या की निगरानी के लिए रखा गया है। 2-3 खरीद केन्द्रों की निगरानी के लिए एक इंस्पेक्टर होगा।
सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मंडियों में जमीनी जगह को गेहूँ के 50 क्विंटल के ढेर के लिए 30 गुणा 30 के क्षेत्र में बँटा जा रहा है। हर रोज एक तिहाई किसानों को मंडियों में गेहूँ लाने वाले ट्रैक्टर -ट्रॉली के नंबर और होलोग्राम के साथ कूपन जारी किये जाएंगे। जब मंडियों में आया हुआ गेहूँ उठाया जायेगा तो उसके बाद ही और कूपन जारी किये जाएंगे। यह जिक्रयोग्य है कि राज्य सरकार ने रात को कम्बाईनें चलाने पर पहले ही रोक लगाई हुई है और कम्बाईनें सिर्फ प्रात:काल 6 बजे से शाम 7 बजे तक ही चलाने की इजाजत होगी।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि खरीद केन्द्रों के लिए जारी किये गए हुक्मों का पालन करवाने के लिए सभी खरीद केन्द्रों पर पुलिस कर्मचारी तैनात किये जाएंगे जिससे कोविड-19 से मंडियों में सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। इसी तरह मंडियों में किसानों और मजदूरों में बुखार और जुकाम जैसे लक्षणों की भी जांच की जाया करेगी। इनके लिए मास्क (कपड़े के मास्क समेत) को जरूरी बनाया जायेगा और प्रत्येक मंडी में हाथ धोने के प्रबंध भी किये जाएंगे। एक गाँव से दूसरे गाँव जाने वाले ट्रकों / कम्बाइनों की निरंतर सफाई भी करनी होगी।
खाद्य, सिविल सप्लाईज और उपभोक्ता मामलों बारे मंत्री भारत भूषण आशु द्वारा जाहिर की गई चिंताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को देरी से मंडियों में गेहूँ लाने के लिए उत्साहित करने के लिए मुआवजा देने हेतु वह एक बार फिर से प्रधानमंत्री के पास यह मुद्दा उठाएंगे जिससे मंडियों में भीड़-भाड़ न हो। राज्य सरकार द्वारा खरीद सीजन पहले ही 15 जून, 2020 तक बढ़ाया जा चुका है और राज्य में अप्रैल की बजाय मई और जून में मंडियों में गेहूँ लाने वाले किसानों के लिए मुआवजे की माँग की गई है।