कोविड-19 संकट के मद्देनजऱ पंजाब को प्रभावशाली तरीके से योग्य कार्यवाही करने के लिए इसे तत्काल ज़रूरत बताया
चंडीगढ़, 6 अप्रैल: कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए अनिर्धारित संकट से निपटने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जी.एस.टी. बकाए की अदायगी के तुरंत भुगतान और अन्य अपूर्ण मामलों के हल के लिए दख़ल देने की अपील की है, जिससे इस स्थिति में प्रभावशाली तरीके से कार्यवाही की जा सके। मुख्यमंत्री ने इसी तरह का पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखते हुए इस बात पर ज़ोर देकर कहा, ‘‘इन मुद्दों पर जल्द कार्यवाही कोविड-19 के प्रभावशाली प्रबंधन में सहायता करेगी और इस संकट से प्रभावित हुए लोगों को अपेक्षित राहत प्रदान की जा सकेगी।’’
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार का इन अपूर्ण मामलों पर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को ज़रूरी दख़ल देने की माँग करते हुए कहा, ‘‘हमारे जी.एस.टी. बकाए की अदायगी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को इकठ्ठा होकर इस चुनौती का सामना करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि कोविड-19 संकट सभी के लिए बहुत बड़े स्तर पर चुनौती है जिसने सभी लोगों और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है और गरीब सबसे अधिक प्रभावित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाभाविक तौर पर इन चुनौतियों का सामना राज्यों में और ज्य़ादा करना पड़ रहा है जहाँ एक तरफ़ इस महामारी को रोकने और उपाय की ज़रूरत है वहीं दूसरी तरफ़ इस महामारी के फैलने के कारण होने वाली आर्थिक तंगी और इसके साथ पैदा हुई कठिनाईयों को भी दूर करने की ज़रूरत है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मुख्य सचिव के द्वारा कैबिनेट सचिव के साथ लगातार मिलकर काम कर रही है और राज्य सरकार के सीनियर अधिकारी रोज़ाना सभी मामलों की समीक्षा करते हैं और कोविड-19 प्रबंधन और रोकथाम के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप इस बात का भलीभांति समर्थन करते होंगे कि इस महामारी से लडऩे के लिए बड़े स्रोतों की ज़रूरत है, ख़ासकर लॉकडाउन के कारण और एैसा लगता है कि यह लम्बा खींचा जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ भी बात कर चुके हैं और पंजाब की माँग पर राष्ट्रीय स्तर पर इस संदर्भ में कुछ सुझाव देते हुए लिख भी चुके हैं। केंद्र के तत्काल ध्यान में लाते हुए बकाया मसलों की विस्तृत सूची को पत्र के साथ भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जुलाई 2017 से राज्य सरकार का जी.एस.टी. बकाया खड़ा है जो 6752.83 करोड़ रुपए बनता है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री को यह बकाया जारी करने के लिए तुरंत कार्यवाही करने की अपील की। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से एफ.आर.बी.एम. एक्ट के अंतर्गत उधार लेने की सीमा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करें, व्यापारिक बैंकों द्वारा औद्योगिक कजऱ्े मुलतवी करने और व्यापारिक बैंकों द्वारा कृषि /फ़सलीय कजऱ्े मुलतवी करने और इस पर तीन महीने ब्याज की छूट देने की माँग की है।
वित्त मंत्रालय द्वारा सुलझाए जाने वाले अन्य मामलों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय इकाईयों और पंचायती राज्य संस्थाओं को गरीबों के लिए खाद्य वस्तुओं और दवाओं समेत आपातकालीन राहत के लिए 14वें वित्त आयोग की ग्रांटें बरतने की इजाज़त देने के साथ-साथ कोविड -19 के विरुद्ध जंग में सी.एस.एस. अधीन 25 प्रतिशत फ्लेक्सी फंड बरतने और इसको 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की माँग की है। मुख्यमंत्री ने कोविड -19 के विरुद्ध मैदान में डटे पुलिस मुलाजि़मों और सफ़ाई कामगारों के विशेष जोखि़म बीमों के लिए राज्य की माँग को दोहराते हुए केंद्र मंत्रालय को इस मामले के प्रति तत्काल ध्यान देने के लिए कहा। इसी तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों की मुश्किलें घटाने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय को मगनरेगा के अंतर्गत तीन महीनों के लिए प्रति महीना 15 दिन का बेरोजगारी भत्ता देने की अपील की। इसके अलावा छोटे और सीमांत किसानों को काम के खर्चों की अदायगी के लिए मगनरेगा के अंतर्गत 10 दिनों का भत्ता देने की भी माँग की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार चाहती है कि कृषि और खाद्य और उपभोक्ता मामलों संबंधी मंत्रालय द्वारा गेहूँ के उत्पादन की देरी से खरीद के लिए किसानों को बोनस के रूप में मुआवज़े का तत्काल ऐलान किया जाये जिससे मंडियों में भीड़ एकत्र होने को रोका जा सके। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कॉर्पोरेट मामलों संबंधी मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री राहत कोष की तजऱ् पर कॉर्पोरेट सामाजिक जि़म्मेदारी (सी.एस.आर.) के अंतर्गत योग्यता के आधार पर मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देने की इजाज़त देने की माँग को भी दोहराया है।