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पंजाब में प्रवासी मज़दूरों का कोई मसला नहीं

पंजाब में प्रवासी मज़दूरों का कोई मसला नहीं
  • PublishedApril 2, 2020

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोनिया गांधी को दिया भरोसा

राज्य द्वारा राहत कार्यों और कटाई के लिए किए जा रहे प्रबंधों संबंधी भी कांग्रेस प्रधान को अवगत करवाया

चंडीगढ़, 2 अप्रैल: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान सोनिया गांधी को भरोसा दिया कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के मद्देनजऱ राज्य में प्रवासी मज़दूरों का कोई मसला नहीं है क्योंकि उद्योगपतियों को इस गंभीर स्थिति में राज्य में ऐसे सभी मज़दूरों को रखने के लिए कहा गया है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि प्रवासी मज़दूरों को रहने-सहने और भोजन मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए हैं क्योंकि राष्ट्रव्यापी तालाबन्दी की बन्दिशों और सरहद सील कर देने से यह मज़दूर राज्य को छोड़ कर नहीं जा सके थे। कांग्रेस प्रधान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग के दौरान यह मुद्दा उठाया जिससे स्थिति का जायज़ा लेने के साथ-साथ संकट की इस घड़ी में मज़बूत रोल अदा करने के लिए पार्टी के लिए रणनीति तैयार की जा सके।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों के उत्तर प्रदेश और बिहार वापस जाने से पैदा हुए मसले को सुलझाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय पर दख़ल देने से यह मसला निपटा लिया गया और इनके भोजन और रहन-सहन के लिए सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कटाई के सीजन की शुरुआत के मद्देनजऱ किसानों के लिए उचित प्रबंधों पर सोनिया गांधी द्वारा ज़ाहिर की गई फिक्रमंदी के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में सामाजिक दूरी की सख्ती से पालना के साथ-साथ निर्विघ्न कृषि कार्यों को यकीनी बनाने के लिए सभी बंदोबस्त किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को भी अपील की है कि मंडियों में गेहूँ देरी से लाने और खरीद करने के एवज़ में किसानों को मुआवज़ा दिया जाए।

सोनिया गांधी को पंजाब की मौजूदा स्थिति जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों की जनसंख्या है, से अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य अब तक सख्त निगरानी और खोजने के तरीकों के स्वरूप इस महामारी को काबू करने में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मई या जून महीने तक इस महामारी के बड़े अनुपात की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि राज्य का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग निरंतर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संपर्क में है और आई.सी.एम.आर. और मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकोल की पालना कर रहा है।

राज्य में लोगों को पेश मुश्किलों संबंधी पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वर्किंग कमेटी को बताया कि राज्य को जी.एस.टी. का केंद्र से हिस्सा अभी हासिल नहीं हुआ जिससे गंभीर वित्तीय कठिनाईयाँ पैदा हो रही हैं। इसके हिस्से के रूप में राज्य सरकार ने बेघरों और गरीबों के लिए रहने और खाने के प्रबंध समेत इस कठिनाई में अन्य उपाय करने यकीनी बनाने के लिए सभी जि़लों के लिए 20 करोड़ रुपए मंज़ूर कर दिए थे। मुख्यमंत्री ने पंजाब पुलिस की भूमिका की प्रशंसा की जिन्होंने न सिफऱ् कफ्र्यू लागू करने और कानून व्यवस्था कायम रखने की ड्यूटी निभाई है साथ ही गरीबों और ज़रूरतमंदों को ज़रूरी वस्तुएँ ख़ासकर खाद्य पदार्थ आदि का वितरण भी किया है। दिहाड़ीदारों और ग़ैर-संगठित कामगारों को सूखा राशन भी बाँटा जा रहा है।

Written By
The Punjab Wire