श्रद्धालुओं से पैसा वसूलने संबंधी सेवा केन्द्रों की कोई भी शिकायत सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय को की जाए
चंडीगढ़, 1 दिसंबर। राज्य सरकार की ओर से स्थापित किये गये सेवा केन्द्रों की ओर से श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए ऑनलाईन आवेदन करने वाले श्रद्धालुओं से कोई भी पैसा नहीं वसूला जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने यह स्पष्ट्र करते हुए कहा कि इस संबंधी यदि कोई फीस का भुगतान करने के लिए कहता है तो इस संबंधी सीधे तौर पर उनके कार्यालय को सूचित किया जाये।
सेवा
केन्द्रों में ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा आवेदन करने के लिए सुविधा फीस के
तौर पर श्रद्धालुओं से वसूली किये जाने की रिपोर्टों पर अपना प्रतीक्रिया
देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं से किसी तरह की वसूली करने का
सवाल ही पैदा नहीं होता और आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी तरह मुफ़्त है।
करतारपुर
गलियारे के द्वारा ऐतिहासिक गुरूद्वारे के दर्शनों के लिए जाने वाले
श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा लगाई गई 20 डॉलर की फीस का निजी
तौर पर विरोध किये जाने का जि़क्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे
उद्देश्य के लिए किसी तरह की फीस वसूलनी सिख सिद्धांतों के खि़लाफ़ है।
उन्होंने कहा कि भारत, किसी भी धार्मिक स्थान के दर्शनों के लिए पाकिस्तान
समेत किसी भी देश से आने वाले श्रद्धालुओं से कोई फीस नहीं लेता।
कैप्टन
अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सेवा केन्द्रों को करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के
दर्शन करने के इच्छुकों को सुविधा और ऑनलाईन आवेदनों की प्रक्रिया सम्बन्धी
विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन दिशा
-निर्देशों में कोई सुविधा फीस शामिल नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि इन
दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों का वह गंभीरता से नोटिस लेंगे।मुख्यमंत्री
ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब सरकार श्री करतारपुर साहिब की यात्रा करने के
इच्छुक समूह श्रद्धालुओं की निर्विघ्न और मुश्किल रहित यात्रा को यकीनी
बनाने के लिए वचनबद्ध है, जिसके खुले दर्शन दीदार करना हर सिख की इच्छा और
हक है।
करतारपुर गुरुद्वारा साहिब, जहाँ श्री गुरु नानक देव जी ने अपने
जीवन का आखिऱी समय बिताया, हर सिख के जीवन में एक विशेष स्थान और महत्तव
रखता है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वास्तव में अपने पिता और दादा जी
की तरह और महान गुरू के हर पैरोकार की तरह, वह (मुख्यमंत्री) स्वयं सिखों
के धार्मिक स्थान को सदियों तक सिखों के लिए सुरक्षित रखने को यकीनी बनाने
के लिए हर संभव यत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर गुरुद्वारा
साहिब के दर्शन करके स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करते हैं और यह सुनिश्चित
करेंगे कि सिख धर्म के संस्थापक गुरू साहिब जी के और बहुत से श्रद्धालु इस
पवित्र स्थान पर सत्कार देने की अपनी इच्छा को पूरा करने के योग्य हो सकें।