नई दिल्ली। कोरोना वायरस की गंभीरता के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा..
-कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने किया 15 हजार करोड़ रुपए का किया प्रावधान।
-इससे मेडिकल सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
-इस समय सभी राज्यों की प्राथमिकताएं हेल्थ केयर ही होनी चाहिए।
-आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बनी रहेगी।
-आप अपना ध्यान रखिए और अपनों का ध्यान रखिए। आत्मविश्वास के साथ कानून और नियमों का पालन करिए।
-बिना डॉक्टरों से पूछे कोई दवाई नहीं लें।-हम इन बंधनों का स्वीकार करें।
हफ्तों तक कई देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले। यही कारण है कि ये देश महामारी से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे हैं।
-हमारे सामने सिर्फ एक ही मार्ग है कि हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए घर में रहना है।
प्रधानमंत्री से लेकर गांव के छोटे नागरिक तक सभी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।
-हमें इसको फैलने की चेन को तोड़ना है। आज के संकल्प ही तय करेंगे हम इस बीमारी पर कितना नियंत्रण पा सकते हैं।-आप याद रखें कि जान है तो जहान है। यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है।
-जब देश में लॉकडाउन की स्थिति है, तब तक हमें अपना वचन निभाना है।
-कोरोना के लक्षण दिखने में काफी समय लगता है।
-डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक इस महामारी से संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों तक इस बीमारी को पहुंचा सकता है।
-यह आग की तरह फैलता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित लोगों पहले एक लाख संक्रमित होने में 67 दिन लगे, जबकि 2 लाख पहुंचने में 11 दिन लगे, 2 लाख से 3 लाख लोगों तक यह बीमारी पहुंचने में सिर्फ 4 दिन लगे।-यह जब फैलना शुरू होता है तो इसे रोकना काफी मुश्किल होता है।
-इटली हो या अमेरिका इनकी स्वास्थ्य सेवा, आधुनिक संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन मानी जाती हैं, बावजूद इसके ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए।
-नरेन्द्र मोदी का ऐलान, भारत में 21 दिन का लॉकडाउन।-यदि ये 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएंगे।
-यह बात मैं आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं।-बाहर निकलना क्या होता यह 21 दिन के लिए भूल जाएं।-इस लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है।
-मोदी का ऐलान, पूरे देश में रात 12 बजे से लॉकडाउन-कोरोना से निर्णायक लड़ाई के लिए यह कदम जनता कर्फ्यू से भी ज्यादा सख्त है।
एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी और भारत सरकार, हर राज्य सरकार की, स्थानीय निकाय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
-इस महामारी से निपटने का एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग।
-कोरोना से बचने के लिए इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।
-कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण की साइकिल को तोड़ना होगा।
-कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल बीमारों के लिए है, यह सोचना सही नहीं है।
-कुछ लोगों की लापरवाही आपको, आपके बच्चों, माता-पिता और पूरे देश को मुश्किल में डाल सकती है।-ऐसी लापरवाही जारी रही तो इसकी बहुत बड़ी कीमत भारत को चुकानी पड़ेगी।
परीक्षा की इस घड़ी में हर वर्ग के लोग साथ आए। सभी ने इसे सफल बनाया।
– भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, मानवता पर संकट आता तो हम सभी भारतीय एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं।
-जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए आप सभी प्रशंसा के पात्र हैं।