इंडियन ऑयल पटियाला में बंद पड़ी चीनी मिल में लगाएगा कम्प्रैस्ड बायो गैस प्लांट-रंधावा
सहकारिता मंत्री ने इंडियन ऑयल के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग में प्रोजैक्ट को दी सैद्धांतिक मंजूरी
धान की पराली की समस्या से निपटने में मील का पत्थर साबित होगा 180 करोड़ रुपए का यह पृथक प्रोजैक्ट
चंडीगढ़, 6 मार्च:पंजाब सरकार द्वारा राज्य की बंद पड़ीं चीनी मिलों की जगहों को प्रयोग में लाने की कोशिशों के अंतर्गत रक्खड़ा (पटियाला) चीनी मिल में 180 करोड़ रुपए की लागत वाले कम्प्रैसड बायो गैस प्लांट लगाने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह फ़ैसला सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा द्वारा आज यहाँ मार्कफैड भवन में इंडियन ऑयल के अधिकारियों के साथ की गई उच्च स्तरीय मीटिंग में लिया गया।
मीटिंग के उपरांत प्रैस को विवरण जारी करते हुए स. रंधावा ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा बंद पड़ीं चीनी मिलों की जगह को प्रयोग में लाने की कोशिशों के अंतर्गत इस प्रोजैक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजैक्ट के कई फ़ायदे होंगे। एक तरफ जहाँ किसानों की धान की पराली की समस्या का भी हल होगा वहीं रोज़गाार के मौके पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि बायो गैस प्लांट के लिए किसानों से सहकारी सोसायटियों के द्वारा धान की पराली खऱीदी जायेगी जिससे स्थानीय सहकारी सभाओं की वित्तीय स्थिति भी सुधरेगी। सहकारिता लहर को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
इस प्लांट में धान की पराली से बायो गैस का उत्पादन होगा। पहले प्रोजैक्ट के बाद राज्य में दो और ऐसे प्रोजैक्ट लगाने पर काम किया जायेगा। स. रंधावा ने कहा कि आज की मीटिंग में फ़ैसला लिया गया कि अगली मीटिंग 18 मार्च को होगी जिसमें इस प्रोजैक्ट के विस्तृत प्रस्ताव विचारे जाएंगे और आपसी सहमति के समझौते का ड्राफ्ट पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट धान की पराली की समस्या से निपटने में सहायक साबित होगा। स. रंधावा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ मुलाकात के दौरान पराली की समस्या से निपटने पर विचार किया गया था जिस दौरान यह फ़ैसला किया गया था कि केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्रालय के पास यह मामला उठाया जाये और ऐसे प्लांट लगाने पर विचार किया जाये।
इंडियन ऑयल के चीफ़ जनरल मैनेजर शातनूं गुप्ता और डिप्टी जनरल मैनेजर (अलटरनेट एनर्जी) बिजय कुमार ने मीटिंग के दौरान इस प्रोजैक्ट को शुरू करने की सहमति प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रोजैक्ट से रोज़ाना की 30 टन गैस और 100 टन प्राकृतिक खाद का उत्पादन होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट से 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले किसानों का फ़ायदा होगा जिनसे धान की पराली इस प्लांट के लिए खऱीदी जायेगी।
शूगरफैड के चेयरमैन स. अमरीक सिंह आलीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा जहाँ राज्य की सहकारी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए इसके नवीनीकरण के प्रोजैक्ट बनाए गए हैं वहीं बंद पड़ीं चीनी मिलों की जगह को प्रयोग में लाने की कोशिशें की जा रही हैं जिसका यह निष्कर्ष है कि रक्खड़ा चीनी मिल में बायो गैस प्लांट का प्रोजैक्ट स्थापित होने जा रहा है। शूगरफैड के एम.डी. पुनीत गोयल ने इस प्रोजैक्ट की पृष्टभूमि बारे जानकारी देते हुए बताया कि सहकारिता मंत्री स. रंधावा द्वारा बंद पड़ीं चीनी मिलों की खाली जगह को प्रयोग में लाने के लिए 26 नवंबर, 2019 को केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्री को पत्र लिखा गया था कि इंडियन ऑयल पटियाला, ज़ीरा और तरन तारन में बंद पड़ीं चीनी मिलों में इंडियन ऑयल को प्रोजैक्ट लगाने की मंज़ूरी दे।
पैट्रोलियम मंत्रालय के आदेशों पर इंडियन ऑयल के कार्यकारी डायरैक्टर सुबोध कुमार द्वारा शूगरफैड के अधिकारियों के साथ 20 फरवरी, 2020 को मीटिंग की गई जिसमें बंद पड़ीं चीनी मिलों पर कम्प्रैस्ड बायो गैस प्लांट लगाने की सहमति दे दी थी। इन प्रोजैक्टों की संभावना का पता लगाने के लिए इंडियन ऑयल द्वारा पहल के आधार पर रक्खड़ा चीनी मिल का 26 फरवरी, 2020 को दौरा किया गया जहाँ उन्होंने इस प्रोजैक्ट को स्थापित करने का फ़ैसला किया।मीटिंग में शूगरफैड के चेयरमैन स. अमरीक सिंह आलीवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सहकारिता कल्पना मित्तल बरूहा, रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विकास गर्ग, शूगरफैड के एम.डी. पुनीत गोयल, मार्कफैड के एम.डी. वरुण रूज़म, शूगरफैड के डिप्टी चीफ़ इंजीनियर कंवलजीत सिंह भी उपस्थित थे।