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राज्य के बहुमूल्य जल संसाधन देने की अपेक्षा अपनी जान दे दूँगा-कैप्टन अमरिन्दर सिंह

राज्य के बहुमूल्य जल संसाधन देने की अपेक्षा अपनी जान दे दूँगा-कैप्टन अमरिन्दर सिंह
  • PublishedFebruary 26, 2020

लोकपाल बिल जल्द लाया जायेगा, मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक सभी इस के घेरे अधीन आएंगेे

पिछली अकाली-भाजपा सरकार के मुकाबले कांग्रेस सरकार की हरेक क्षेत्र में उपलब्धियां गिनवाई

चंडीगढ़, 26 फरवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि राज्य के सीमित जल संसाधन अन्य राज्यों को देने की अपेक्षा वह अपनी जान देने के लिए तैयार हैं। राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस को समेटते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवानित रिपेरियन सिद्धांत के मुताबिक पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है और बेसिन से नॉन-बेसिन क्षेत्रों में पानी ले जाने की इजाज़त नहीं दी जायेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी घोषणा पत्र पर आधारित ‘नये नरोए पंजाब के लिए कैप्टन के नौ नुक्तो’ के मुताबिक उनकी सरकार की सबसे मुख्य प्राथमिकता राज्य के पानी की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि इसको हासिल करने के लिए उनकी सरकार ने हर संभव कोशिश की है और पंजाब के पानी के हकों की रक्षा के लिए अपने यत्न जारी रखेगी जिससे पंजाबी किसानों और भूमि रहित कृषि कामगारों के जीवन निर्वाह को यकीनी बनाया जा सके।

 पिछले तीन सालों में अपनी सरकार की सर्वपक्षीय कारगुज़ारी पर पूरी तसल्ली ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य से नशों को जड़ से उखाडऩे, अमन-कानून व्यवस्था कायम रखने, घर-घर रोजग़ार को यकीनी बनाने, किसानों के लिए कजऱ् माफी स्कीम के अलावा उद्योग और व्यापार के लिए वाजिब दरों पर बिजली, पानी और सफ़ाई सुरक्षा मुहैया करवाने समेत हर क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय इकाईयों में औरतों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित, अनुसूचित जातियों और अन्य कमज़ोर वर्गों से सम्बन्धित बेघर परिवारों के लिए मुफ़्त रिहायश, आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों को शैक्षिक संस्थाओं में 15 प्रतिशत आरक्षण के अलावा आय सीमा के लिए आर्थिक सीमा की योग्यता 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने समेत कई प्रयास किये गए हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास प्रोग्रामों की निगरानी के लिए पूर्व-सैनिकों में से 4300 को गार्डियनज़ ऑफ गवर्नेंस नियुक्त किए गए जिसकी प्रत्येक द्वारा प्रशंसा की गई।

 राज्य के बेशकीमती जल स्रोतों को बचाने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब जल स्रोत (प्रबंधन और नियम) एक्ट-2020 को लागू करने के अलावा सरकार ने ‘पानी बचाओ, पैसा कमाओ ’ नाम के अधीन विलक्षण प्रोजैक्ट शुरू किया है जिसका मकसद किसानों को भूजल का उपभोग घटाकर पैसा कमाने और पानी बचाने के लिए उत्साहित करना है। इस प्रोजैक्ट अधीन कृषि के लिए बिजली उपभोक्ता को साल के हरेक महीने तय बिजली के लिए हकदार बनाया गया है और किसानों को कोई भी बिल जारी नहीं किया जाता और इस प्रोजैक्ट का बजट 2020-21 के दौरान विस्तार किया जायेगा।

 मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि उनकी सरकार साल 2022-23 में शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट का काम मुकम्मल कर लेगी और साल 2020-21 के दौरान ज़रुरी फंड मुहैया करवा कर कंडी नहर का काम मुकम्मल करने के लिए भी हर संभव यत्न किया जायेगा। सार्वजनिक सेवाओं में और ज्य़ादा जवाबदेही को यकीनी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकार ने एक नया लोकपाल कानून बनाने का फ़ैसला किया है जिसको पंजाब विधानसभा के इस सैशन में पेश किये जाने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक सभी अधिकारी इस कानून के घेरे अधीन आऐंगे। अनुसूचित जातियों और अन्य कमज़ोर वर्गों से सम्बन्धित बेघर परिवारों के लिए मुफ़्त रिहायश अपर्याप्त बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अपनी नीतियों और प्रोग्रामों को पुन: जाँच-पड़ताल कर काम कर रही है जिससे न सिफऱ् हरेक बेघर को घर दिया जाये बल्कि उसे पक्का घर दिया जाये। महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय इकाईयों में 50 प्रतिशत आरक्षण पहले ही दिया जा चुका है और अब उनकी सरकार राज्य में महिला प्रमुख परिवारों की आर्थिक सुरक्षा के लिए राज्य स्तरीय महिला विकास प्रोग्राम शुरू करने पर काम कर रही है।

 कैप्टन अमरिन्दर ने सदन को 2017 में शुरू की गई महात्मा गांधी सरबत विकास योजना संबंधी जानकारी दी जिसके अंतर्गत अब तक 10.69 लाख लाभपात्रियों को विभिन्न कल्याण स्कीमों का लाभ मुहैया करवाया गया है जबकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार गरीबों का यह लाभ अपने पार्टी काडर को ही दे देती थी।

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के विलक्षण प्रयासों का जि़क्र करते हुए बताया कि स्मार्ट गाँव मुहिम के अंतर्गत गाँवों में 16011 विकास कार्यों के लिए दिए 1000 करोड़ में से 818 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए हैं। मिशन तंदुरुस्त पंजाब के नतीजे के तौर पर युरिया /खाद के उपभोग में 4.48 लाख मीट्रिक टन और डी.ए.पी. के उपभोग में 1.83 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है जिससे किसानों की लागत में 704.51 करोड़ रुपए की बचत हुई है। पराली जलाने के नाजुक मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने फ़सल के अवशेष के ठोस प्रबंधन के लिए पिछले तीन सालों के दौरान किसानों को 56000 मशीनें मुहैया करवाने के लिए 525 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। 

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस महीने के आखिर तक हैल्थ एंड वैलनैस क्लीनिकों की संख्या 1369 से बढ़ाकर 2000 कर दी जायेगी। जिससे इंग्लैंड और कनाडा जैसे प्रगतिशील मुल्कों की तर्ज पर नागरिकों को जन्म से ही स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाना यकीनी बनाया जायेगा। मनरेगा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार की अपेक्षा तीन गुणा अधिक नतीजे हासिल किये हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाते थे जबकि उनकी सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार द्वारा पिछले तीन सालों के दौरान 634 लाख दिहाडिय़ों पैदा की गई जबकि इसके मुकाबले पिछली सरकार ने दस सालों के दौरान 844 लाख दिहाडिय़ों ही पैदा की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि पिछले तीन सालों के दौरान उनकी सरकार ने ग्रामीण सडक़ों की मुरम्मत में बड़ी पहलकदमी की हैं और अब नीति को पुन: विचारने का फ़ैसला किया है जिससे नए रोड़ बनाने और गाँवों की फिरनियों के अलावा 25 व्यक्तियों की कम-से-कम आबादी वाली ढाणियों /बस्तियाँ को पक्के रास्ते दिए जाएंगे। ग्रामीण जल सप्लाई और सेनिटेशन, खुले में शौच मुक्त के मुद्दों पर सभी गाँवों ने इसमें सफलता हासिल की है और राज्य के हरेक ग्रामीण घर को पीने वाला साफ़ पानी देने का उपबंध मुकम्मल किया जा चुका है। 

बुढ़ापा और विधवा पैंशन में किये वायदे और अदायगी पर तसल्ली ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पिछली सरकार इन पैनशनों पर सालाना 550 करोड़ रुपए ख़र्च करती थी जबकि उनकी सरकार 1500 करोड़ रुपए ख़र्च रही है। उन्होंने बताया कि मार्च, 2017 में 17,35,351 लाभपात्री थे जो दिसंबर, 2019 में बढक़र 23,90,456 हो गए हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सरबत सेहत बीमा योजना को उनकी सरकार की विलक्षण प्राप्ति बताया जिसके अंतर्गत 48 लाख परिवारों को 5 लाख रुपए का सेहत बीमा कवर दिया गया है जबकि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा 31 लाख परिवारों को 50 हज़ार रुपए का ही बीमा मिलता था।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने हमें आयूषमान भारत नाम की स्कीम अधीन सिफऱ् 14.96 लाख परिवारों को ही यह सुविधा मुहैया कराने के लिए कहा था। सामाजिक सुरक्षा पैनशनों के अंतर्गत राज्य सरकार सभी योग्य 23.90 लाख लाभपात्रियों को पैनशनें बाँटने के लिए सालाना 1500 करोड़ रुपए ख़र्च रही है और पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा 17.35 लाख लाभपात्रियों को पैंशनों के वितरण के लिए प्रति वर्ष 550 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। स्टेट फंडिंग के द्वारा 261 स्मार्ट स्कूल और कम्युनिटी हिस्सेदारी से 5500 से अधिक स्मार्ट स्कूलों की स्थापना के साथ स्कूली शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा 9092 नए अध्यापकों की भर्ती 14064 अध्यापकों की सेवाएं रेगुलर की गई हैं।

 कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कायाकल्प करने का फ़ैसला किया जिसके अंतर्गत स्मार्ट राशन कार्ड मुहैया करवा कर इसको और पारदर्शी बनाया गया जिससे सभी योग्य लाभपात्री पूरी पारदर्शिता और दियानतदारी के साथ इस स्कीम अधीन लाने यकीनी बनाए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गरीब से गरीब व्यक्तियों के जीवन को आसान बनाने के लिए उनकी सरकार द्वारा ‘बिल डवैलरज़ एक्ट’ और पंजाब ट्रांसफर एंड मैनेजमेंट ऑफ म्यूंसीपल प्रोपर्टीज़ एक्ट को लागू करने का फ़ैसला किया है।

उन्होंने कहा कि हम कॉलोनियों को रेगुलर करने की नीतियों को भी पुन: विचारेंगे जिससे इसको और ज्य़ादा आसान बनाया जा सके जिससे भविष्य में अनाधिकृत जायदादों का विकास न हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा शहरी वातावरण सुधार प्रोग्राम, अमरुत योजना और स्मार्ट सिटी प्रोजैक्टों के अंतर्गत की गई प्राप्तियों के अलावा सरकार द्वारा बुढ्ढे नाले की सफ़ाई के लिए 650 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट मंज़ूर किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बुनियादी ढांचे विशेष तौर पर संचार ढांचे में किये निवेश संबंधी भी बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार के उलट उनकी सरकार ने राज्य के खजाने पर बिना कोई बोझ डाले सेवा केन्द्रों को स्व-निर्भर मॉडल के आधार पर चलाना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए भी स्कीम लाने पर काम कर रही है और बजट में इस सम्बन्धी ज़रुरी फंड दिए जाए।

Written By
The Punjab Wire