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मंत्रीमंडल द्वारा तेलंगाना की तर्ज पर पंजाब जेल विकास बोर्ड स्थापित करने का फैसला

मंत्रीमंडल द्वारा तेलंगाना की तर्ज पर पंजाब जेल विकास बोर्ड स्थापित करने का फैसला
  • PublishedFebruary 26, 2020

कैदियों को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करना और जेलों में हो रहे अपराधों में कमी लाने का लक्ष्य

चंडीगढ़, 26 फरवरी:पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा बुधवार को तेलंगाना की तजऱ् पर पंजाब जेल विकास बोर्ड की स्थापना करने का फ़ैसला किया गया जिससे कैदियों पर रचनात्मक प्रभाव डलने के उद्देश्य से उनको लाभदायक आर्थिक गतिविधियों में शामिल किया जा सके जो जेलों में होने वाले जुर्म घटाने में भी सहायक हो सकता है।इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम जेलों में होने वाले जुर्मों को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करने के साथ-साथ कैदियों को बोर्ड द्वारा चलाईं जा रही विभिन्न गतिविधियों में शामिल करके राजस्व पैदा करने में सहायता करेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे और जेल मंत्री इस बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरपर्सन और जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव /सचिव इसके उप चेयरपर्सन होंगे। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव (राजस्व), अतिरिक्त् मुख्य सचिव /प्रमुख सचिव (वित्त), सचिव कानूनी और वैधानिक मामले, रजिस्ट्रार जनरल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट और डायरैक्टर प्रोसीक्यूशन एंड लिटीगेशन इसके कार्यकारी मैंबर होंगे।इसके अलावा सरकार द्वारा दो ग़ैर -सरकारी व्यक्ति नामज़द किये जाएंगे, जिनमें से कम-से-कम एक महिला होगी जिसने जेल प्रशासन या जेल सुधारों के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई हो। इसके अलावा सरकार द्वारा दो जेल अधिकारी जो केंद्रीय जेलों के सुपरडंट या इसके बराबर या इससे ऊपर के पद रखते हों, इसके मैंबर के तौर पर नामज़द किये जाएंगे।

जेलों के डायरैक्टर जनरल /जेलों के अतिरिक्त डायरैक्टर जनरल इस बोर्ड के मैंबर सचिव होंगे।पंजाब जेल विभाग ने तेलंगाना राज्य की तजऱ् पर पंजाब विकास बोर्ड की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। विभाजन के बाद तेलंगाना राज्य ने आंध्रा प्रदेश जेल विकास बोर्ड को अपना लिया, जिसकी स्थापना 2001 में की गई थी। तेलंगाना राज्य जेल विकास बोर्ड कई आर्थिक गतिविधियां करवा रहा है, जिन्होंने अपराधियों में वास्तव में व्यवहार में लाया। इन गतिविधियों के स्वरूप जेलों में होने वाले जुर्मों में कमी आई और कैदियों को बोर्ड की तरफ से करवाई इन अलग -अलग गतिविधियों में शामिल करके राजस्व भी पैदा किया जा रहा है।सिफऱ् 2000 कैदियों और 3600 हवालाती की थोड़ी संख्या के बावजूद तेलंगाना जेल विकास बोर्ड साल 2017 में 399 करोड़ रुपए, 2018 में 536 करोड़ रुपए और 2019 में 600 करोड़ रुपए का कारोबार करने के योग्य रहा। इस कारण तेलंगाना ने साल 2017 में 12.80 करोड़ रुपए, 2018 में 16.72 करोड़ और 2019 में 19.00 करोड़ रुपए का लाभ हासिल किया।

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The Punjab Wire