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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब राज्य सलाहकार कौंसिल को कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब राज्य सलाहकार कौंसिल को कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा
  • PublishedFebruary 21, 2020

फार्मा, आईटी, ऑटो क्षेत्रों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए कार्य प्रमुख नीति अपनाने के लिए दिया न्योता

चंडीगढ़, 21 फरवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब राज्य सलाहकार कौंसिल (पी.एस.ए.सी) को कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा है ताकि कृषि आधारित आर्थिकता को और प्रफुल्लित किया जा सके।

यहाँ गुरूवार शाम को पी.एस.ए.सी की दूसरी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने अच्छी कार्य मुखी नीति तैयार करने की ज़रूरत की वकालत की जिससे फार्मा, आईटी, ऑटो क्षेत्रों में बड़े निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। राज्य में औद्योगिक विकास और परंपरागत कृषी के कारण कृषि क्षेत्र में आई रोजग़ार की रुकावट के मद्देनजऱ नौजवानों के लिए अन्य क्षेत्रों में रोजग़ार के मौके तलाशने पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि चरणबद्ध विविधीकरण के लिए समयबद्ध कार्य योजनाएँ तैयार करना ही समय की माँग है।

मुख्यमंत्री ने माहिरों को अपने अनुभव और विशेषज्ञता को इस्तेमाल करके राज्य सरकार की मदद करने की अपील की जिससे प्रशासकीय सुधारों हेतु तैयार की सभ्य रूपरेखा को लागू किये जाने के लिए सरकार और नागरिकों की भागीदारी को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने युवाओं को प्रगति के मार्ग पर डालने के लिए क्षमता निर्माण प्रोग्रामों और शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए भी सदस्यों से सुझाव माँगे जिससे युवाओं को राज्य की प्रगति का अभिन्न अंग बनाया जा सके।उन्होंने पी.एस.ए.सी के सदस्यों को आपस में सभ्य तालमेल बनाकर काम करने और सफल सुझावों के लागू किये जाने को यकीनी बनाने के लिए भी मुख्य सचिव को कहा।

इस मीटिंग के दौरान राज्य को पेश चुनौतियों और इनसे निपटने के लिए योग्य दृष्टिकोण अपनाए जाने सम्बन्धी भी विचार-विमर्श किया गया ताकि राज्य की पुरानी शान और पहचान को पुनर्जीवित करके राज्य को सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सके।इस दौरान अमरीका की हॉपकिंस यूनिवर्सिटी से प्रो. देवेश कपूर ने सरकार को अपनी मौजूदा चुनौतियों के साथ नपटने के लिए नीति और ढांचागत बदलाव अपनाने की ज़रूरत सम्बन्धी अपने विचार साझे किये जिसमें भूजल के स्तर में गिरावट, किसानों की आय में आ रही रुकावट और ज़रूरतों समेत आर्थिक विकास को तेज करने के लिए शहरी विकास पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान स्कूल शिक्षा, कृषि, युवा व्यस्तताओं और जिला प्रशासन के साथ जुड़े अलग-अलग पहलूओं पर भी विचार किया गया।

सदस्यों ने राज्य को फिर से पैरों पर खड़ा करने और इसके पर्यटन को प्रफुल्लित करने सम्बन्धी संभावनाओं का लाभ उठाने की महत्ता पर भी ज़ोर दिया।जि़क्रयोग्य है कि पीएसएसी का गठन पिछले साल राज्य सरकार ने प्रशासन के अहम क्षेत्रों में बदलाव लाने और पंजाब के सर्वपक्षीय विकास की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में किया गया था।मीटिंग में बोर्ड के मैंबर जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (अमरीका) के प्रो. देवेश कपूर, रवी वेंकटेशन, टी नन्दा कुमार, यामिनी अय्यर और डॉ. ज्ञानेंद्र बडगैयान के अलावा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशासकीय सुधार विनी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, विशेष सचिव प्रशासकीय सुधार रवि भगत और डायरैक्टर प्रशासकीय सुधार परमिन्दर पाल सिंह उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire