चंडीगढ़, 28 नवंबर: पंजाब सरकार ने मोहाली में लायफ़ साइंसेज़ पार्क को विकसित करने के लिए वैश्विक खिलाडिय़ों को न्योता देने का फ़ैसला लिया है जिसके लिए विज्ञान, तकनीकी और पर्यावरण विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
80 एकड़ में फैले अत्याधुनिक लाईफ़ साइंसेज़ पार्क को सरकारी विभागों, बायो-तकनीकी उद्योगों, यूनिवर्सिटियों और अनुसंधान संस्थाओं के साथ सलाह-मशवरे के साथ विकसित किया जा रहा है।
यहाँ मगसीपा में प्रमुख यूनिवर्सिटियों और संस्थाओं की उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये विज्ञान और तकनीकी के प्रमुख सचिव आर. के. वर्मा ने कहा कि लायफ़ साइंसेज़ पार्क रणनीतिक तौर पर मोहाली में स्थित होगा जहाँ नेशनल एग्री -फूड बायो-तकनीकी इंस्टच्यूट (एन.ए.बी.आई.), सैंटर ऑफ इनोवेशन एंड अपलायड बायो प्रोसेसिंग (सी.आई.ए.बी.), पंजाब बायो-तकनीकी इनक्यूबेटर और अन्य नामी संस्थाओं समेत देश का अपनी तरह का पहला एग्री -फूड बायो-तकनीकी कलस्टर मौजूद है।
श्री वर्मा ने मीटिंग में हिस्सा लेने वालों को आगे बताया कि पंजाब स्टेट बायोटैक कार्पोरेशन जो कि राज्य में बायो-तकनीकी सैक्टर के विकास के लिए नोडल एजेंसी है, ने भारत की प्रमुख सलाहकार फर्म, अर्नस्ट और यंग को प्रोजैक्ट मैनेजमेंट सलाहकार के तौर पर शामिल किया है जिससे लाईफ़ साइंसेज़ पार्क के विकास में राज्य की सहायता की जा सके। पार्क बायो एग्री, बायो फ़र्मा, बायो इंडस्ट्री, बायो एनर्जी और बायो सर्विसिज समेत बायो-तकनीकी के विभिन्न सैक्टरों की ज़रूरतों की पूर्ति करेगा। इसके अलावा पार्क राज्य में बायो-तकनीकी सैक्टर के विकास को भी तेज़ करेगा, निवेश को आकर्षित करेगा, नौकरियाँ पैदा करेगा और राज्य को बायो-तकनीकी रंग के तौर पर स्थापित करेगा।
श्री वर्मा ने लाईफ़ साइंसेज पार्क को वैश्विक दर्जे के पार्क के तौर पर विकसित करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जिसके लिए बायो-तकनीकी सैक्टर के सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए इस वैश्विक पार्क के विकास के लिए वैश्विक खिलाडिय़ों को न्योता देना लाजि़मी था।
इसी दौरान सम्बन्धित पक्ष ने इस सम्बन्धित किये गए उपायों का स्वागत किया और पार्क के विकास के लिए अपने कीमती सुझाव दिए।काबलेगौर है कि पंजाब बायोटैक ने इस महत्वपूर्ण सैक्टर की जगह, सर्विस और ज्ञान की ज़रूरत को पूरा करने सम्बन्धी राज्य में इनोवेशन इको-सिस्टम को सांझे तौर पर उत्साहित करने के लिए बायो-तकनीकी इंडस्ट्री रिर्सच असिस्टेंस कौंसिल (बी.आई.आर.ए.सी) के साथ पहले समझौता सहीबन्द कर लिया है।
मीटिंग में पी.ए.यू., सी.यू.पी.बी., एम.आर.एस.पी.टी.यू, बी.एफ.यू.एच.एस., आई.आई.टी रोपड़, पी.जी.आई.एम.ई.आर, आई.एम.टी.ई.सी.एच., एन.आई.टी. जालंधर, आई.एन.एस.टी. मोहाली, डी.ए.वी. यूनिवर्सिटी, चितकारा यूनिवर्सिटी, एल.पी.यू और स्वास्थ्य विभाग, उद्योग, तकनीकी शिक्षा, बाग़बानी और सरकारी विभागों और आर्बिट बायो टेक, स्लैकट बायो साइंसेज़, डा. डोज़ो लैबॉटरीज़ आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे।