कहा! पंजाब सालाना 2000 करोड़ रुपए से ज्य़ादा का नुकसान बर्दाश्त करने के समर्थ नहीं
केंद्रीय मंत्री राएसाहेब दादाराओ दानवे द्वारा पंजाब की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की प्रशंसा, पूरे देश में लागू करने में दिखाई दिलचस्पी
भारतीय खाद्य निगम को पंजाब की मौजूदा भंडारण सामथ्र्य और ज़रूरतों संबंधी रिपोर्ट तैयार करने की हिदायत
चंडीगढ़, /लुधियाना, 18 फरवरी:पंजाब के खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्य में भंडारण समस्या के चलते हर साल होने वाले अनाज खराबे को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाए। इस खराबे से होने वाले सालाना 2000 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान को राज्य सरकार बर्दाश्त करने के समर्थ नहीं है। आशू ने यह विचार आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री राएसाहेब दादाराओ दानवे के साथ लुधियाना में विशेष मीटिंग के दौरान प्रकट किये। श्री दानवे दो दिवसीय पंजाब दौरे पर हैं।
राज्य में आए साल भयानक रूप धारण करती जा रही अनाज भंडारण की समस्या को बहुत संजीदगी के साथ उठाते हुए मंत्री आशू ने कहा कि पंजाब सदियों से देश के लोगों का पेट भरता आ रहा है परन्तु बड़ी त्रासदी है कि यहाँ पैदा होने वाले अनाज को भंडार करके रखने की जि़म्मेदारी भी राज्य के सिर पर ही डाल दी जाती है। सीमित साधनों के चलते पंजाब सरकार अपने स्तर पर भंडारण सामथ्र्य बढ़ाने में असमर्थ है। इसलिए केंद्र सरकार राज्य में भंडारण सामथ्र्य को बढ़ाने के लिए प्रयास करे। उन्होंने श्री दानवे से अपील की कि इसलिए केंद्र सरकार बाकायदा देश व्यापक ठोस रणनीति तैयार करे। जिससे पंजाब जैसे कृषि प्रधान राज्य में पैदा होने वाला अनाज खऱाब न हो।
उन्होंने कहा कि जहाँ पंजाब जैसे राज्य को स्वयं अनाज पैदा करके तीन-तीन साल संभालना पड़ता है, वहां राजस्थान जैसे राज्य में केवल तीन महीने से ज़्यादा अनाज भंडार नहीं किया जाता। यदि केंद्र सरकार पहल करे तो पंजाब के अनाज को राजस्थान और अन्य राज्यों में भंडार किया जा सकता है। श्री आशू ने पंजाब के अनाज को अफगानिस्तान या अन्य पूर्वी एशियाई देशों को भी भेजने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अनाज की लिफ्टिंग के लिए स्पैशल परमीशन रोज़ाना की 10-12 माल गाड़ीयाँ ही मिलती है, जो कि बढ़ाकर कम-से-कम 20 की जानी चाहिए। राज्य में पी.ई.जी. (प्राईवेट एंटरप्रीन्यूर गारंटी) स्कीम के अंतर्गत कम-से-कम 20 लाख मीट्रिक टन के गोदाम बनाए जाने की मंजूरी दी जाये।
उन्होंने पंजाब की मौजूदा भंडारण स्थिति का खुलासा करते हुए कहा कि राज्य में 95 लाख मीट्रिक टन के करीब पिछला अनाज पड़ा है, जिसमें से 36 लाख मीट्रिक टन खुले आसमान के नीचे और 60 मीट्रिक टन गोदामों में रखा गया है, जबकि अप्रैल महीने में 130 लाख मीट्रिक टन और गेहूँ मंडियों में आ जाने की संभावना है। ऐसी स्थिति में पंजाब को आगामी अनाज की आमद को संभालना बहुत कठिन हो जायेगा।
श्री दानवे ने पंजाब की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि पंजाब की तजऱ् पर देश भर के उपभोक्ताओं को छह महीने का इक_ा अनाज मुहैया करवा दिया जाया करे तो भंडारण और अनाज के खराबे की समस्या को बड़े स्तर पर हल किया जा सकता है। यह लागू होने से सालाना 600 लाख टन अनाज आगामी तौर पर लोगों के घरों तक पहुँचाया जा सकता है, जिससे उपभोक्ता की परेशानी भी घटती है। उन्होंने पंजाब की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरे देश में लागू करने में गहरी रूचि दिखाई।
श्री दानवे ने श्री आशू को बताया कि पंजाब में खाद्य पदार्थों की स्टोरेज समस्या को दूर करने के लिए 31 साईलोज़ और स्थापित किये जाएंगे। इसलिए 21 स्थानों की चयन कर ली गई है, जबकि बाकी स्थानों की भी चयन जल्द कर ली जायेगी। इससे भंडारण की समस्या का हल किया जा सकेगा। इसके अलावा पंजाब से सम्बन्धित माँगों के हल के लिए वह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे।उन्होंने कहा कि देश में लोगों को एक ही राशन कार्ड पर राशन मुहैया कराने के लिए सभी राज्यों को कलस्टरों में बाँटा जा रहा है।
अब तक देश के 12 राज्यों को कलस्टरों में बाँटा जा चुका है। जल्द ही पंजाब और अन्य राज्यों की भी कलस्स्टर बाँट कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि कलस्टर में आने वाले राज्यों के उपभोक्ताओं को एक ही राशन कार्ड पर राशन मुहैया होने की सुविधा का लाभ मिलता है। इससे लोगों को सस्ते दर पर खाद्य पदार्थ प्राप्त करने में आसानी होती है।मीटिंग के दौरान जनरल मैनेजर भारतीय खाद्य निगम पंजाब अरशदीप सिंह थिंद, खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग के डायरैक्टर श्रीमती अनिंदिता मित्रा, श्री एस.के. जादव आई.आर.एस. अधिकारी, श्री जगन गड़े भी मौजूद थे।