उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्रीय मंत्री राओसाहिब पाटिल दानवे ने एफ.सी.आई. की साईलोज़ का किया दौरा
चंडीगढ़/मोगा, 17 फरवरी:उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के केंद्रीय मंत्री राओसाहिब पाटिल दानवे ने आज मोगा के गाँव डगरू में स्थापित भारत की सबसे बड़ी साईलोज़, जहाँ गेहूँ आधुनिक तकनीक के साथ बड़ी मात्रा में स्टोर, साफ़-सफ़ाई और बाँटी जाती है, का दौरा किया। इस मौके पर उनके साथ जनरल मैनेजर फूड कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया पंजाब अरशदीप सिंह थिंद भी मौजूद थे।
जि़क्रयोग्य है कि अदानी एग्री मैजिस्टक लिमिटेड द्वारा स्थापित की गई यह साईलोज़ जिसका भंडारण सामथ्र्य 2 लाख मीट्रिक टन है। इससे एफ.सी.आई. के साथ खरीद और वितरण का एगरीमैंट किया हुआ है। इस मौके पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्री सुभाष चंद्र, डिवीजऩल मैनेजर एफ.सी.आई. विवेक पुडार, अदानी ग्रुप के उप प्रधान पुनीत मेहंदी भी उपस्थित थे।
इस मौके पर मेहंदी रत्ता ने पत्रकारों को संबोधन करते हुए बताया कि इस प्रणाली में आधुनिक तकनीक इस्तेमाल की जाती है जिससे किसानों को मंडियों में जाने की ज़रूरत नहीं होती और किसान अपने गेहूँ को सीधे तौर पर यहाँ बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली में नाम मात्र लेबर इस्तेमाल की जाती है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली में आधुनिक मशीनों के साथ ही गेहूँ सीधी ट्रॉलियों में से ही उठाई जाती है और उसकी उसकी सैम्पलिंग होती है और फ़सल की क्वालिटी चैक भी मशीनों के द्वारा ही होती है। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न राज्यों में स्पैशली डिज़ाइनड 7 ट्रेनों के डिब्बे (टॉप लोडिंग एंड बॉटम डिस्चार्ज वैगनज़) के द्वारा गेहूँ की सप्लाई होती है।
उन्होंने कहा कि गेहूँ की पैकिंग तभी होती है जब इसकी सप्लाई होनी होती है।मेहंदी रत्ता ने और जानकारी देते हुए बताया कि इस तकनीक में किसान मुख्य लाभपात्री है क्योंकि इससे उसे मंडियों में नहीं जाना पड़ता। उन्होंने बताया कि इससे किसान का मंडियों में जाने, फ़सल की ढुलाई का ख़र्च, और समय भी बचता है। उन्होंने बताया कि इन सभी लाभों के साथ-साथ 72 घंटों के अंदर-अंदर किसान को फ़सल की कीमत सरकारी रेटों के अनुसार मिल जाती है।उन्होंने कहा कि इस आधुनिक तकनीक से सरकार का भी फ़ायदा होता है क्योंकि इसमें स्टोर या भंडारण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बोरियाँ आदि नहीं इस्तेमाल की जाती और ट्रांसपोर्ट के पैसों की भी बचत होती है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस तकनीक से गेहूँ के न्यूट्रीशनल गुण भी मेन्टेन रहते हैं, चाहे कितनी देर तक स्टोर रहे।इस दौरान उपभोक्ता मामले, भोजन और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के केंद्रीय मंत्री राओसाहिब पाटिल दानवे ने इस प्लांट का दौरा करके इसका निरीक्षण किया और जानकारी हासिल की जोकि 2007 से चल रहा है। इस मौके पर अन्यों के अलावा टर्मिनल मैनेजर साईलोज़ अमनदीप सिंह सोनी, ए.जी.एम. क्वालिटी चैक मुकेश मीना, मैनेजर एफ.सी.आई संदीप राही आदि उपस्थित थे।