पुलिस प्रशासन की ओर से चैकिंग के दौरन 118 चालान काटे गए जबिक 4 बसे इम्पाउड की गई
नियमों को ताक पर रख कर किया जा रहा बच्चों की सुरक्षा से समझौता
चंद पैसे ज्यादा कमाने के लालच में वाहनों में ढूंस ढूंस कर भरे जाते है बच्चें
मनन सैनी
गुरदासपुर। लौंगोवाल में हुए दुखद हादसे के बाद तथा मुख्यमंत्री की ओर से जारी सख्त आदेशों के उपरांत ही सही आखिरकार जिला प्रशासन की आंखे तो खुली। जिला प्रशासन की ओर से सोमवार चेकिंग के दौरान जो हालात सामने आए है उससे साफ झलकता है कि प्रशासन इससे पहले सेफ स्कूल वाहन पालिसी को लेकर कितना सतर्क रहा है। सोमवार दोपहर 3 बजे तक की गई चैकिंग के दौरान जिले में कुल 199 बसे चेक की गई जिसमें से 92 बसों के चालान कटे। इनमें से दो बसों को थाने में बंद कर दिया गया। इसी तरह पुलिस प्रशासन की ओर से भी चेकिंग के दौरान कुल 118 बसों के चालान काटे गए तथा चार बसेे इम्पाउड की गई । बेशक अधिकारियों की ओर इस कानून को सख्ती से लागू करने संबंधी दम भरे जाते हो परन्तु परन्तु सच्चाई से रुबरु होकर अधिकारी भी बेहद दंग है।
वैसे गुरदासपुर में भी लौंगोवाल जैसा ही एक हादसा 1 अक्तूबर 2019 को गुरदासपुर में भी घटा था जिसमें गुरुकुल किड्स सैनिक स्कूल की वैन को आग लग गई थी। उस वक्त वैन में आठ बच्चे सवार थे परन्तु उन्हे गांव निवासियों की मदद से बचा लिया गया था।
गौर रहे कि डीसी गुरदासपुर मोहम्मद इश्फाक की ओर से रविवार को ही एक अधिकारियों की एक मीटिंग बुला कर कड़े निर्देश दिए गए थे कि सेफ स्कूल वाहन पालिसी को सख्ती से लागू करवाया जाए। जिसके चलते सोमवार को सुबह से ही प्रशासन के कई अधिकारियों की स्कूल वाहन चैक करने की ड्यूटी लगाई गई। जिसमें मोटर व्हीकल एक्ट नियमों संबंधी भी चेकिंग की गई ।
चैकिंग के दौरान स्कूल बसों नियमों को ताक पर रख कर बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता करते दिखे। कई स्कूल की बसों में फायर सेेफ्टी डिवाईस नही था तो किसी ड्राईवर ने वर्दी पहन रखी थी। किसी स्कूल की बस को रंग लगाकर महज खानापूर्ति के लिए स्कूल बस का नाम दिया गया था। इसी तरह कई बसों के पास कागज ही नही थे। हद तो तब हो गई जब कुछ वाहनों में बच्चों को भेड़ भकरियों की भांति बिठाया गया था। जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिती में कोई भी बच्चा खुद बाहर नही निकल सकता।
इस संबंधी जानकारी देते हुए आरटीओ बलदेव सिंह रंधावा ने बताया कि दोपहर तीन बजे तक जिले में चेकिंग के दौरान कुल 199 स्कूल बसों की चेकिंग की गई। जिसमें से 92 बसों के चालान काट कर 2 थाने में बंद की गई। उन्होने बताया कि जिन बसों के चालान काटे गए है उनके पास दस्तावेजों की कमी थी, जैसे बसों में सीसीटीवी कैमरा नही लगी, वर्दी नही डाली इत्यादि। उक्त बसों को जल्द कमियां दूर करने की हिदायत दी गई है। जिन स्कूल बसों को बंद किया गया है वह मोटर व्हीकल एक्ट नियमों की पालना नही कर रहे थे।
वहीं इस संबंधी डीसी ने भी सख्त लफ्जों में कहा कि स्कूल बसों की चेकिंग निरंतर जारी रहेगी ताकि बच्चों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। उन्होने ट्रांस्पोर्ट, पुलिस तथा जिला बाल सुरक्षा अफसर समेत संबंधित अधिकारियों को मोटर वहीकल एक्ट के नियमों की उल्लंघना करने वाले स्कूलों पर लगातार नजर रखने के भी निर्देश दिए।उन्होने स्कूल के मालिकों से भी अपील करते हुए कहा कि वह नियमों की पालना संबंधी करें और बच्चों को लेकर आने और स्कूल से घर छोड़ते समय किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न बरते।