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हरसिमरत बादल द्वारा गलफूड 2020 दुबई में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन

हरसिमरत बादल द्वारा गलफूड 2020 दुबई में इंडिया पवेलियन का उद्घाटन
  • PublishedFebruary 16, 2020

चंडीगढ़/16फरवरीः खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज दूबई में गलफूड 2020 के 25वें एडिशन के अवसर पर यहां इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होने मेले का भ्रमण करते हुए भारतीय प्रदर्शकों से बातचीत की तथा उनसे आग्रह किया कि वह गलफूड 2020 मंच को विदेशी निवेशकों से कारोबारी भागीदारी बनाने के लिए इस्तेमाल करें तथा भारत से पश्चिमी बाजार में खाद्य उत्पादों के निर्यात में तेजी लाएं। प्रदर्शकों से बातचीत करते हुए श्रीमती बादल ने उनके लिए भारत, संयुक्त अरब अमीरात तथा बाकी देशों में उपलब्ध व्यापार के अवसरों के बारे चर्चा की।

केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात में खाद्य व्यापार करने वाली कंपनियों से अलग अलग मीटिंगें की। इन मीटिंगों के दौरान हुई चर्चा के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात की सुपर मार्किटों में भारतीय उत्पादों को लॉंन्च करने के लिए आवश्यक सहायता देने के लिए एक कोष स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया।

भारत यूएई खाद्य सुरक्षा कॉरिडोर प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि से विचार विमर्श करते हुए केंद्रीय मंत्री ने प्रस्ताव पेश किया कि एमओएफपीआई के वर्तमान बुनियादी ढ़ांचे को इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होने प्रोजेक्ट को शीघ्र शुरू करने पर भी जोर देते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए आवश्यक सहायता मंत्रालय द्वारा इन्वेस्ट इंडिया के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

श्रीमती बादल ने कहा कि भारत तथा यूएई पिछले कई सालों से एक दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार हैं, जिससे 2018-19 में भारत-यूएई का द्विपक्षीय व्यापार 59.909 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था।

श्रीमती बादल ने बताया कि भारत में फूड प्रोसेसिंग सैक्टर एक तेजी से उभर रहा सैक्टर है, जोकि अपनी गुणवत्ता बढ़ाने की शानदार संभावना, मंहगाई को नियंत्रण करने की सार्मथ्य तथा किसानों को फसलों की अच्छी कीमतें देने के कारण तेजी से विकास कर रहे सैक्टर के रूप में उभरा है।

श्रीमती बादल ने प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि 1.3 अरब आबादी, बढ़ रही क्रय शक्ति, कच्चे माल की उपलब्धता, जवान तथा कुशल कारीगरों की मौजूदगी तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे बहुत से आर्थिक लाभों के कारण भारत एक बहुत बड़ा बाजार है।

उन्होने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत् व्यापार करने में आसानी के माहौल को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे कदम उठाए गए हैं, जोकि भारत को एक गलोबल मैनूफेक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं। उन्होने बताया कि भारत में खाद्य संबधित उद्योगों के रैगूलेटरी मैकेनिजम को अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के साथ जोड़ दिया गया है, जिससे भारतीय निर्यात को वैश्विक बाजारों में स्वीकारयोग्य बनाया जा रहा है।

श्रीमती बादल ने यह भी कहा कि भारत द्वारा यूएई को सबसे ज्यादा खाद्य वस्तुएं निर्यात की जाती हैं। उन्होने कहा कि भारत में अनाज, फलों, सब्जियों तथा दूध का भंडार है, पर इन वस्तुओं की प्रोसेसिंग के लिए बुनियादी ढ़ांचे की कमी है जबकि यूएआई के पास इन सुविधाओं के लिए फंड तथा तकनीकी सार्मथ्य हैं, लेकिन कच्चे पदार्थों की कमी हैं इस तरह भारत तथा यूएई में सांझेदारी आने वाले समय में इस खाड़ी देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित बना सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने अन्य बहुत सारी कंपनियों के साथ बातचीत की तथा उन्हे मेक इन इंडिया पर फोक्स करने तथा देश का निर्यात बढ़ाने के लिए उचित मशवरे देने के लिए प्रेरित किया। उन्होने भारत में एमओएफपीआई द्वारा फूड प्रोसेसिंग सैक्टर को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न प्रयासों के बारे में भी बताया। वह एपीईडीए तथा इंडियन पवेलियन के सदस्यों के लिए लगाई प्रदर्शनियों से बेहद प्रभावित हुई तथा भारतीय निर्यात को बढ़ाने के लिए पूरी सहायता का आश्वासन दिया। एपीईडीए द्वारा गलफूड में 100से ज्यादा निवेशकों के साथ भाग लिया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत में नए कारोबार स्थापित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की योजनाओं का लाभ लेने के लिए दुनिया भर के निवेशकों तथा संयुक्त अरब अमीरात से आग्रह किया। उन्होने बढ़िया कारोबारी माहौल के साथ साथ भारत द्वारा दी गई नई सुविधाओं के बारे भी बताया।

Written By
The Punjab Wire