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बुढ्ढा मामले में जांच से 23 व्यक्ति गिरफ़्तार, 36 हथियार बरामद

बुढ्ढा मामले में जांच से 23 व्यक्ति गिरफ़्तार, 36 हथियार बरामद
  • PublishedFebruary 13, 2020

पंजाब पुलिस ने हथियार डीलरों की चार दुकानें की सीलभंडारण, खरीद और बिक्री की जांच के लिए राज्य स्तरीय ऑडिट शुरू 

चंडीगढ़, 13 फरवरी: हाल ही में गिरफ़्तार किये गए कैटेगरी ‘ए ’ के गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुढ्ढा से सम्बन्धित मामलों की आगामी जांच में पंजाब पुलिस ने फिऱोज़पुर रेंज और इसके साथ लगते राज्य हरियाणा और राजस्थान में छापों के दौरान 23 मुलजि़मों को गिरफ़्तार किया है और उनके पास से 36 हथियार बरामद किये गए हैं।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि इन मुलजि़मों के अन्य सम्पर्कों की पहचान और पता लगाने के लिए आगामी कार्यवाही जारी है।उन्होंने कहा कि हथियार डीलरों द्वारा हथियारों की अवैध सप्लाई पर एक बड़ी कार्यवाही के दौरान विभिन्न अपराधियों, जिनको छापों के दौरान गिरफ़्तार किया गया, के पास से 30 हथियार बरामद हुए हैं। इनमें 14 डीबीबीएल 12 बोर, चार एसबीबीएल 12 बोर, पाँच 32 बोर पिस्तौल, एक 45 बोर की पिस्तौल, तीन 30 बोर पिस्तौल, एक 25 बोर की पिस्तौल और दो कारबाईन शामिल हैं।

इन नाजायज़ हथियारों की बरामदगी के बाद कई हथियार डीलरों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इस सम्बन्धी अगली जांच जारी है।हथियार डीलरों और लाइसेंस धारकों द्वारा हथियारों और गोला बारूद के भंडारण, बिक्री और खरीद में बड़े स्तर पर कमियों का गंभीर नोटिस लेते हुए राज्य पुलिस द्वारा राज्य भर के हथियार डीलरों और लाइसेंस शाखाओं के कामकाज का ऑडिट भी किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस के निरंतर यत्नों के कारण गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह उर्फ बुढ्ढा के अर्मीनिया से डिपोर्ट होने के बाद उसको नवंबर, 2019 में नयी दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ़्तार किया गया। उसने कई खुलासे किये, जिससे राज्य पुलिस ने पंजाब में अनसुलझे आपराधिक मामलों को सुलझाने के साथ-साथ बहुत से अपराधियों को काबू करने में सफलता प्राप्त हुई।बुढ्ढा के खुलासे के बाद पंजाब पुलिस ने एटीएस, उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर सांझे ऑप्रेशन में, 30 जनवरी, 2020 को जि़ला मेरठ (यूपी) के गाँव टिक्करी के निवासी आशीष पुत्र रामबीर को भी गिरफ़्तार किया। आशीष अवैध हथियारों का मुख्य सप्लायर था जो कि अपराधियों द्वारा हत्याकांड, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अगवा करने और अन्य जुर्मों के लिए इस्तेमाल किए गए थे।

इस समय पर एडीजीपी, आंतरिक सुरक्षा की निगरानी अधीन आशीष की अलग-अलग मामलों में जांच की जा रही है।जि़क्रयोग्य है कि आशीष की धर्मेंद्र उर्फ गुगनी ने सुखप्रीत बुढ्ढा के साथ जान-पहचान करवाई, जो आरएसएस के अधिकारी ब्रिग. गगनेजा और पंजाब के अन्य हिंदु धार्मिक नेताओं की लक्षित हत्या के मामलों में मुख्य दोषी है। एनआईए द्वारा जांच किये जा रहे लक्षित हत्याओं के मामलों में हथियारों की सप्लाई के लिए भी वांछित था।श्री गुप्ता ने बताया कि आशीष को पहली बार 120 डिब्बे शराब की तस्करी में शामिल होने के दोष में गिरफ़्तार किया गया था।

बाद में उसको पंजाब पुलिस ने काबू कर लिया और एक एनडीपीएस केस के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें उसको 2012 में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई और नाभा जेल, पटियाला भेजा गया, जहाँ उसकी दोस्ती धर्मेंद्र गुगनी, सुक्खा काहलवां और अन्य से हुई जो उस समय उसी जेल में बंद थे।जेल से रिहा होने के बाद, उसने साल 2014 में ज़मानत तोड़ दी, परन्तु वह धर्मेंद्र गुगनी के संपर्क में रहा और धर्मेंद्र गुगनी और जस्टू भगवानपुरिया, दविन्दर बांबिया, सुक्खा काहलवां आदि वांछित अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई करना शुरू कर दिया था। ये अपराधी 2014 से पंजाब में गैंगवार, हत्याओं, जबरन वसूली, अपहरण आदि में हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे।आगे पता चला कि आशीष ने पंजाब आधारित विभिन्न अपराधियों को बड़ी संख्या में नाजायज़ हथियार सप्लाई किये थे, जिन्होंने इन हथियारों को साल 2015 में तरन तारन आपसी गिरोह की लड़ाई और हाल ही में नवंबर 2019 में मलेरकोटला में अब्दुल राशिद उर्फ गुद्धू की हत्या के लिए इस्तेमाल किया था।

सुखप्रीत बुढ्ढा और उसके साथियों को दिए गए हथियारों का प्रयोग मोहाली में पंजाबी गायक परमीश वर्मा और पंजाब में हुए कई अन्य कत्ल, डकैतियों और जबरन वसूली और हमलों के लिए किया गया था।आशीष द्वारा किये खुलासों पर दो अपराधियों गुरप्रीत सिंह उर्फ लाडी (20 आपराधिक मामलों में वांछित) और नीरज कुमार उर्फ धीरज बट्टा (13 मामलों में वांछित) को गिरफ़्तार किया गया और एक 0.30 बोर और दो 32 बोर, 36 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। आशीष और उसके साथियों के खि़लाफ़ एस.ए.एस. नगर में यू.ए.पी.ए के अंतर्गत अलग केस दर्ज किया गया है।

एआईजी हरकमलप्रीत खक्ख की निगरानी अधीन एक विशेष जांच टीम (सिट) जांच कर रही है और जेलों में बंद अपराधियों के प्रोडक्शन वॉरंट लेकर सभी गैर-कानूनी हथियारों को बरामद करने की कोशिश की जा रही है, जिनके इशारों पर आशीष ने हथियार सप्लाई किये थे। विशेष जांच टीम आशीष को हथियार बनाने और सप्लाई करने वाले व्यक्तियों की खोज करने और उनको गिरफ़्तार करने के लिए एटीएस, यूपी की मदद भी ले रही है।सुखप्रीत बुढ्ढा से पूछताछ से यह भी पता लगा है कि जलालाबाद की कपिल आर्मज़ कंपनी के मालिक कपिल देव पुत्र हरभजन लाल निवासी जलालाबाद, जि़ला फाजिल्का द्वारा कत्ल, डकैतियाँ, अगवा करने आदि अपराधों के लिए पंजाब में अपराधियों को नाजायज़ हथियार सप्लाई कर रहा था।

कपिल देव के खि़लाफ़ थाना फेज़ 8 एसएएस नगर में आई पी सी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और आर्मज़ एक्ट की धारा 25 अधीन एफआईआर नं. 150 तारीख़ 10-12-2019 और पुलिस थाना एसएसओसी फाजि़ल्का में आइपीसी की धारा 420, 465, 467, 471, 120-बी के अंतर्गत एफआईआर नं. 02 तारीख़ 05-02-2020 दर्ज है।

कपिल द्वारा किये खुलासों ने हथियार डीलरों के बीच गहरे गठजोड़ की तरफ इशारा किया जो गैर-कानूनी हथियार और गोला बारूद खरीद रहे हैं और पंजाब में अलग -अलग अपराधियों को सप्लाई कर रहे हैं। कपिल द्वारा किये खुलासों से अलग-अलग व्यक्तियों से तकरीबन 14 नाजायज़ हथियार बरामद किये गए हैं और फाजिल्का और फिऱोज़पुर जिलों में अलग -अलग एफ.आई.आरज़ दर्ज की गई हैं।

अबोहर, जलालाबाद, ममदोट और फाजि़ल्का में अलग -अलग हथियार डीलरों के खि़लाफ़ केस दर्ज किया गया है और एआईजी / ओसीसीयू गुरमीत सिंह चौहान के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम की निगरानी अधीन जांच की जा रही है।जि़क्रयोग्य है कि सेतिया गन हाऊस का मालिक अमर सेतिया पहले सीबीआई द्वारा जांच किये जाली हथियार लाइसेंस मामलों में शामिल था और उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।

हथियारों के जाली लाइसैंसों में उसकी भूमिका के अलावा, वह बिना लाइसेंस से गैर-कानूनी हथियारों की बिक्री और खरीद में शामिल रहा है।इसी तरह अबोहर के दुर्गा गन हाऊस के मालिक हरीश कुमार रिषू, राहुल गन हाऊस, फाजि़ल्का के मालिक, एलनाबाद, हरियाणा के सन्दीप बिशनोई और राजस्थान के हनूमानगढ़ जिले के सुरिन्दर उर्फ सुमी गोधरा को हथियार और गोला बारूद की गैर-कानूनी बिक्री और खरीद के लिए गिरफ़्तार किया गया है।

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The Punjab Wire