चंडीगढ़, 9 फऱवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाबी फि़ल्म ‘शूटर ’ पर पाबंदी के आदेश किये हैं जो बदनाम गैंगस्टर सुखा काहलवा की जि़ंदगी पर बनी है और घृणित अपराध, हिंसा, फिरौती, खतरों आदि को बढ़ावा देती है।
मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को भी निर्देश दिए हैं कि वह यह भी देखें कि फि़ल्म के निर्माता के.वी. ढिल्लों के विरुद्ध क्या बनती कार्यवाही की जा सकती है जिसने 2019 में यह कहा था कि वह ‘सुखा काहलवा ’ टाईटल के तहत फि़ल्म बनाऐगा। डीजीपी को यह भी कहा है कि वह फि़ल्म में प्रमोटरों, डायरैक्टर और एक्टरों के रोल संबंधी भी देखें।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने साफ़ किया है कि उनकी सरकार ऐसी किसी फि़ल्म, गाने आदि को चलाने की आज्ञा नहीं देगी जो अपराध, हिंसा और गैंगस्टर या राज्य में अपराध को बढ़ावा देती हो जो अकालियोंं के शासन के दौरान अकाली नेताओं की सरप्रस्ती अधीन बढ़ा फूला।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन सरकार को पिछले तीन साल में राज्य की अमन, कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए लंबा समय लगा जोकि पिछले अकाली-भाजपा सरकार के दौरान सबसे निचले स्तर पर थी।
प्रवक्ता ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि यह यकीनी बनाऐ आ जाये कि पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सदभावना को भंग करने की किसी को भी इज़ाजत न दी जाये।
डीजीपी ने खुलासा किया कि पंजाब में विवादित फि़ल्म पर पाबंदी का मामला शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग में विचारा गया था जिसमें एडीजीपी इंटैलीजैंस वरिन्दर कुमार भी उपस्थित थे और यह फ़ैसला किया गया कि फि़ल्म पर पाबंदी लगाई जाये जिसका ट्रेलर 18 जनवरी को रिलीज हुआ है।
मीटिंग में यह सुझाव दिया गया कि यह फि़ल्म बहुत ही हिंसक है।एडीजीपी ने आगे कहा कि यह देखते हुये कि इस फि़ल्म का नौजवानों पर बुरा प्रभाव हो सकता और इस फि़ल्म से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मामले और न्याय को लिखे पत्र में कहा गया, ‘पंजाब में इस फि़ल्म को रिलीज़ और दिखाने पर पाबंदी लगा दी जाये।’
इससे पहले मोहाली पुलिस के पास इस फि़ल्म के द्वारा गैंगस्टर सुखा काहलवा को हीरो के तौर पर पेश करने की शिकायत मिली थी जिसमें फि़ल्म के निर्माता ने गैंगस्टर को शार्प शूटर के तौर पर पेश किया है जिसके विरुद्ध कत्ल, अपहरण और फिरौती के मामलोंं समेत 20 से अधिक केस दर्ज हैं।उसे गैंगस्टर विक्की गौंडर और उसके साथियों ने 22 जनवरी, 2015 को मार दिया था जब उसे जालंधर में सुनवाई के लिए पटियाला जेल से लाया जा रहा था।
अपने पत्र में ढिल्लों ने मोहाली के एस.एस.पी को लिखा था, ‘अगर आपका यह विचार है कि इस फि़ल्म से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है तो मैं फि़ल्म के प्रोजैक्ट को बंद कर देता हैं।’ डीजीपी के अनुसार फि़ल्म के निर्माता ने फि़ल्म का प्रोजैक्ट रद्द करने की बजाय इस पर काम जारी रखा और अब 21 फरवरी को नये टाईटल और नये नाम से उसी फि़ल्म को रिलीज़ किया जा रहा है।
सरकार की तरफ से अब फि़ल्म पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला मानसा पुलिस द्वारा पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला और मनकीरत औलख के खि़लाफ़ सोशल मीडिया पर हिंसा और अपराध का प्रचार करते हुये अपलोड किये वीडियो क्लिप के बदले केस दर्ज करने के 10 दिनों से कम समय के अंदर किया गया।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सिवल रिट्ट पटीशन 6213 /2016 में पंजाब, हरियाणा और यू टी चण्डीगढ़ के डीजीपी को निर्देश दिए थे कि यह यकीनी बनाया जाये कि कोई ऐसा गाना किसी लाइव शो के दौरान चलने न दिया जाये जो शराब, नशे और हिंसा को बढ़ावा देता हो। अदालत ने आगे हर जिले के जि़ला मैजिस्ट्रेट /एसएसपी को निर्देश दिए थे कि इन आदेशों की सख्ती से पालना करने की उनकी निजी जि़म्मेदारी है।