राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में साल 2020-21 के दौरान प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) स्कीम के अंतर्गत 10 हज़ार मकान बनाए जाएंगे-बाजवा
प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अधीन और अधिक लाभपात्रियों को लाने के लिए कच्चे मकानों की परिभाषा सुधारी जाये, पंजाब ने केंद्र सरकार के पास की पहुंच
चंडीगढ़, 3 फरवरी :पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) स्कीम के अधीन 10,000 नये मकानों का निर्माण किया जायेगा और यह लक्ष्य हासिल करने के लिए पंंजाब ग्रामीण विकास विभाग पूरे ज़ोर-शोर से जुटा हुआ है। इस सम्बन्धी जानकारी साझी करते हुए पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री स. तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने साथ ही बताया कि पंजाब के अधिक से अधिक लाभपात्रियों को इस स्कीम के अधीन लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के पास पहुँच की गई है।
बाजवा ने बताया कि कच्चे मकानों की परिभाषा को पंजाब समर्थकीय बनाने के लिए यह मामला भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उठाया गया है जिससे अधिक से अधिक लाभपात्रियों को इस स्कीम के अधीन लाभ दिया जा सके। पंजाब राज्य की विनती पर भारत सरकार के माहिरों की एक टीम पंजाब के सरहदी जि़लों का दौरा करने की योजना बना रही है जिससे गाँवों में घरों की छत की स्थिति को समझा जा सके और पंजाब राज्य के लिए कच्चे मकान बनाने सम्बन्धी दिशा-निर्देशों में रियायत दी जा सके।
मंत्री ने आगे बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत नये मकानों के निर्माण के लिए योग्य लाभपात्रियों को 1.20 लाख रुपए की राशि तीन किश्तों में दी जाती है। इसके अलावा मगनरेगा स्कीम के अंतर्गत इन लाभपात्रियों को 90 दिनों की मज़दूरी 21,690/- रुपए और घर में टॉयलेट (पखाना) बनाने के लिए 12,000/- रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह हरेक योग्य परिवार को उनके मकान के निर्माण के लिए 1,53,690/- रुपए का कुल लाभ दिया जाता है।उन्होंने यह भी बताया कि न सिफऱ् गरीब परिवार को एक मकान मुहैया करवाया जाता है बल्कि सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे कि नेशनल रुरल ड्रिंकिंग वॉटर प्रोग्राम (एन.आर.डी.डब्ल्यू.पी) स्कीम का साफ़ पेयजल, प्रधान मंत्री उज्जवला योजना (पी.एम.यू.वाई.) से रसोई गैस सिलेंडर, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डी.डी.यू.जी.के.वाई.) से बिजली कनैक्शन योग्य परिवारों को मुहैया करवाया जाता है।
इसके अलावा हमारे विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गए हैं कि पी.एम.ए.वाई (जी) के अधीन आने वाले सभी लाभपात्रियों को मगनरेगा के साथ गठजोड़ के अंतर्गत सोक पिट, वर्मी कम्पोस्ट पिट और 4 या 6 जानवरों के लिए कैटल शैड का लाभ प्रदान करने के भी योग्य प्रयास किये जाएँ।श्रीमती सीमा जैन, वित्त कमिश्नर, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने बताया कि इस स्कीम को लागू करने में पारदर्शिता लाने के लिए, घरों की जीओ टैग तस्वीरें मोबाइल ऐप्लीकेशन ‘आवास एप’ के द्वारा अपलोड की जाती हैं। यह काम तीन पड़ावों जैसे कि ज़मीनी स्तर, लिंटेल स्तर और संपूर्णता स्तर पर किया जाता है।