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नौजवानों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए शैक्षिक संस्थानों और कला-साहित्य संस्थाओं का मिलकर काम करना ज़रूरी-डॉ. सुरजीत पातर

नौजवानों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए शैक्षिक संस्थानों और कला-साहित्य संस्थाओं का मिलकर काम करना ज़रूरी-डॉ. सुरजीत पातर
  • PublishedFebruary 3, 2020

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने जीता डॉ. महेन्दर सिंह रंधावा विरासती कप

चंडीगढ़, 3 फरवरी:पंजाब कला परिषद् द्वारा मनाए जा रहे डॉ. महेन्दर सिंह रंधावा कला उत्सव के दौरान करवाए गए विरासती मुकाबलों के दौरान रंधावा विरासती कप पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने जीता। पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला ने ओवर ऑल दूसरा स्थान हासिल किया। व्यक्तिगत और टीम मुकाबलों के विजेता विद्यार्थियों और टीमों को पंजाब कला परिषद् के चेयरमैन डॉ. सुरजीत पातर ने इनाम बाँटे।

पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अलग-अलग कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के विद्यार्थियों और अध्यापकों को संबोधन करते हुए डॉ. सुरजीत पातर ने कहा कि लोक कलाओं में जि़ंदगी को जीने का हुनर होता है। उन्होंने कहा कि लोक कलाएं हमें जि़ंदगी के बहुत नज़दीक से दर्शन करवाती हैं। उन्होंने कहा कि लोक-दस्तकारी से जुड़े मनुष्य मेहनती, ईमानदार और दूसरों की भावनाओं को समझने के समर्थ होते हैं। उन्होंने कहा कि विरासती कलाओं को संभालने में हमारे शैक्षिक संस्थानों की बहुत बड़ी देन है जिसको और बढ़ावा देना चाहिए।

विजेता विद्यार्थियों को मुबारकबाद देते हुए डॉ. पातर ने कहा कि नौजवान विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए शैक्षिक संस्थाएं और कला-साहित्य संस्थाओं का मिलकर काम करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में इस तरह की लोक विरासत को संभाल कर रखना प्रशंसनीय भी है और इस बात का सबूत भी है यह कलाएं जीवित हैं।

स्वागती शब्दों के दौरान पंजाबी संगीत नाटक अकादमी के उप प्रधान डॉ. निर्मल जौड़ा ने कहा कि नौजवान पीढ़ी को दस्तकारी कला के साथ जोडऩा समय की ज़रूरत है जिस कारण पंजाब कला परिषद् द्वारा इन मुकाबलों की तरफ विशेष ध्यान दिया जाता है। समागम में विशेष तौर पर पहुँचे पंजाब राज्य सूचना कमिश्नर स. निधडक़ सिंह बराड़ ने लोक कलाओं को जीवित रखने के लिए कला परिषद् के प्रयासों की प्रशंसा की।

पंजाब कला परिषद् के मीडिया कोऑर्डिनेटर निन्दर घुग्याणवी ने सबका धन्यवाद करते हुए बताया कि रंधावा उत्सव के दौरान कल बोपाराए भाइयों के साथ तेरे सम्मुख, पुआधी जलसा और शाम को कवि दरबार होगा।इस मौके पर हुए विरासती क्विज़ मुकाबले में सरकारी कॉलेज होशियारपुर ने पहला, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला कैंपस ने दूसरा और बब्बर अकाली मेमोरियल कॉलेज गढ़शंकर ने तीसरा स्थान हासिल किया जबकि दसमेश गर्लज़ कॉलेज बादल और सरकारी कॉलेज (लड़कियां) लुधियाना को प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुए।

इसी तरह पक्खी बुनने में दसमेश गर्लज़ कॉलेज बादल ने पहला, गुरू नानक गर्लज़ कॉलेज लुधियाना ने दूसरा और सरकारी कॉलेज सैक्टर 42 चंडीगढ़ ने तीसरा, गेंद बनाने में बी.सी.एम. कॉलेज लुधियाना ने पहला, आत्म वलव जैन कॉलेज लुधियाना ने दूसरा और शहीद उधम सिंह सरकारी कॉलेज सुनाम ने तीसरा, फुलकारी में भाग सिंह खालसा कॉलेज काला टिब्बा अबोहर ने पहला, आत्म वलव जैन कॉलेज लुधियाना ने दूसरा और रत्तेवाल कॉलेज ने तीसरा।

बाग़ में भाग सिंह खालसा कॉलेज काला टिब्बा ने पहला, रामगढिया गर्लज़ कॉलेज लुधियाना ने दूसरा और गुरू नानक कॉलेज बुढलाडा ने तीसरा, गुड्डियाँ पटोले में संत बाबा भाग सिंह कॉलेज सुखानन्द ने पहला, रामगढिया गर्लज़ कॉलेज लुधियाना और दसमेश गर्लज़ कॉलेज बादल ने दूसरा, गुरू नानक खालसा कॉलेज लुधियाना ने तीसरा, छोटी टोकरी बनाने में रामगढिया गर्लज़ कॉलेज लुधियाना ने पहला, आत्म वलव जैन कॉलेज लुधियाना ने दूसरा और गुरू नानक कॉलेज बुढलाडा ने तीसरा, परांदा बनाने में रामगढिया गर्लज़ कॉलेज लुधियाना ने पहला, दसमेश गर्लज़ कॉलेज बादल ने दूसरा और सरकारी कॉलेज लड़कियाँ लुधियाना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

इन मुकाबलों का निर्णय लोक कलाओं के माहिर प्रो. किरपाल कज़ाक, जसमेर सिंह ढट्ट और मैडम करमजीत कौर ने किया जबकि विरासती क्विज़ प्रीतम सिंह रुपाल ने करवाई। इस मौके पर पंजाब संगीत नाटक अकादमी के प्रधान केवल धालीवाल और सचिव प्रीतम रुपाल, ललित कला अकादमी के प्रधान दीवान माना, केंद्रीय लेखक सभा के प्रधान डॉ. लाभ सिंह खीवा आदि उपस्थित थे।–

Written By
The Punjab Wire