अकाली प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर शपथपत्र वापिस लेने का अनुरोध करेगा
बहबलकलां के मुख्य गवाह की मौत में भूमिका मंत्री तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार की छुट्टी की जाएः शिअद
चंडीगढ़/03फरवरीः शिरोमणी अकाली दल की कोर कमेटी ने हरियाणा में अलग सिख गुरुद्वारा कमेटी का समर्थन करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के संशोधित हलफनामें को आज ‘खालसा पंथ के दुश्मनों की सिखों की सबसे सर्वोच्च धार्मिक संसद शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को कमजोर करके यां इस पर कब्जा करके सिख कौम की आध्यात्मिक शक्ति के स्रोतों पर हमला करने की पुरानी तथा गहरी साजिश’ करार दिया है।
इस संबधी आज मुख्य पार्टी कार्यालय में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में एक प्रस्ताव पास किया गया। इस मीटिंग का नेतृत्व अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने किया।
एक अलग प्रस्ताव के माध्यम से पार्टी ने निर्णय किया कि पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह बदनौर के ध्यान में यह बात लाई जाएगी कि राज्य सरकार द्वारा दाखिल किया ताजा हलफनामा पिछली राज्य सरकार द्वारा दाखिल किए हलफनामे से न सिर्फ विपरित है, बल्कि इसके बेहद गंभीर परिणाम निकल सकते हैं, क्योंकि यह खालसा पंथ के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि सिख अपनी सबसे बड़ी धार्मिक जत्थेबंदी शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में ‘बटवारा डालने की ऐसी तुच्छ कोशिशों’ का सख्त विरोध करते हैं।
बाद में मीडिया को इस मीटिंग के बारे जानकारी देते हुए पार्टी प्रवक्ता सरदार हरचरन सिंह बैंस ने बताया कि कोर कमेटी ने बहबलकलां के मुख्य गवाह की रहस्यमयी हालातो में हुई मौत के बेहद संवेदनशील मामले में भी राज्य के राज्यपाल से हस्तक्षेप करने के लिए कहने का फैसला किया है। उन्होने कहा कि पार्टी द्वारा राज्यपाल के ध्यान में बहबलकलां केस के प्रमुख गवाह की पत्नी द्वारा लगाए गंभीर दोषों को लाया जाएगा।उन्होने कहा कि स्वर्गीय गवाह की पत्नी ने कांग्रेसी नेताओं कुशलदीप सिंह ढ़िल्लों तथा गुरप्रीत सिंह कांगड़ के विरूद्ध बेहद गंभीर दोष लगाए हैं।
पार्टी ने मुख्य गवाह के परिवार का अपमान करने तथा उनपर दबाव डालने में राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार कुशलदीप सिंह ढ़िल्लों की संदिग्ध भूमिका के लिए दोनों कांग्रेसियों को तत्काल बर्खासत करने की मांग भी की। कोर कमेटी ने मांग की कि इस केस की जांच सीबीआई के हवाले की जाए। सरदार बैंस ने कहा कि इस बड़े मामले में जिन संदिग्ध परिस्थितियों में मुख्य गवाह की मौत हुई है, उसने राज्य में हुई बेअदबी की घटनाओं में कांग्रेस की साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। अकाली दल ने हमेशा यह बात कही है कि बेअदबी के मामले अकाली-भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए इसके राजनीतिक विरोधियों द्वारा रची एक गहरी साजिश का परिणाम थे। अब इस साजिश की ताजा परतें सामने आ रही हैं।
कांग्रेस सरकार की सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप के खिलाफ पास प्रस्ताव में कहा गया कि हरियाणा में अलग सिख कमेटी बनाने संबधी पंजाब सरकार का ताजा हलफिया बयान सिखों के गुरुधामों में आध्यात्मिक शक्ति की जड़ों पर हमला करने के उद्देश्य से दिया गया है। अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को चेतावनी दी कि उसकी सिख पंथ के विरूद्ध कांग्रेस के पुराने सपनों को पूरा करने की कोशिशों का वही हश्र होगा, जो 2002 में उसकी एसजीपीसी पर कब्जा करने की कोशिशों का हुआ था। सिखों के दुश्मन की इस ताजा साजिश का सिख कौम द्वारा मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
कोर कमेटी ने प्रस्ताव में कहा कि खालसा पंथ द्वारा दी अद्वितीय कुर्बानियां, जोकि अपने चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा गुरुघामों की संभाल का हक हासिल करने के लिए लगाए जैतों का र्मोचा तथा अन्य र्मोचों के दौरान दी गई थी, पर अमरिंदर मिट्टी डालने की कोशिश कर रहा है। प्रस्ताव में कहा कि यह खालसा पंथ का एक बिल्कूल ही अलग प्रबंध है। उन्होने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पूर्वजों ने इस र्मोचे के दौरान गिरफतारियां दी थी। महात्मा गांधी ने इस र्मोचे की सफलता को भारत का पहला स्वतंत्रता आंदोलन करार दिया था। पर अंग्रेजों के मोहरे रजवाड़ों तथा महंतो ने हमेशा सिख र्मोचों तथा महात्मा गांधी का विरोध किया था। अमरिंदर का हलफिया बयान उस रजवाड़ा मानसिकता का प्रतीक है तथा यह सिखों के विरूद्ध कांग्रेस के षड़यंत्रों के लिए फिट बैठता है।
अकाली दल ने कहा कि अमरिंदर का शपथ पत्र कानूनी तथा सवैंधानिक तौर पर भी बेहद अजीब हैं तथा यह इस मुद्दे पर पिछली राज्य सरकार के हलफिया बयान के बिल्कूल विपरित है। पिछली सरकार द्वारा एसजीपीसी के टूकड़े करके हरियाणा के लिए अलग सिख गुरुद्वारा कमेटी बनाने का सख्त विरोध किया गया था।
पार्टी द्वारा इन मुद्दों समेत कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा शपथ खाकर किए सभी वादों पर कांग्रेस सरकार द्वारा दिखाई पीठ का पर्दाफाश किया जाएगा। इस संबधी अकाली दल द्वारा 11 फरवरी को अमृृतसर, 25 फरवरी को फिरोजपुर तथा होला मोहल्ला के अवसर पर 9 मार्च को श्री आंनदपुर साहिब में रैलियां की जाएंगी।
कोर कमेटी की मीटिंग में जत्थेदार तोता सिंह, भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल, हरि सिंह जीरा, निर्मल सिंह काहलों, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुलजार सिंह रणीके, बीबी उपिंदरजीत कौर, बीबी जागीर कौर, जनमेजा सिंह सेखों, बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सुरजीत सिंह रखड़ा तथा बलदेव सिंह मान ने भाग लिया ।