मुख्यमंत्री ने दिए न्यायिक जांच के आदेश,जेल सुरक्षा के लिए जि़म्मेदार व्यक्तियों के भी तुरंत निलंबन के आदेश
अमृतसर , 2 फरवरी। केंद्रीय जेल अमृतसर में केंद्रीय जेल प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही के चलते तीन हवालातियों ने बैरक की इंटे निकाल कर, स्टील की बार तथा रजाई के कवर का इस्तेमाल कर जेल की दो दीवारों फांद कर फरार हो गए। इस संबंधी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की ओर से न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए है। इसी के साथ ही जेल की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को पैंडिंग जांच के साथ तुरंत निलंबित करने के आदेश दिए है। हवालतियों की ओर से भागने की घटना को अंजाम 3.20 मिनट पर दिया गया। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार भागने वाले हवालाती बैरक तोड़ते ही जेल की अंदरुनी और बाहरी दीवार फांद कर फरार हो गए। इस संबंधी न्यायिक जांच जालंधर डिवीजऩ के कमिश्नर को करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री की ओर से ए.डी.जी.पी जेल को जेलों की सुरक्षा पूरी चौकस करने के आदेश देते हुए कहा कि भागने वाले हवालातियों को पकडऩे के लिए राज्य स्तर पर तलाशी अभियान शुरु कर दिया गया है। सुरक्षा में लापरवाही का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने जेल की सुरक्षा की समीक्षा के साथ-साथ इसे और मज़बूत करने के हुक्म दिये। उन्होंने न केवल इस जेल की बल्कि राज्य की अन्य जेलों की भी कड़ी सुरक्षा के हुक्म दिये।
शुरुआती जांच में पता चला है कि इस जेल में मौजूद अन्य कैदियों ने जेल गार्डों को इन हवालातियों के भागने संबंधी सचेत भी किया था जिनमें फरार हुए हवालतियों में से एक का भाई भी शामिल है। प्राथमिक जांच के अनुसार भागने वालों को अभी तक बाहर से किसी भी तरह की मदद का सबूत नहीं मिला है जिससे सिद्ध होता है कि अहाता नंबर 2 की बैरक नंबर 7 के 61 कैदियों में से ये तीन हवालाती कैदी अपने आप भागे हैं।
इस संबंधी पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने अन्य विवरण जारी करते हुए बताया कि भागने वालों ने बैरक की दीवार में से 10 ईंटें निकाल कर एक छेद बना लिया था। पहले उन्होंने अंदरूनी दीवार कूदी जोकि 16 फुट के करीब ऊँची थी और फिर बाहरी दीवार कूदी जोकि 21 फुट के करीब ऊँची थी। इसको कूदने के लिए उन्होंने स्टील बार की हुक का इस्तेमाल किया और सीढ़ी बनाने के लिए रज़ाई के कवर का प्रयोग किया। अंत में वह टावर नंबर 10 के पास से जेल कंपलैक्स में से भाग गए जो सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में नहीं है।
भागने वाले हवालाती में से एक की पहचान विशाल पुत्र सतीश कुमार आयु 22 वर्ष निवासी अरा कालोनी, मजीठा रोड, अमृतसर के तौर पर हुई है जिसके खि़लाफ़ थाना छेहरटा में 2 अप्रैल 2019 को पोसको एक्ट की धारा 376 के अंतर्गत 51 नंबर एफ आई आर दर्ज थी। वह जेल में 5 अप्रैल 2019 से बंद था। बाकी दो भाई हैं जिनकी पहचान गुरप्रीत पुत्र सुखदेव सिंह आयु 34 वर्ष और जरनैल पुत्र सुखदेव सिंह आयु 25 वर्ष निवासी चंडीगढ़ रोड, खडूर साहिब, तरनतारन के तौर पर हुई। इनके खि़लाफ़ अमृतसर बी डिवीजऩ थाने में आई पी सी की धारा 379-बी और 395 के अंतर्गत एफ आई आर नंबर 165/18 और आईपीसी की धारा 399, 402 के अंतर्गत एफ आई आर नंबर 41/19 दर्ज थी। यह दोनों जेल में 8 जुलाई 2019 से बंद थे। डी जी पी ने बताया कि भागने वाले विशाल का भाई गौरव भी उसी बैरक में था जो नहीं भागा।